वर्ष - 33
अंक - 50
07-12-2024

उत्तर प्रदेश शासन की मंशा दलितों पिछड़ों को न्याय देने की नहीं है

3 दिसंबर 2024 को जिला मुख्यालय गोरखपुर से 18 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम गीडा थाना अंतर्गत ग्राम अमटौरा  में दबंग राजपूतों द्वारा दिनदहाड़े 12 बजे निषाद परिवार के मुखिया 55 वर्षीय शिवधनी निषाद की घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गयी. उनकी पत्नी भी गोली से घायल हैं और मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती हैं. राजपूतों ने गोली मारने के बाद उनके घर में आग लगा दिया. पुलिस प्रशासन ने रातोंरात पोस्टमार्टम करा कर शव को घर भिजवा दिया और 7 बजे ही एसडीएम और सीओ ने भारी पुलिस बल के साथ जाकर उनका दाह संस्कार भी करवा दिया. इसके बाद वे परिजनों पर मामले को रफा-दफा कर देने का दबाव बनाने लगे. चुकि यह क्षेत्र (अमटौरा, बेलवा डाढ़ी कैली और कटका) राजपूत बर्चस्व वाला है. यहां उनके द्वारा हर साल-दो साल में निषादों पिछड़ों व दलितों की हत्या होती ही रहती है. 2002 में कटक में राजपूतों द्वारा निषादों के ऊपर सामूहिक तौर पर गोली चलाकर दो लोगों की हत्या कर दी गई थी एवं दर्जनों को घायल कर दिया गया था. इसलिए आम जनमानस में उनके वर्चस्व के डर से कोई सामने आना नहीं चाहता है जो कोई आता भी है एक औपचारिक तरीके से ही आता है.

इस घटना में पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है और दो  लोगों को हाजिर भी करवा दिया है. यह संयोग है कि उस दिन मुख्यमंत्री योगी भी शहर में मौजूद थे. लेकिन मृतक परिजनों एवं लोगों द्वारा बार-बार मांग करने पर भी कि वे एक मिनट के लिए मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाने आने या अपने किसी प्रतिनिधि को भेजने का कष्ट गवारा नहीं किया. डीएम ने मोबाइल से मांगे मान लेने का आश्वासन दिया और दाह संस्कार करा दिया गया.

भाकपा(माले) राज्य स्थाई समिति के सदस्य राजस्थान के नेतृत्व में एक जांच दल प्रातः 7 बजे ही मौके पर पहुंच गया. जांच दल ने परिजनों को ढांढस बंधाया और घटना के पीछे लंबे दोनों से चले आ रहे सामंती वर्चस्व एवं पुलिस की लापरवाही को ही मुख्य कारण बताया.

शिवधनी का घर 2006 में भी उन्हीं लोगों के द्वारा आग लगाकर जला दिया गया था जिसमें शिवधनी ने मुकदमा दर्ज कराया था. तीन-चार साल बाद इन लोगों ने डरा-धमकाकर मुकदमा में सुलह कर लिया था. शराब पिलाने के लिए पैसा ना देने पर वे बीच-बीच में भी उनको मारते-पीटते रहे हैं. 2 दिसंबर को घटना भी उसी का परिणाम है.

परिजनों ने डीएम-सीएस के न आने पर एसडीएम सहजनवा द्वारा मोबाइल पर लोगों के सामने डीएम को अपना मांग पत्र सौपा, जिसमें शिवधनी के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, परिजनों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा देने, मृतक के परिजनों को बसने के लिए 10 डिसमिल जमीन देने, एक प्रधानमंत्री आवास देने, लाइसेंसी असलहा देने, दोषियों पर रासुका लगाने, पीड़ित परिवार की सुरक्षा देने एवं गीडा थाना अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने का मांग पत्रा सौपा. डीएम ने मोबाइल से सबको अपना आश्वासन सुनाते हुए कहा कि परिजनों की मांग स्वीकार की जाएगी. पीड़ित परिवार आज भी दहशत में है. वहां मौजूद पुलिस बल हमलावरों के घर की गाय वगैरह की सुरक्षा कर रही है और पुलिस-प्रशासन पीड़ितों की पक्ष में कोई भी कार्यवाही करने की मंशा में नहीं दिख रहा है. इस संदर्भ में सामाजिक संगठन और इंडिया गठबंधन की घटक दलों से विचार विमर्श करके डीएम द्वारा दिया गये आश्वासन को पूरा करवाने के लिए रूपरेखा बनाई जा रही है. जांच दल में बजरंगी लाल निषाद, शिव भोले निषाद, सुबाष पाल एडवोकेट व बसपा नेता हरिगोविंद निषाद शहीद दर्जनों लोग उपस्थित रहे.

– राजेश साहनी