डिटेंशन कैम्पों में लगातार हो रही मौतों के खिलाफ भाकपा(माले) के आह्नान पर गत 6 नवम्बर 2019 को देशव्यापी प्रतिवाद प्रदर्शन कार्यक्रम हुए. भाकपा(माले) ने इन डिटेंशन कैम्पों को हिटलर के कन्संट्रेशन कैम्पों का नया संस्करण बताया है और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का समूचे भारत में विस्तार करने तथा साम्प्रदायिक आधार वाले नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) लाने के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है.
असम के नगांव, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, सिलचर, टिंगखांग, बिश्वनाथ, बरगांग, दिफू आदि स्थानों में डिटेंशन कैम्प में हो रही मौतों के खिलाफ तीव्र प्रतिवाद प्रदर्शन आयोजित किये गये.
बिहार की राजधानी पटना में कारगिल चौक पर भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने विरोध सभा का आयोजन किया. ‘डिटेंशन कैंप में हुई मौतों के जिम्मेवार मोदी-शाह जवाब दो’, ‘देश भर में एनआरसी को थोपना बंद करो’, ‘डिटेंशन कैंपों को बंद करो’, ‘नागरिकता पर हमला नहीं सहेंगे’ आदि नारे लगा रहे थे. का. रणविजय कुमार के संचालन में हुई सभा को वरिष्ठ नेता का. राजाराम, ऐपवा नेत्री का. अनिता सिन्हा व ऐक्टू नेता का. रामबली प्रसाद ने संबोधित किया. मौके पर केंद्रीय कमिटी के सदस्य व पटना नगर के सचिव अभ्युदय, ऐक्टू के राज्य सचिव का. आरएन ठाकुर, भाकपा(माले) की राज्य कमेटी के सदस्य का. रामबलि प्रसाद व उमेश सिंह, पटना नगर के पार्टी नेता का. मुर्तजा अली, जितेन्द्र कुमार, अनुराधा, बीके शर्मा, नसीम अंसारी, अनय मेहता, पन्नालाल सिंह तथा इनौस के विनय कुमार, लंकेश कुमार आदि समेत कई नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे.
इसके अलावा भी कई जिला व प्रखंड मुख्यालयों पर विरोध कार्यक्रम आयोजित किए गए. नालंदा में माले कार्यकर्ताओं ने बिहारशरीफ में धरना दिया. जिसका नेतृत्व पार्टी के जिला सचिव सुरेन्द्र राम, मकसुदन शर्मा, मनमोहन, पाल बिहारी लाल आदि नेताओं ने किया.
मसौढ़ी में खेग्रामस के राज्य सचिव का. गोपाल रविदास, अकलू पासवान, कमलेश कुमार आदि नेताओं की अगुआई में विरोध प्रदर्शन हुआ.अरवल में जिला सचिव का. महानंद, विजय यादव, जितेन्द्र यादव आदि के नेतृत्व में विरोध मार्च किया गया. नवादा में माले कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया. जहानाबाद में जिला सचिव का. श्रीनिवास शर्मा, किसान महासभा के राज्य सचिव का. रामाधार सिंह, हसनैन अंसारी आदि के नेतृत्व में शहर में मार्च आयोजित हुआ. सीवान, दरभंगा, मुजफ्फरपुर आदि जिलों में विरोध कार्यक्रम आयोजित हुए.
वक्ताओं ने डिटेंशन कैंपों में हुई मौतों के लिए मोदी-शाह की जोड़ी को पूरी तरह से जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि संघ-भाजपा नेता पूरे देश में एनआरसी थोपना चाहते हैं और नागरिकों को नागरिक के बजाय शरणार्थी करार देने पर आमादा हैं. भाकपा(माले) उनकी इन कोशिशों को कभी कामयाब नहीं होने देगी.
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में कई स्थानों पर प्रतिवाद कार्यक्रम हुए. मौलाली में भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. पार्थ घोष, अतनु चक्रवर्ती, दिवाकर भट्टाचार्य समेत कई नेताओं ने प्रतिवाद सभा को संबोधित किया और नरेन्द्र मोदी-शाह का पुतला जलाया. इसके अलावा सिलीगुड़ी, नदिया, हुगली, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, जलपाईगुड़ी समेत कई जिलों में प्रतिवाद सभाएं हुईं.
ओड़िशा के भुवनेश्वर और रायागड़ा में प्रतिवाद कार्यक्रम हुए. पंजाब में भी मानसा, बटाला, गुरुदासपुर एवं अन्य स्थानों पर एनआरसी तथा डिटेंशन में मौतों के खिलाफ प्रतिवाद कार्यक्रम हुए.
उत्तराखंड के हलद्वानी में भाकपा(माले) द्वारा बुद्ध पार्क में ‘प्रतिवाद-धरना’ आयोजित किया गया. धरना को संबोधित करनेवालों में भाकपा(माले) के राज्य सचिव का. राजा बहुगुणा, नैनीताल जिला सचिव का. कैलाश पाण्डेय, वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी, अम्बेडकर मिशन के अध्यक्ष जी.आर. टम्टा, सामाजिक कार्यकर्ता इस्लाम हुसैन, पूर्व सैनिक संगठन के एनडी जोशी आदि शामिल रहे. वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार पूरे देश में असुरक्षा व भय का माहौल बना रही है और भारत को हिटलर वाले जर्मनी के सांचे में ढालना चाहते हैं. यह मानवाधिकारों व लोकतंत्र पर सीधा हमला है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में धरना-प्रदर्शन हुए. इन विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से भेदभावपूर्ण नागरिकता संशोधन विधेयक वापस लेने और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को रद्द करने की मांग की गई. राजधानी लखनऊ में हज़रतगंज अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर जोरदार नारों के बीच धरना दिया गया. इंनौस के प्रदेश सहसचिव राजीव गुप्त के संचालन में हुए धरना को पार्टी के वरिष्ठ नेता का. रमेश सेंगर, राज्य कमेटी सदस्य का. राधेश्याम मौर्य, ऐपवा नेता का. मीना सिंह व सरोजिनी बिष्ट, जसम के कौशल किशोर, आइसा के प्रदेश सचिव शिवा रजवार, ऐक्टू नेता मधुसूदन मगन, इंनौस के ओमप्रकाश राज आदि ने संबोधित किया.
मिर्जापुर में केंद्रीय कमेटी सदस्य मोहम्मद सलीम व जिला कमेटी सदस्य आशाराम भारती के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. इलाहाबाद में बालसन चौराहे पर जिला प्रभारी का. कमल उसरी, इनौस के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य व आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान के नेतृत्व में धरना दिया गया. अयोध्या (फैजाबाद) में जिला प्रभारी का. अतीक व राज्य कमेटी सदस्य रामभरोस के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन दिया. जालौन में जिला सचिव का. राजीव कुशवाहा तथा रामसिंह के नेतृत्व में प्रतिरोध मार्च निकाला गया. सीतापुर जिले में जिला सचिव का. अर्जुन लाल, ऐपवा नेता सरोजिनी के नेतृत्व में हरगांव ब्लाॅक मुख्यालय पर धरना दिया गया. मथुरा में जिला प्रभारी का. नशीर शाह के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया.
झारखंड की राजधानी रांची में प्रतिवाद मार्च निकाल कर राजभवन के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया गया जिसे राज्य सचिव का. जनार्दन प्रसाद ने भी संबोधित किया और डिटेंशन कैंप में हुई मौतों की न्यायिक जांच कर दोषियों को सजा और मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की. जिला सचिव का. भुवनेश्वर केवट, वरिष्ट नेता का. बशीर अहमद, गौतम मुंडा, सूर्यकान्त सिंह, जगमोहन महतो, भीम साहू, अशोक प्रधान, रविकांत बेरिया, आयती तिर्की, नौरीन अख्तर, मंजू आदि इसमें मुख्य रूप से उपस्थित थे.
डिटेंशन कैम्प मौत के खेमे हैं – इन्हें बंद करो!
भारत भर में एनआरसी की योजना वापस लो!
नागरिकता संशोधन बिल वापस लो!
केन्द्रीय कमेटी, भाकपा(माले)