लखनऊ, 17 सितंबर 2024 : भाकपा(माले) ने लखीमपुर खीरी में पुलिस की हिरासत में कथित पिटाई से दलित युवक आकाश की मौत मामले में स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है. पार्टी ने कहा है कि फरधान थाना से जुड़ी घटना में मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पूछताछ के दौरान बर्बर पिटाई से मौत होने का आरोप लगाया है, इसलिए इसकी जांच खुद पुलिस के बजाय अन्य एजेंसी करे.
भाकपा(माले) ने कहा कि योगी राज में पुलिस निरंकुश हो गई है. कानून व्यवस्था भले ही न संभल रही हो, लेकिन वह लोगों की जानें ले रही है. बच्चियों व महिलाओं के साथ दुराचार की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी हैं, इसे रोक पाने में सरकार व पुलिस अक्षम है. लेकिन हिरासती मौतों में प्रदेश आगे है. दलित समुदाय सबसे आसान निशाना है. चाहे लखीमपुर खीरी हो, या अयोध्या जहां राम मंदिर में सफाई करने वाली दलित युवती के साथ गैंगरेप हुआ. मुख्यमंत्री को बढ़ रही बलात्कार की घटनाएं नहीं दिखतीं, केवल लव जिहाद दिखता है. कानून-व्यवस्था की समीक्षा संबंधी हाल की बैठक में सीएम को लव जिहाद ही प्रमुख समस्या लगी. यह हैरत की बात है.
भाकपा(माले) ने कहा कि लखीमपुर की घटना में परिजनों की शिकायत को संज्ञान में लेकर आरोपी पुलिस वालों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए. खबर के अनुसार, पुलिस आकाश को पांच सितंबर को चोरी की घटना में पूछताछ के लिए थाने लाई थी. अगले ही दिन उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां से हालत गंभीर होने के कारण लखनऊ रेफर किया गया. 14 सितंबर को इलाज के दौरान लखनऊ के अस्पताल में मौत हो गई. परिजनों के विरोध के बीच 16 सितंबर को उसे दफनाया गया.