‘खेत, खेती, किसान बचाओ – एमएसपी गारंटी कानून लाओ कार्पारेट लूट का राज मिटाओ’ नारे के साथ का. रामस्वरुप यादव नगर, का. बजरंग लाल महला हॉल, (सामुदायिक विकास भवन) झुंझुंनू में 28 सितंबर को अखिल भारतीय किसान महासभा का प्रथम राज्य सम्मेलन संपन्न हुआ.
सम्मेलन का उद्घटन करते हुए भाकपा(माले) के के राज्य सचिव का. शंकरलाल चौधरी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों की कार्पारेट परस्त नीतियों की वजह से खेती अलाभकारी हो गई. केंद्र की मोदी सरकार के हर बजट में कृषि क्षेत्र की मद घटाते जाने के कारण खेती पर निर्भर किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने उममीद जाहिर की कि राज्य सम्मेलन खेती के निगमीकरण के प्रयासों के खिलाफ देश भर में चल रहे किसान संघर्षों का साथ देने के लिए किसानों को गोलबंद करेगा.
सम्मेलन की अध्यक्षता रामस्वरुप मणकश, जयपाल बसेरा, ओमप्रकाश पूनियां, शांतिलाल त्रिवेदी व गौतम मीणा के 5 सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने किया. राज्य संयोजन समिति की तरफ से का. रामचंद्र कुलहरि ने सांगठनिक रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट पर का. फूलचंद ढेवा, का. शंकरलाल चौधरी, का. प्रेम सिंह नेहरा, इंद्राज सिंह चारावास, बाबूलाल देवला, जसवीर सिंह नेहरा,रंगलाल सिंह, गौतम मीणा व महेश पूनियां आदि दर्जनों साथियों ने सुझाव दिए. सम्मेलन में आये सुझावों को रिपोर्ट में शामिल करने का निर्णय किया गया.
सम्मेलन में प्रस्ताव पारित हुआ कि केंद्र सरकार सभी फसलों की गारंटी के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाकर एमएस पी गारंटी कानून बनाये. रिजर्व बैंक के आंकडे के अनुसार वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र ने जीडीपी में दो लाख दस हजार करोड़ रुपए का योगदान दिया है लिहाजा किसानों का कर्जा माफ किया जाये, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कंपनियां हजारों करोड़ रूपये की जो मुनाफा काट रही हैं, उस पर रोक लगे, बीमा नीति किसान संगठनों की सलाह पर किसान हित में बनाई जाये. आवारा पशुओं की समस्या के चलते किसानों की खेती की बर्बादी रोकने के लिए गो-सरंक्षण कानून में संशोधन किया जाये. सरकार बछड़ोंको बेचने और पशु व्यापारियों के सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था करें. सरकार दुग्ध उत्पादक किसानों को दुग्ध का लाभकारी मूल्य दिया जाये. काटली नदी सहित तमाम नदी, नालों के दोहन पर रोक लगे. वन संरक्षण अधिनियम 2022 में पूंजिपतियों की घुसपैठ का रास्ता बंद हो, विद्युत उपभोक्ताओं से अबाध लूट के लिए लगाये जा स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक लगे, सभी जिलों में सहकारी दुग्ध डेयरी खोली जाये. गोपालक किसानों को सहकारी बैंकों द्वारा दिये जाने वाले एक लाख रुपए तक के ब्याज मुक्त कर्ज में दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का सदस्य होने की रोक हटाई जाये.
सम्मेलन में 21 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया जिसमें का. फूलचंद ढेवा को अध्यक्ष तथा का. रामचंद्र कुलहरि को राज्य सचिव चुना गया.