वर्ष - 33
अंक - 38
14-09-2024

छात्र संघ चुनाव का बिगुल बजते ही ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने चुनाव में उतरने के लिए अपनी कमर कस ली है. उसने 10 सिंतबर को जीडी कॉलेज (बेगूसराय) के दिनकर सभागार में कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन किया जिसमें जिले के सभी 18 प्रखंडों और 5 महाविद्यालयों के छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओ ने हिस्सा लिया.

कन्वेंशन के मुख्य वक्ता आइसा के राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति आने के बाद फीस में लागतार बढ़ोतरी हो रही है। इससे छात्र पढ़ाई छोड़ने तक को मजबूर हो रहे हैं. सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निरंकुश रवैए से छात्र तनावपूर्ण स्थिति में है. बड़ी- बड़ी़े बिल्डिंगें तो खड़ी कर ली गई हैं लेकिन कैम्पस में शैक्षणिक वातावरण कैसे तैयार हो? इसकी कोशिश दूर-दूर तक नजर नही आ रही ह. परिणामस्वरूप छात्र लागतार कैंपस से दूर होते जा रहे.

कहा कि उच्च शिक्षा में छात्रों की सहभागिता बढ़ाने और सुविधा की ढ़ेल पीटने वाली मोदी-नीतीश सरकार आज स्नातक में छात्रों का नामांकन सुनिश्चित नही कर पा रही है. मिथिला विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले बेगूसराय सहित अन्य जिलां में हजारों छात्र-छात्राएं नामांकन से वंचित रह गए हैं. विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन आवेदन के नाम पर छात्र-छात्राओं से लाखों रुपए लूट लिए और जब नामांकन की बारी आई तो सीट फुल होने का हवाला देकर अपने जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ लिया. जिन छात्रों का नामांकन नहीं होने की वजह से एक वर्ष बर्बाद हो गया उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? जब हर साल लगातार इंटर पास करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है तो आखिर सरकार को स्नातक में सीट बढ़ोतरी करने में और नए विश्वविद्यालय की स्थापना करने में क्या परेशानी है? दरअसल यह सरकार नहीं चाहती है कि गरीबों के बच्चे भी पढ़ लिख कर आगे बढ़ें और एक जागरूप, तर्कशील नागरिक बने.

उन्होंने मिथिला विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर कहा कि 3 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद छात्र संघ चुनाव होने जा रहा है. हम इस फैसले का स्वागत करते है लेकिन साथ ही यह मांग करते हैं कि छात्र संघ के चुने गए पदाधिकारियों को उनके संवैधानिक अधिकार भी प्रदान किए जाएं. छात्र संघ चुनाव सिर्फ हाथी का दांत बनाकर ना रहा जाए. हमारा संगठन छात्र विरोधी सांप्रदायिक ताकतों के विरुद्ध व्यापक वाम-जनवादी एकता का पक्षधर रहा है. इसलिए आइसा सभी समान विचारधारा वाले, वामपंथी, समाजवादी और प्रगतिशील छात्र संगठनों का एक साथ मोर्चा बना कर चुनाव में उतरने के लिए पहल करेगा.

आइसा के राज्य उपाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि बेगूसराय का सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज सर गणेश दत्त महाविद्यालय आज बिचौलियों का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है. आए दिन गांव-देहात से आने वाले छात्र इन बिचौलियों का शिकार हो रहे हैं. महाविद्यालय का माहौल हिंसक होते जा रहा है जिस वजह से छात्र-छात्राएं असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. आज शैक्षणिक अराजकता चरम पर है. परीक्षा में बैठने पर भी छात्रों को अनुपस्थित बताकर फेल कर दिया जा रहा है. विश्वविद्यालय मुख्यालय दरभंगा की दौड़ लगाते-लगाते छात्र आर्थिक और मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं. लेकिन महाविद्यालय प्रशासन को इन सबसे कोई मतलब नहीं है. अगर यही कुव्यवस्था बरकरार रही तो हमारा संगठन चुप नहीं बैठेगा. हम इसके खिलाफ आर-पार के आंदोलन में जाएंगे.

आज के इस कन्वेंशन से 19 सितंबर को जीडी कॉलेज, 21 सितंबर को एसबीएसएस कॉलेज और 23 को एसके महिला कॉलेज का यूनिट सम्मेलन करते हुए 24 सितंबर को मिथिला विश्वविद्यालय का घेराव करने का फैसला सर्वसम्मति से पारित हुआ.

कन्वेंशन की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष सोनू फरनाज एवं संचालन जिला सचिव असीम आनंद ने किया. मौके पर करन कुमार, विशाल कुमार, पुतुल कुमारी, नेहा कुमारी, ईशान कुमार, रौशन कुमार, श्रेया कुमारी, आलोक कुमार, प्रशांत कुमार, आरिफ, रौनक कुमार, राजा कुमार, नीतु कुमारी, स्वीटी कुमारी, सपना कुमारी, विवेक कुमार, करन कुमार, रजनीश कुमार, निखिल कुमार, शाहरूख राइन, हिमांशु कुमार, अभिनाश कुमार समेत सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे.

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