वर्ष - 29
अंक - 9
15-02-2020
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16 फरवरी 2020 से यंग इंडिया अगेंस्ट सीएए, एनपीआर एनसीआर के बैनर तले आइसा महासचिव और जेएनएसयू छात्रसंघ के पूर्व महासचिव संदीप सौरभ, आरवाइए के बिहार राज्य सचिव सुधीर कुमार और आइसा के बिहार राज्य सचिव सबीर कुमार ने नवादा, नालंदा, गया, जहानाबाद, अरवल, मसौढ़ी और पालीगंज में छात्र-युवाओं की बैठकों और इन जिलों में शाहीनबाग के तर्ज पर चल रहे धरनों में शामिल होकर सीएए, एनपीआर एनसीआर के खिलाफ चल रही लड़ाई को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और 25 फरवरी 20120 को आयोजित हो रहे बिहार विधानसभा मार्च और 3 मार्च 2020 को संसद मार्च में शामिल होने की अपील की.

16 फरवरी को इन नेताओं ने नवादा में विभिन्न छात्र-युवा संगठनों की बैठक आयोजित की और एक टीम बनाकर गैर मुस्लिम तबकों, खासकर गांव के गरीब-दलित मजदूरों के बीच प्रचार-प्रसार करने की योजना बनवाई. उन्होंने तीन जगहों पर जाकर वहां चल रहे धरनों को संबोधित किया और लोगों से 25 फरवरी के विधानसभा मार्च तथा 3 मार्च के संसद घेराव के लिए समर्थन मांगा और लोगों से उसमें शामिल होने की अपील की. 17 फरवरी को बिहारशरीफ में भी ऐसी ही एक बैठक आयोजित हुई जिसमें छात्र-युवाओं के अलावे वहां कुल आठ जगहों पर चल रहे धरने के नेतृत्वकारी लोगों ने भी हिस्सा लिया. नेताओं ने सभी धरनास्थलों पर जाकर लेगों को संबोधित किया. लोगों ने 25 फरवरी के बिहार विधानसभा घेराव और 3 मार्च के दिल्ली कूच के लिए काफी उत्साह दिखाया.

18 फरवरी को गया के बारा (चाकन्द) और शांतिबाग में चल रहे धरने को संबोधित करने के बाद इन नेताओं ने इन धरनों के नेतृत्वकारी लोगों ने हमारे साथ अलग से बैठक कर आंदोलन को व्यापक बनाने पर चर्चा की. 19 फरवरी को जहानाबाद में युवाओं की बैठक हुई और गांव-मुहल्लों में व्यापक प्रचार करने की योजन बनी. जहानाबाद में फिदा हुसैन मोड़ पर चल रहे धरना को संबोधित करने के बाद इन नेताओं ने मसौढ़ी (पटना जिला) पहुंचकर वहां भी चल रहे धरने को संबोधित किया. आइसा व आरवाइए नेताओं ने 20 फरवरी को अरवल में बैठक कर विधानसभा मार्च व संसद घेराव में चलने का आह्वान किया, वहां भी चल रहे धरने को संबोधित किया. देर रात को वे पालीगंज के सिंगोड़ी (पटना जिला) पहुंचे जहां भारी जनभागीदारी और उत्साहपूर्ण स्वागत के बीच उन्होंने वहां चल रहे धरना को संबोधित किया.

अपने संबोधनों में का. संदीप सौरभ ने कहा कि सरकार सीएए, एनआरसी, एनपीआर को लेकर जनता में भ्रम पैदा कर रही है. एक तरफ गृह मंत्री कहते है कि हर हाल में एनआरसी पूरे देश मे लागू होगा और उन्होंने सभी राज्यों को डिटेंशन कैम्प का निर्माण करने आदेश दिया है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री बेशर्मी से कहते है देश मे कोई डिटेंशन कैम्प नही बन रहा है. सच्चाई यह है कि सिर्फ असम में 6 डिटेंशन कैम्प बन चुके हैं.

उन्होंने कहा कि यह कानून लोगों की गोपनीयता और आर्थिक सुरक्षा को खतरे में डाल डालेगा. यह कानून गरीब विरोधी है और इससे जितना खतरा मुस्लिम समुदाय को है उतना ही दूसरे समुदायों को भी है. देश की जनता जाग चुकी है और वह आने वाले दिनों में संघ-भाजपा को हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास के कूड़ेदान में डाल देगी.