प्रखंड मुख्यालयों पर भाकपा(माले) का प्रदर्शन
सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के उपरांत महागरीब परिवारों को 2 लाख रु. देने की सरकारी घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए 72 हजार रु. से कम के आय प्रमाण पत्रा देने, सभी भूमिहीन परिवारों को 5 डिसमिल आवासीय जमीन और पक्का मकान की तीन सूत्रा मांगों को लेकर बिहार में ‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान चल रहा है. इसके तहत 22-24 अगस्त 2024 को भाकपा(माले) के बैनर तले 250 से भी अधिक प्रखंड/अंचल मुख्यालयों पर प्रदर्शन आयोजित हुए.
22 अगस्त को पहले दिन राज्य के लगभग 100 प्रखंड मुख्यालयों पर उपर्युक्त तीनों मांगों पर प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूरों और महिलाओं की भागीदारी हुई. इसके पूर्व 10 दिनों से 72 हजार रु. से नीचे का आय प्रमाण पत्र, आवासीय भूमि और पक्का मकान के लिए गांव-गांव में आवेदन भरवाए गए. बड़ी संख्या में लोग फॉर्म भर रहे हैं. उन तमाम आवेदनों के साथ अंचल कार्यालय पर लोग पहुंचे थे और अधिकारियों से मांग की कि 2 लाख रु. की सहायता राशि के लिए अविलंब 72 हजार रु. का आवेदन प्रदान किया जाए. प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन एक लाख रु. से नीचे का प्रमाण पत्र दे ही नहीं रहा है. इसके बाद यह कार्यक्रम लिया गया.
‘जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा’
भाकपा(माले) राज्य सचिव कुणाल ने कहा – ‘भाजपा-जदयू ने जनता से जो वादा किया है, उसे निभाना होगा. महागरीब परिवारों को 2 लाख रु. की सरकारी सहायता की घोषणा सरकार की खुद की घोषणा है. लेकिन इस दिशा में प्रगति बहुत ही कमजोर है. सरकार के पास गरीबों के आंकड़े उपलब्ध हैं तो फिर वह सहायता राशि क्यों नहीं दे रही है? उसी प्रकार, भूमिहीनों के लिए 5 डिसमिल आवासीय जमीन की घोषणा के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. पक्का मकान देने की घोषणा केंद्र सरकार की है जो अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. हम मोदी के 15 लाख रु की तरह 2 लाख रु. की सरकारी घोषणा को जुमला नहीं होने देंगे.’
राज्यव्यापी प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा
‘हक दो-वादा निभाओ’ अभियान के तहत प्रदर्शनों का सिलसिला दूसरे दिन 23 अगस्त को भी जारी रहा. दूसरे दिन भी 100 से अधिक प्रखंडों पर प्रदर्शन किया गया.
इन प्रदर्शनों में ग्रामीण गरीबों का भारी समर्थन हासिल हो रहा है. इससे साबित होता है कि वे किस तरह बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. प्रदर्शनों से यह मांग की गई कि रोजगार के लिए 2 लाख रु. सहायता राशि का पोर्टल बिहार सरकार अविलंब शुरू करे. इसके लिए 72 हजार रु. से नीचे के आय प्रमाण पत्र देने की शर्त सरकार हटाए क्योंकि उसके पास पहले से महागरीब परिवारों का डाटा उपलब्ध है. उसी प्रकार, पक्का मकान के लिए केंद्र सरकार को भी पोर्टल खोलना होगा. प्रदर्शन में भाकपा;मालेद्ध के साथ-साथ खेग्रामस की भी सहभागिता है.
दूसरे दिन पटना सदर प्रखंड मुख्यालय पर बड़ी संख्या में बुलडोजर की मार झेल रहे आवासहीन शहरी गरीबों, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाओं की थी, ने आवास के प्रश्न पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शहरी गरीबों के लिए भी आवास नीति बनी हुई है लेकिन सरकार इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रही है. उलटे, आज शहरी गरीबों को शहर से बेदखल किया जा रहा है. एनडीए सरकार में शहरी गरीबों के लिए कोई भी नई कॉलोनी नहीं बनी है. इस कारण वे कई प्रकार की समस्याएं झेल रहे हैं. सैकड़ो की तादाद में शहरी गरीब आवास व 2 लाख रु. सहायता राशि के आवेदन के साथ प्रखंड मुख्यालय पर पहुंचे थे और उन्होंने प्रदर्शन के माध्यम से अपनी मांगों को रखा.
पटना जिले के पालीगंज में भाकपा;मालेद्ध विधायक संदीप सौरभ और पुनपुन में विधायक गोपाल रविदास के नेतृत्व में हजारों की तादाद में गरीबों ने प्रदर्शन किया और आवासीय जमीन देने की मांग की. भोजपुर के आरा, सहार, चरपोखरी और तरारी में धरना दिया गया. धरना में म्युटेशन व जनवितरण प्रणाली में लूट को भी मुद्दा उठाया गया. सांसद सुदामा प्रसाद, लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी व युवा नेता राजू यादव, अगिआंव विधयक शिवप्रकाश रंजन, इंसाफ मंच के नेता क्यामुद्दीन अंसारी, सुधीर सिंह आदि नेताओं ने धरना का नेतृत्व किया. सीवान में विधायक सत्यदेव राम व अमरजीत कुशवाहा ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया. नवादा में 6 सूत्री मांगों पर अंबेडकर पार्क से हजारों की तादाद में ग्रामीण गरीबों ने मार्च निकाल कर सदर प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया. जमुई के चकाई में प्रखंड कार्यालय में बीडीओ व सीओ की अनुपस्थिति को प्रदर्शनकारियों ने मुद्दा बनाया और उन्हें चेतावनी दी कि यदि वे सेंटर में नहीं रहते हैं तो और भी व्यापक आंदोलन किया जाएगा. हिलसा में भाकपा(माले) व खेग्रामस के बैनर तले प्रदर्शनकारी पूरे शहर में मार्च करते हुए प्रखंड कार्यालय पर पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया. रोहतास के नासरीगंज में विभिन्न पंचायतों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए और 8 सूत्रा मांगों का ज्ञापन पदाधिकारियों को सौंपा. दरभंगा के हनुमाननगर, बहेड़ी, बिरौल, मनीगाछी, बहादुरपुर, सदर आदि और पूर्णिया के रूपौली सहित राज्य के लगभग सभी मुख्यालयों पर प्रदर्शन हुए.