[ भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी की तीन दिवसीय बैठक पीलीभीत के बल्लभ नगर कालोनी स्थित भाकपा(माले) जिला कार्यालय – का. विनोद मिश्र भवन – में संपन्न हुई. बैठक में शामिल भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के सदस्य व उत्तर प्रदेश राज्य प्रभारी का. कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य का. रामजी राय, राज्य सचिव सुधाकर यादव, केंद्रीय कमेटी सदस्य व ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष का. कृष्णा अधिकारी ने संयुक्त रूप से एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया.यहां प्रस्तुत है उसका सार-संक्षेप ]
भाकपा(माले) की उत्तर प्रदेश राज्य कमेटी पार्टी केंद्रीय कमेटी के ‘संविधान बचाओ अभियान’ को जो 26 नवंबर से 26 जनवरी तक, पूरे दो महीने तक चलेगा और राज्य में पार्टी द्वारा 26 नवंबर को जिला मुख्यालयों पर संविधान की प्रस्तावना का पाठ करते हुए संकल्प लेकर जो शुरू भी हो चुका है, पूरी ताकत से आम जनता के बीच संचालित करेगी.
इस अभियान के दौरान ही आनेवाले काकोरी कांड शहादत दिवस 19 दिसंबर को हमारी ओर से राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का भी आह्वान किया गया है.
हाल ही घटित हुए संभल कांड में मुस्लिम नौजवानों की हत्या राज्य प्रायोजित व योगी सरकार व संघ की सोच समझी रणनीति का परिणाम है. संघ व भाजपा लगातार सांप्रदायिक मु्द्दों को हवा देकर समाज में विभाजन व तनाव को बढ़ा रही है. भाकपा(माले) सांसद सुदामा प्रसाद व केंद्रीय कमेटी सदस्य कृष्णा अधिकारी के नेतृत्व में 1 दिसंबर को संभल कांड की जांच व पीड़ित परिवारों से मुलाकात के लिए जा रहे भाकपा(माले) प्रतिनिधि मंडल को मुरादाबाद में गिरफ्तार कर रोका जाना यह दर्शाता है कि योगी सरकार किसी भी तरह की लोकतांत्रिक गतिविधि को बर्दाश्त करने को तैयार नही है. बुलडोजर, दमन व आतंक का शासन ही योगी सरकार की पहचान है.
योगी सरकार द्वारा प्रदेश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को रोकने के बहाने एस्मा लागू करने की घोषणा मजदूरों व् कर्मचारियों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. इसे तत्काल वापस लेना चाहिए. भाकपा(माले) मजदूर आन्दोलन को सक्रिय सहयोग देने का का संकल्प लेती है.
योगी राज में दलितों, महिलाओं व समाज के कमजोर तबकों पर लगातार हमला बढ़ता जा रहा है. सरकार आमजन को आवास-आजीविका से संचित करने का अभियान चला रही है. शिक्षा व रोजगार पर हमले के खिलाफ नौजवान सड़कों पर उतर रहे है, सरकार नौजवानों के साथ लाठियों से बर्ताव कर रही है. पार्टी समाज के विभिन्न हिस्सों के चल रहे लोकतांत्रिक आंदोलनों से मजबूत एकता बनाएगी और महिलाओं, छात्रों, नौजवानों व गरीबों किसानों के आंदोलनों को धार देगी तथा उनके बीच से पार्टी सदस्यों को भर्ती करते हुए 15-16 फरवरी को बलिया में आयोजित होने जा रहे अपने राज्य सम्मेलन को पूरी तरह से सफल करेगी. इस सम्मेलन से संविधान, लोकतंत्र व जनाधिकारों के लिए योगी सरकार के खिलाफ प्रतिरोध की आवाज को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया जायेगा और उसे निर्णायक तौर पर परास्त किया जायेगा.