गाजीपुर व उन्नाव एनकाउंटरों की न्यायिक जांच हो

लखनऊ, 26 सितंबर : भाकपा(माले) ने कहा है कि प्रदेश में एनकाउंटरों के बढ़ते मामले कानून के राज व मानवाधिकारों के लिए चिंताजनक हैं. पार्टी ने गाजीपुर व उन्नाव में सोमवार, 23 सितंबर को हुए दो एनकाउंटरों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है.

भाकपा(माले) की राज्य इकाई ने कहा कि यूपी एसटीएफ ने सुल्तानपुर सर्राफा डकैती के आरोपी अनुज सिंह का उन्नाव में एनकाउंटर किया था. उन्नाव डीएम ने इसकी मजिस्ट्रेटी जांच की घोषणा की है, जो अपर्याप्त है.

फर्रूखाबाद में दो दलित लड़कियों के शव पेड़ से लटकते मिलने की उच्च स्तरीय जांच हो : माले

लखनऊ, 28 अगस्त : भाकपा(माले) ने फर्रूखाबाद में जन्माष्टमी का उत्सव देखने गईं दो दलित लड़कियों के शव पेड़ से लटकते मिलने की स्तब्ध कर देने वाली घटना की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.

बांग्लादेश के घटनाक्रम पर भाकपा(माले) का वक्तव्य


नई दिल्ली, 6 अगस्त 2024

बांग्लादेश में आरक्षण कोटा में बदलाव के आन्दोलन को भारी दमन से कुचलने की हसीना सरकार की कोशिशों के बाद वहां का छात्र आन्दोलन शेख हसीना के इस्तीफे और उनके निरंकुश शासन के अंत की मांग के साथ जनता के लोकप्रिय उभार में तब्दील हो गया है. उनका इस्तीफा और देश से पलायन से स्पष्ट हो गया है कि निरंकुशता के खिलाफ जनता का गुस्सा सही था. विजयी दावेदारी के इस क्षण में हम बंग्लादेश की लोकतंत्र-पसंद जनता को बधाई देते हैं.

उत्तर प्रदेश का धर्मांतरण विरोधी कानून और उसे कठोर बनाने वाला संशोधन विधेयक महिलाओं के अधिकार और अल्पसंख्यकों पर हमला है


हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021 के धर्म परिवर्तन विरोधी कानून को और कठोर बनाने के उद्देश्य से विधानसभा में फिर से एक अवैध धर्मांतरण (संशोधन) विधेयक 2024 पारित किया है. सरकार का कहना है कि 2021 के धर्मांतरण कानून की सजा ‘अपर्याप्त’ होने के कारण, नए कानून में, सरकार ने अधिकतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माना करने का प्रस्ताव किया है. पहले के कानून में केवल ‘पीड़ित’ के परिवार को ही थाने में शिकायत दर्ज कराने की अनुमति थी, जबकि नए विधेयक में ‘किसी भी व्यक्ति’ को शिकायत दर्ज कराने की अनुमति दी गई है.

किसान महासभा ने विनेश फोगाट को अयोग्य करार देने की कड़ी निंदा की


8 अगस्त 2024: अखिल भारतीय किसान महासभा ने पेरिस ओलंपिक खेल की कुश्ती वर्ग में बहादुरी से लड़ते हुए फाइनल में पहुंची विनेश फोगाट को अयोग्य करार देने की कड़ी निंदा की है. किसान महासभा ने इस पूरे प्रकरण के लिए भारतीय ओलंपिक संघ और भारत सरकार के रवैये की भी निंदा की है.

मोदी का मजदूर वर्ग के साथ विश्वासघात!

कामकाजी लोगों की चिंताओं और दुर्दशा को पूरी तरह से नजरअंदाज किया – ऐक्टू

अपने तानाशाह चरित्र के अनुरूप, मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में लोकसभा चुनावों के जनादेश को अहंकारपूर्वक ठुकरा दिया है और श्रमिकों के खिलाफ और काॅरपोरेटों के पक्ष में वही विनाशकारी नीतियां अपना रही है.

विशेष राज्य के सवाल पर भाजपा का विश्वासघात-जदयू का आत्मसमर्पण

का. कुणाल, राज्य सचिव, भाकपा(माले)

बिहार के विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर भाजपा के महाविश्वासघात और भाजपा के समक्ष जदयू के पूर्ण आत्मसर्मपण को बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी. बिहार की कृपा पर देश में चल रही मौजूदा मोदी सरकार ने कैबिनेट में बिना कोई चर्चा किए बिहार-झारखंड बंटवारे के समय से ही बिहार के विशेष राज्य की न्यायसंगत मांग को ठुकरा कर बिहार और 13 करोड़ बिहारियों के स्वाभिमान और हक के साथ महाविश्वासघात किया है.

क्या सुप्रीम कोर्ट भीतर से विध्वंस के इस खतरनाक धमकी पर ध्यान देगा?

 का. दीपंकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा(माले)

जेपी नड्ढा के इंडियन एक्सप्रेस में दिए साक्षात्कार के बाद, जिसमें उन्होंने कहा था कि भाजपा की वयस्कता आरएसएस द्वारा अभिभावकीय पर्यवेक्षण के चरण से आगे निकल गई है, आरएसएस-भाजपा संबंधों के बारे में बहुत सारी इच्छापूर्ण और बेकार की अटकलें लगाई जा रही हैं. तब जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के अध्यक्ष पद का उपयोग करते हुए आरएसएस की प्रशंसा की थी, और अब मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस संगठन और गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने का आदेश दिया है.

बजट 2024: किसानों, छात्रों, युवाओं और गरीबों के साथ धोखा, मध्यम वर्ग को मदद का दिखावा और ज्वलंत मुद्दों की अनदेखी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा गत 23 जुलाई को पेश किया गया केंद्रीय बजट 2024 इस बात का उदाहरण  है कि कैसे मोदी सरकार की योजनाएं हकीकत से परे और खुद को शाबाशी देते हुए भारतीय लोगों की दुर्दशा को नजरंदाज करती है. इस बजट को ऐसे समय में पेश किया गया है जब हालिया लोकसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर मोदी सरकार की नीतियों से त्रस्त जनता ने कड़ा संदेश देने का काम किया है कि सिर्फ जुमलेबाजी से काम नही चलने वाला. लेकिन, मौजूदा सरकार अपने अहंकार में जनादेश के इस संदेश को ठुकरा रही है.