वर्ष - 33
अंक - 36
31-08-2024

लखनऊ, 28 अगस्त : भाकपा(माले) ने फर्रूखाबाद में जन्माष्टमी का उत्सव देखने गईं दो दलित लड़कियों के शव पेड़ से लटकते मिलने की स्तब्ध कर देने वाली घटना की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

राज्य इकाई ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि परिजनों ने लड़कियों द्वारा आत्महत्या किये जाने की पुलिसिया थ्योरी से स्पष्ट रूप से इनकार किया है और हत्या कर लाश को लटका देने की आशंका जताई है. प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों को लेकर जो माहौल है और जिस तरह से उन पर हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, उसे देखते हुए फर्रूखाबाद की घटना के पीछे छुपे अपराध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. दलितों का खास तौर से बुरा हाल है. परिजनों की बात में सच्चाई हो सकती है. दोनों सहेलियों में से एक बालिग थी और दूसरी उससे थोड़ी छोटी. क्या दुष्कर्म जैसे अपराध को छुपाने के लिए उन्हें मारकर लटका दिया गया? जो भी हो, गहराई से जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी.

पार्टी ने कहा कि आगरा में इंजीनियरिंग की छात्र के साथ हुए दुष्कर्म की घटना में पुलिस की भूमिका ने पीड़िता को विक्षिप्त बना दिया. थानों के चक्कर लगा-लगा कर छात्र थक गई. पुलिस कार्रवाई से टालमटोल करती रही. अन्ततः छात्र को न्याय के लिए चौराहे पर कपड़े उतारने पड़े. तब जाकर पुलिस हरकत में आई और जिस आरोपी को वह पहले ही क्लीन चिट दे रही थी, उसे गिरफ्रतार करना पड़ा. कुल मिलाकर प्रदेश में महिला सुरक्षा की स्थिति अत्यंत ही भयावह है. इसे स्वीकार करने और इस पर ध्यान देने के बजाय सरकार इस पर पर्दा डालने और अपनी पीठ थपथपाने में लगी है.