वर्ष - 33
अंक - 38
14-09-2024

voice-of-the-opposition9 सितंबर 2024 को शाम 6.30 बजे भाकपा(माले) अरवल जिला कमिटी सदस्य का. सुनील चंद्रवंशी (55 वर्ष) की हत्या अपराधियों ने कर दी. वे मोटरसाइकिल से करपी से अपने गांव छक्कन बिगहा लौट रहे थे. इमामगंज बाजार और कोचहसा गांव के बीच अवस्थित राइस मिल के नजदीक घात लगाए अपराधियों से गोली चलाकर उनकी हत्या कर दी.

का. सुनील चंद्रवंशी 2012 में पीपुल्स वार से भाकपा(माले) में शामिल हुए थे. वे करपी के उत्तरी इलाके के पार्टी जिम्मेवार के बतौर कार्यरत थे. 2016 में उन्होंने करपी प्रखंड के अइयारा पंचायत से मुखिया का चुनाव भी लड़ा था. वे एक कुशल संगठक और जुझारू नेता थे. उनकी शहादत से पार्टी ने अपना एक महत्वपूर्ण नेता खो दिया है.

10 सितंबर को ‘सुनील चन्द्रवंशी अमर रहें’ नारे के साथ अरवल स्थित भाकपा(माले) कार्यालय सोन नदी तट तक निकाली गई उनकी अंतिम यात्रा में अरवल के जिला सचिव का. जितेन्द्र यादव, जहानाबाद के जिला सचिव का. रामाधर सिंह, अरवल के स्थानीय विधायक का. महानंद सिंह, घोषी विधायक का. रामबली सिंह यादव, राज्य कमिटी सदस्य का. श्रीनिवास शर्मा, अगिआंव विधायक काशिवप्रकाश रंजन सहित अरवल-जहानाबाद जिले के कई नेता शामिल हुए. का. सुनील चंद्रवंशी की हत्या के खिलाफ 11 सितंबर 2024 को अरवल जिला बंद और राज्यव्यापी प्रतिरोध आयोजित हुआ.

अरवल बंद का व्यापक असर दिखा

कॉमरेड सुनील चन्द्रवंशी की हत्या के खिलाफ आयोजित अरवल जिला बंद को भारी जनसमर्थन हासिल हुआ . दुकानदारों व वाहन चालकों ने स्वतः अपनी दूकोनें व वाहन बंद हो गए . दुकानदार अपनी दुकानें बंद कर बंद की सफलता में अहम भूमिका निभाई. जिला बंद होने के कारण बाहर से आने वाली सैकड़ों गाड़ियों की लंबी कतार लगी रही.

सुबह से ही सैकडों की संख्या में भाकपा(माले) कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर बंद को सफल बनाने में लगे रहे. सड़कों पर जत्थों में शामिल लोग ‘का. सुनील चन्द्रवंशी के हत्यारों को गिरफ्तार करो’. ‘सामाजिक कार्यकर्ता सुनील चन्द्रवंशी की हत्या क्यों? भाजपा -जदयू सरकार जवाब दो’ के नारे लगा रहे थे.

भाकपा(माले) विधायक महानंद सिंह, जिला सचिव जितेंद्र यादव, राज्य कमिटी सदस्य रवीन्द्र यादव, नगर सचिव नंदकिशोर ठाकुर, जिला पार्षद शाह शाद, टूना शर्मा, सुएब आलम, लीला वर्मा, राम कुमार वर्मा समेत भारी संख्या में नेता-कार्यकर्ता इन जत्थें की अगुआई कर रहे थे.

भगतसिंह चौक के पास जाम किया गया

अरवल बंद के दौरान भगतसिंह चौक पर भारी संख्या में उपस्थित लोगों ने कई घंटों तक सड़क जाम कर सभा आयोजित की. सभा को सम्बोधित करते हुए का. महानंद सिंह ने कहा कि भाजपा-जदयू की सरकार कई तरीकों से दलित-गरीब व समाज के सबसे कमजोर लोगों के मनोबल को गिराने में लगी हुई है. गरीबों के घर बुलडोजर से ढाह कर, शराबबंदी कानून का इस्तेमाल कर गरीबों को जेल में डाल कर, सामंती ताकतों के जरिए हाथ काट कर, दबंगों द्वारा उनके मुंह पर पेशाब कर, गरीबों व उनके नेताओं की हत्या कर तथा गरीबों के पक्ष में खड़ा रहने वालों और उनके लिए संघर्ष करने वालों की फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल में डाल कर उनके अधिकर को नहीं कुचला जा सकता है.

उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित सामंती अपराधियां द्वारा सबसे निचली कतार वाले लोगों के लिए आवाज बुलंद करने वाले नेताओं-कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है और माओवादी के नाम का फर्जी पर्चा साटकर जिम्मवारी लेने की कुचाल के जरिए इसे दूसरी ओर मोड़ने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि का. सुनील चंद्रवंशी 2009 से ही भाकपा(माले) के साथ जुड़े हुए थे. कभी भी उनके ऊपर किसी तरह का कोई आरोप माओवादियों के द्वारा नहीं लगाया गया है. वे बड़ी सहजता के साथ (बिना किसी गार्ड अथवा सुरक्षा के) जनता के बीच काम कर रहे थे. इतने दिनों में उक्त संगठन द्वारा किसी तरह का कोई सवाल नहीं किया गया और अब उसके द्वारा उनकी हत्या बता देने की यह साजिश रची गई है. इस घटना में कुछ सफेदपोश भी संलग्न हैं जिसकी गहराई से जांच करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि यदि 10 दिनों के अंदर हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो और बड़ा आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने लोगों से का. सुनील चन्द्रवंशी के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लेने का आह्वान किया.

भाकपा(माले) जिला सचिव का. जितेंद्र यादव की अध्यक्षता और भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य का. रवीन्द्र यादव के संचालन में हुई सभा को शाह शाद, सुएब आलम, सुबोध यादव, जयनाथ यादव, टूना शर्मा, सुरेन्द्र प्रसाद आदि ने भी संबोधित किया.

राज्यव्यापी प्रतिवाद

हत्या के खिलाफ आहूत राज्यव्यापी प्रतिवाद के तहत भोजपुर, रोहतास, जहानाबाद, औरंगाबाद, समस्तीपुर, बेगूसराय, दरभंगा, पूर्णिया, पूर्वी व पश्चिम चंपारण, पटना ग्रामीण और पटना शहर समेत राज्य के विभिन्न जिलों में प्रतिवाद मार्च आयोजित हुए. पटना ग्रामीण, भोजपुर, जहानाबाद और रोहतास समेत कई जिलों में प्रखंड मुख्यालयों पर भी प्रतिवाद मार्च निकाले गए.