हाल के दिनों में गया जिला में दलित उत्पीड़न की अनेक घटनाएं घटी हैं. खासकर मुसहर समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. विदित हो कि गया लोकसभा से बिहार के कद्दावार दलित नेता श्री जीतनराम मांझी जी ही सांसद हैं जो उसी समुदाय से आते हैं और फिलहाल केंद्रीय मंत्री भी हैं. इसके बावजूद मुसहर समुदाय को लगातार निशाना बनाया जाना न केवल भाजपा-जदयू सरकार को बल्कि व्यक्तिगत तौर पर श्री मांझी जी को भी कटघरे में खड़ा करता है.
पहली घटना, टिकारी प्रखंड के चिरैला गांव की है जहां ब्राह्मण जाति के भूस्वामियों ने एक भूमि विवाद के दौरान संजय मांझी ऊर्फ चोढी मांझी की हाथ तलवार से काट डाली थी. टिकारी विधानसभा के विधायक ‘हम’ पार्टी के ही अनिल शर्मा हैं. दूसरी घटना खिजरसराय के मूसेपुर गांव की है जहां ट्रैक्टर ड्राइवर सजन मांझी की केवल इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि उन्होंने अपनी 100 रुपये की बकाया मजदूरी की मांग की थी. उन्हें मारकर बगल की झाड़ी में फेंक दिया गया. हमलावर राजपूत जाति के दबंग हैं. आश्चर्ययनजक यह कि अभी तक इस मामले में किसी अभियक्त की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. तीसरी घटना, बाराचट्टठ्ठी (अ.जा.) के मोहनपुर थाना बलॉक के डेमा टोला पथरा गांव की है जहां विगत 4 सितंबर की सुबह 6 बजे सोई अवस्था में राजकुमार मांझी की लाठी से पीट-पीटकर कर दी गई. इस विधानसभा से श्री जीतनराम मांझी की समधन ही विधायक हैं.
जिले में इस बीच बलात्कार की भी कई घटनाएं घटी हैं. शेरघाटी के उचिरावां में 2 सितंबर को मांझी जाति की एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई. इमामगंज के प्राणचक गांव में 3 सितंबर को एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार किया गया. इस मामले में बलात्कारी भी मांझी समुदाय का ही है. बोधगया में पड़रिया गांव के यादव जाति के अत्यंत निर्धन परिवार की बच्ची के साथ बलात्कार किया गया. फतेहपुर के डुमरीचट्टठ्ठी में भाजपा समर्थित परिवार की ही एक मानसिक रूप से कमजोर बच्ची के साथ जनसंघ के भूतपूर्व विधायक स्व. कालीचरण राम के परिवार से आने वाले और फिलहाल भाजपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष और भाजपा की गया जिला कमिटी के सदस्य नरेश तुरी ने बलात्कार किया और उसका वीडियो वायरल किया. आंदोलन के दबाव में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है.
हत्या और बलात्कार के उक्त सभी मामलों में भाकपा(माले) व ऐपवा की ओर से पहलकदमी ली गई है. जिलाव्यापी प्रदर्शन हुआ है. पितृपक्ष के बाद 3 से 6 अक्टूबर तक गया जिलाधिकारी के समक्ष धारावाहिक धरना देने का निर्णय लिया गया है.
बोधगया प्रखंड के बकरौर बाला पर अंबेडकर नगर में भाकपा(माले) द्वारा 2 साल पहले भूमिहीन महादलित परिवारों के बीच जमीन का बंटवारा करके लगभग 80 लोगों को बसाया गया है. यह नदी किनारे की सरकारी जमीन है. इस नई बसावट के उत्तर में बकरौर का ही एक दबंग जमुना यादव अपनी जमीन होने का मौखिक दावा करता रहा है. उसने बसाए गए महादलित परिवारों की जमीन से सटी सरकारी जमीन पर जबरिया कब्जा जमा रहा है.
3 महीना पहले संदिग्ध तरीके से महादतिल टोले में आग लगने की घटना हुई जिसमें 31 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं. माले के प्रयास से सभी पीड़ितों को 20-20 हजार रु. का मुआवजा और तत्काल राहत के लिए कुछ अनाज व पौलीथीन उपलब्ध करवाया गया. अगलगी के बाद जब निर्माण कार्य हो रहा था तब जमुना यादव द्वारा आपत्ति किया गया. बाद में अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष की उपस्थिति में पंचायत लगी. उस पंचायत में जमुना यादव जमीन का कोई कागज नहीं दिखा सका.
14 सितंबर को एक बार फिर पार्टी जिला सचिव निरंजन कुमार द्वारा बकरौर में शेष बची जमीन की नापी कराकर 55 लोगों में बांटा गया. अगले दिन 15 सितंबर को लोग झोपड़ी के लिए बांस-बल्ला गाड़ ही रहे थे कि दबंगों द्वारा उस प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की गई और धमकी दी गई. 17 सितंबर की रात दर्जनों दबंग हरवे-हथियार से लैस होकर टोले में आकर फायरिंग करने लगे व लाठी-डंडा से लोगों की पिटाई शुरू कर दी. 7 झोपड़ियों को निशाना बनाया. महिलाओं के साथ बदसलूकी की. उनके कपड़े फाड़ दिए. मारपीट में गौरी मांझी, मुसाफिर मांझी, संगीता देवी, बसंती देवी, अनिल मांझी, बाबूलाल मांझी घायल हो गए. स्थानीय पार्टी नेता मालो देवी के घर का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया गया. घायलों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बोधगया में किया गया व मंगलवार को पीड़ित मीना देवी द्वारा 9 आरोपियों को नामजद करते हुए थाना में आवेदन दिया गया.
बुधवार 18 सितंबर को सुबह ट्रस्ट के स्कूल से लौट रही महादलित टोले की 2 बच्चियों के साथ स्कूल के ही शिक्षक नीरज यादव द्वारा बदसलूकी की गई. बच्चियों के कपड़े फाड़ दिए गए. इस संबंध में 3 नामजद लोगों पर केस किया गया. घटना की जानकारी मिलते ही जिला सचिव का. निरंजन कुमार, रीता वर्णवाल, तारिक अनवर और अन्य नेता घटना स्थल पर पहुंचे. बच्चों के साथ मारपीट व कपड़ा फाड़ने की घटना को लेकर अफरातफरी का माहौल था. धर्मारण्य के पास बोधगया-मोहनपुर सड़क जाम किया गया. 2 घंटे बाद प्रशासन पहुंचा. आरोपियों की गिरफ्तारी और वहां बसे लोगों को जमीन का कागज देने व दबंगों द्वारा कब्जा की गई सरकारी जमीन को नापी कर मुक्त कराने के सवाल पर कार्रवाई का आश्वासन के बाद जाम खत्म हुआ, लेकिन टोले के लोग अभी भी भयभीत हैं.
बोधगया में पार्टी की इस पहलकदमी से विस्तार की नई संभावना बनी है. बकरौर पंचायत में संगठन अभी काफी सक्रिय है. प्रतिरोध कार्यक्रमों में जनभागीदारी लगातार बढ़ती दिख रही है.