13 सितंबर, 2024 को पुराना विधानसभा हॉल, रांची में आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा द्वारा छात्र-युवा कन्वेंशन का आयोजन किया गया. इस कन्वेंशन की अध्यक्षता आरवाइए के राज्य अध्यक्ष संदीप जायसवाल तथा मंच संचालन आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ ने किया. कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भाकपा(माले) के महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य के वक्तव्य के साथ हुई.
कन्वेंशन को संबोधित करते हुए का. दीपंकर भट्टाचार्य ने निजीकरण के बढ़ते प्रभावों पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि निजीकरण, विशेषकर झारखंड में, तीव्र गति से बढ़ रहा है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्रों और शैक्षणिक संस्थानों में कटौती हो रही है और रोजगार और शिक्षा के अवसर घट रहे हैं. उन्होंने धार्मिक कट्टरवाद के प्रसार और आरक्षण के मुद्दों पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदाय के छात्रों को आरक्षण के खिलाफ हमलों का सामना करना पड़ रहा है, और रोजगार के अवसरों की कमी के कारण पलायन बढ़ रहा है. उन्होंने सम्मानजनक रोजगार गारंटी की मांग की.
बगोदर के विधायक का. विनोद सिंह ने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा से संबंधित समस्याओं को प्रमुखता से उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करने में बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं. ये बाधाएं मुख्य रूप से कभी राज्यपाल के माध्यम से तो अभी हाइकोर्ट/सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों द्वारा खड़ी की जा रही हैं. इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा राज्य को मिलने वाली सहायता राशि में भी भारी कटौती की जा रही है.
आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीलाशीष बोस ने शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों पर हो रहे हमलों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि छात्रहित की बात करने वाले कार्यकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है और नयी शिक्षा नीति के नाम पर फीस में वृद्धि और अनुदान राशि में कटौती की जा रही है. उन्होंने आश्वस्त किया कि आइसा इन मुद्दों पर लगातार आंदोलन करती रहेगी.
कन्वेंशन में आइसा और आरवाइए के अविनाश रंजन, सोमनाथ चक्रवर्ती, धीरज शर्मा, विभा, दिव्या भगत, रंजित सिंह, गुड्डू भुइयां, संजना मेहता, जयबीर हांसदा, सोनू और शिव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे.