तीन नये आपराधिक कानूनों की वापसी और माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा अधिवक्ताओं की हड़ताल को अवमानना माने जाने के विरोध में मथुरा में विगत 28 अगस्त को ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिशन फॉर जस्टिस (आइलाज) के आह्वान पर वकीलों ने कचहरी परकी में बैठक की और भारी वर्षा के बावजूद मानव शृंखला बनाई.
आइलाज के राज्य संयोजक नशीर शाह एडवोकेट ने बैठक को सम्बोधित करते हुये कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संसद में विपक्ष के करीब 140 सांसदों को निष्कासित कर बिना किसी विचार-विमर्श के पारित किये गये तीन नये क्रिमिनल कानूनों को वापस किया जाना अति अवश्यक है. इन कानूनों को लागू कराने के लिए न्यायाधीश, वकील एवं पुलिस को सही तरीके से प्रशिक्षित नहीं किया गया जिसके कारण न्यायिक प्रक्रिया में तमाम बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है.
साथ ही माननीय उच्चन् यायालय इलाहाबाद द्वारा वकीलों की हड़ताल को अवमानना मान कर संविधान में प्रदत्त स्वतंत्रता व अभिव्यक्ति के अधिकारों का उल्लंघन किया गया है. अधिवक्ता समुदाय अपनी एकता बनाते हुए अपने इन अधिकारों की रक्षा के लिये लड़ाई जारी रखेंगे. वकीलों ने वकील एकता जिन्दाबाद, इलाहाबाद उच्च न्यायालय अपने आदेश को वापस ले आदि नारे लगा रहे थे. यदि इस पर कोई पुनः विचार नहीं किया गया तो एक बड़ा आंदोलन का निर्माण किया जाएगा.
कार्यक्रम में राज्य संयोजक नशीर शाह (पूर्व उपाध्यक्ष - वार एसोसिएशन मथुरा), पूर्व अध्यक्ष इंद्र कुमार बशिष्ठ, आइलाज के अध्यक्ष कन्हैया लाल, ठाकुर देवेंद्र सिंह, बरिष्ठ अधिवक्ता खुर्शीद अहमद, राकेश बघेल, योगेंद्र बघेल, शिवकुमार, वी पी गौतम, वीसी अग्रवाल, सत्यवीर सिंह, लाल सिंह निमेष, उत्कर्ष चतुर्वेदी, अमित चतुर्वेदी, राकेश यादव, मोहित कुमार, ब्रजगोपाल, धीरज गौतम, नईम शाह, प्रशांत कुमार, राहुल अमीन, करन भारती आदि मुख्य रूप से शामिल थे.