पिछले दिनों, अयोध्या स्थित राम मंदिर प्रतिष्ठान में बतौर सफाईकर्मी कार्यरत महिला के साथ गैंगरेप की घटना शर्मनाक है. दरअसल यह घटना प्रदेश में कानूनी राज के ध्वस्तीकरण और महिला अपराधों में अकूत वृद्धि की द्योतक है. पूरे प्रदेश में पितृसत्तात्मक मिजाज के अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और दूसरी तरफ प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का फूटा ढोल पीट रहे हैं.
प्रदेश भर में बलात्कार व महिला अपराधों के मामलों में सरकार की भूमिका बहुत खतरनाक ढंग से संदिग्ध रही है. अपराधियों के खिलाफ गैरकानूनी बुलडोजर कार्यवाई को अपनी उपलब्धि की तरह प्रचारित करने वाली सरकार के विधायक आइआइटी, बीएचयू में हुई बलात्कार की घटना के अपराधियों की जमानत के बाद माला पहनाकर व केक काटकर स्वागत करते हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों के साथ सरकार की यह सांठगांठ महिला पहलवानों के मामले व उससे भी पहले हाथरस बलात्कार कांड व अन्य बहुत से जघन्य मामलों में बहुत साफ तौर पर बेपर्दा हो चुकी है.
आइसा, उत्तर प्रदेश ने अयोध्या मामले समेत अन्य महिला अपराधों के मामले में सरकार की नाकामी पर रोष प्रगट करते हुए न्यायालय से यह मांग किया है कि वह घटना में शामिल दोषियों पर सख्त कार्यवाई कर उन्हें सजा सुनाए और पीड़िता के लिए न्याय सुनिश्चित करे. योगी सरकार प्रदेश में जारी महिला हिंसा व अपराधों में अपनी जवाबदेही सुनिश्चित करे.