वर्ष - 33
अंक - 37
07-09-2024

जनता के तमाम मुद्दों पर जन पहलकदमी तेज करते हुए भाकपा(माले) को मजबूत बनाने और सांप्रदायिक फासीवादी व कारपोरेट परस्त भाजपा को शिकस्त देने का के संकल्प के साथ 1 सितम्बर 2024 को फतुहा (पटना जिला) में भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता और आइपीएफ के संस्थापक महासचिव कामरेड राजाराम को उनकी पहली बरसी पर याद किया गया.

फतुहा के विश्वबंधु पुस्तकालय में भाकपा(माले) की प्रखंड कमेटी द्वारा आयोजित इस श्रद्धांजलि सभा में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं, का. राजाराम के परिजनों – पत्नी, बेटे, बहू, पुत्र और दामाद सहित संघर्ष के दिनों के कई साथी भी शामिल रहे. सभा में फतुहा, दनियांवा, मोकामा और बेल्छी के इलाके से आए सैकड़ों महिला-पुरूष पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया.

सभा की शुरुआत उनके तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने और उनको दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. श्रद्धांजलि सभा में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं – पोलित ब्यूरो सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, पटना जिला सचिव का. अमर, आरा के पूर्व सांसद का. रामेश्वर प्रसाद, खेग्रामस महासचिव का. धीरेन्द्र झा, एमएलसी और स्कीम वर्कर्स की राष्ट्रीय नेता का. शाशि यादव, लोकयुद्ध के संपादक का. संतोष सहर, फुलवारी विधायक का. गोपाल रविदास और अगिआंव के पूर्व विधायक का. मनोज मंजिल, भाकपा(माले) राज्य कमेटी के सदस्य का. कमलेश कुमार, माधुरी गुप्ता और का. अभिषेक (का. राजाराम के पुत्र) समेत उनकी जीवन संगिनी व ऐपवा नेत्री का. संगीता तथा पटना जिला कमेटी के कई वरिष्ठ पार्टी नेता मौजूद थे.

सभा में बिहार में भाकपा(माले) द्वारा चलाये जा रहे ‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान को तेज करने का भी संकल्प लिया गया. सभा में शामिल स्थानीय नागरिकों ने कहा कि का. राजाराम फतुहा के सच्चे लाल थे, जिन्होंने देश भर में लाल झंडे की ताकत को बढ़ाने का काम किया. संविधान व लोकतंत्र पर बढते हमले के खिलाफ मजदूर-किसानों की दावेदारी को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के जरिए ही का. राजाराम के अधूरे सपनों को पूरा किया जा सकता है. यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.