सीतापुर (उत्तरप्रदेश) में ऐपवा का तीसरा जिला सम्मेलन शहर के लालबाग में 26 अक्टूबर को सम्पन्न हुआ. सम्मेलन स्थल का नाम का. रमा गैरोला सभागार रखा गया और सम्मेलन को कामरेड तारावती की स्मृति को समर्पित किया गया. सम्मेलन में प्रस्तुत सांगठनिक रिपोर्ट पर चर्चा व उसे पारित करने के बाद 13 सदस्यीय जिला कमेटी का गठन किया गया. का. सरोजिनी को अध्यक्ष व का. गीता को जिला सचिव चुना गया. सम्मेलन में 150 से अधिक महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष का. कृष्णा अधिकारी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात करनेवाली भाजपा की केंद्र में उसकी प्रचंड बहुमत की सरकार है, लेकिन 33 प्रतिशत महिला आरक्षण बिल सालों से रुका पड़ा है. देश की लाखों कामकाजी महिलाओं को, जिनमें रसोइया, आशा, आंगनबाड़ी, स्कीम वर्कर शामिल हैं, न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है. यह महिलाओं के साथ बड़ा अन्याय है. फासीवादी मोदी सरकार तमाम संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करके भारतीय संविधान की मूल भावना को नष्ट कर रही है और संघ प्रायोजित हिंदूवादी एजेंडे को देश की जनता पर जबरिया थोप देना चाहती है.
का. सरोजिनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जहां एक ओर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देती है वहीं उसकी सरकार में शामिल विधायक, मंत्री, राजनीतिज्ञ बने संत-गुरु आदि बलात्कार की घटनाओं में पकड़े जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड से लेकर देवरिया बालिका गृह कांड तक बड़ी-बड़ी घटनाएं हुई हैं. महिलाओं पर हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं.