वर्ष - 33
अंक - 32
03-08-2024

लखनऊ में अकबरनगर के बाद बुलडोजर का मुंह दूसरी दिशा में मुड़ गया है जिसके निशाने पर कथित तौर पर मुस्लिम हैं. यह अलग बात है कि यह हमला लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में फूल की खेती करने वाले किसानों पर हुआ है.

बात लखनऊ की फूल मंडी की है जिसे 25 जुलाई 2024 को बुलडोज कर दिया गया. इस मंडी से अयोध्या, वाराणसी, इलाहाबाद, राय बरेली, कानपुर सहित कई अन्य जनपदों में फूल जाते थे. मंडी में किसानों को धूप और बरसात से बचाने के लिए शेड थे और उन्हे अपने फूलां की ढेरी लगाने के ठीहे थे. 24 वर्ष से फूलों की मंडी चल रही थी. इसे एक ट्रस्ट लैंड कहकर ध्वस्त कर दिया गया. इस मंडी का संचालन जिस समिति के जरिए होता था उसके अधिकांश पदाधिकारी अल्पसंख्यक हैं. बस यही वह प्रमुख वजह है कि हजारों लोगां की रोटी-रोजी को बुलडोजर के नीचे रौंद दिया गया.

26 जुलाई 2024 को भाकपा(माले) के लखनऊ जिला प्रभारी रमेश सेंगर और एआइसीसीटीयू (ऐक्टू) नेता विजय विद्रोही ने फूल मंडी का दौरा किया और स्थानीय कुछ फूल बिक्रेताओं और फूल विक्रेता कल्याण समिति के पदाधिकारियों से मुलाकात की. लखनऊ में अल्पसंख्यक, दलित और कमजोर लोगो को उजाड़कर फेंक देने का अभियान चल रहा है. भाकपा(माले) नेताओं ने फूल विक्रेता समिति को विश्वास दिलाया कि इस व्यवसाय से जुड़े सभी क्रेता, विक्रेता और फूल उत्पादक किसानों को उनके व्यवसाय स्थल पर ही एक वेंडिंग जोन उपलब्ध कराए जाने के लिए आवाज उठाई जायेगी.

भाकपा(माले) ने राजधानी लखनऊ के चौक स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी इस फूल मंडी पर बुलडोजर चलाने की कड़ी निंदा की है. पार्टी ने कहा कि लखनऊ के अकबरनगर में गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर चलाने के बाद चौक में गरीबों की आजीविका पर बुलडोजर चलाना लोकसभा चुनाव के जनादेश की लगातार हो रही अनदेखी है.

भाकपा(माले) की राज्य इकाई ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि अकबरनगर में मनमाने तरीके से बुलडोजर चलाकर 1300 से अधिक परिवारों को उजाड़ दिया गया. वहीं फूल मंडी पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर 120 परिवारों की अजीविका छीन ली गई. उन्हें बिना उचित पुनर्वास के उजाड़ा गया. कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया. फूल मंडी दशकों से लग रही थी. यह सरासर अनुचित और अमानवीय कार्रवाई है. यह प्रदेश में विनाशकारी बुलडोजर राज के और विकराल होने का संकेत है.

भाकपा(माले) ने कहा कि प्रभावितों को गोमती नगर के विभूति खंड में अपना कारोबार ले जाने के लिए प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है. यह चौक की तुलना में लखनऊ के दूसरे छोर पर है और कारोबारियों के अनुसार वहां इतनी कम जगह है कि उजाड़ी गई 120 दुकानों का कारोबार नहीं चल सकता. प्रशासन पुनर्वास के नाम पर खानापूरी कर रहा है. अकबरनगर वालों के साथ भी ऐसा ही बर्ताव किया गया.

पार्टी ने कहा कि जिस पैमाने पर बुलडोजर चलाकर गरीबों को आवास व आजीविका से बेदखल किया जा रहा है, उससे अलग योगी सरकार के गरीब-विरोधी व अलोकतांत्रिक होने के किसी प्रमाण की जरुरत नहीं है. इसके खिलाफ बड़ा जनप्रतिवाद संगठित करना समय की मांग है.

अकबरनगर के मो. अजीज ने की आत्महत्या 

लखनऊ के अकबरनगर पर बुलडोजर चलने के बाद बेरोजगार हुए मो. अजीज ने पिछले दिनों आत्महत्या कर ली. भाकपा (माले) ने इसके लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. पार्टी ने घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए सरकार से बुलडोजर अभियान को रोकने, विस्थापित परिवारों की आजीविका की व्यवस्था करने, मृतक मो. अजीज के परिवार को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

भाकपा(माले) की राज्य इकाई ने 28 जुलाई को एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि सरकार ने पुनर्वास के नाम पर कुछ परिवारों को वसंतकुंज में किश्त पर घर देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली है. गरीब परिवारों की आजीविका कैसे चलेगी, उनके जीवन की सुरक्षा कैसे होगी, इन प्रश्नों से पल्ला झाड़ लिया है. जबकि ये जिम्मेदारी राज्य की है, जिसने उनका घर रोजगार छीना. वसंतकुंज में शिफ्ट हुए परिवारों से ताल्लुक रखने वाले लोगों का कहना है कि पहले भी वहां कई मौतें हो चुकी हैं. बुलडोजर का दंश झेल रहे प्रभावित परिवारों की आर्थिक स्थिति को ठीक करने पर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में इस तरह की और भी घटनाएं हो सकती हैं.

खबर के अनुसार युवक अजीज की लाश वसंतकुंज के उस कमरे में मिली, जहां पिछले महीने परिवार के साथ वह शिफ्ट हुआ था. दो साल पहले उसकी शादी हुई थी. परिवार में पत्नी और छह माह की बेटी है. वह टेलरिंग का काम करता था. वह अपनी सिलाई मशीन लेकर वसंतकुंज से रोजाना ध्वस्त हो चुके अकबरनगर जाता और वहां तंबू लगाकर काम मिलने की उम्मीद करता. आय के अभाव व परिवार का भरण-पोषण न कर पाने के कारण उसने खुदकुशी कर अपनी जान दे दी.

नजूल संपत्ति विधेयक : तेज होगा बुलडोजर राज 

लखनऊ, 31 जुलाई. भाकपा(माले) ने बुधवार को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 की कड़ी आलोचना की है. पार्टी ने इसे प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के बुलडोजर राज को वैधानिकता प्रदान करने वाला, जन विरोधी, और लोकतंत्र विरोधी विधेयक बताया है और इसके कानून बनने पर रोक लगाने की मांग की है.

इस विधेयक से प्रदेश में गरीबों को उजाड़ने, उनके घरों पर बुलडोजर चलाने के अभियान को तेजी मिलेगी. बुलडोजर राज की आक्रमकता बढ़ेगी. इस अर्थ में यह विधेयक-गरीब विरोधी भी है. नजूल भूमि सरकारी भूमि है, जिस पर प्रदेश में बड़ी संख्या में गरीब लोग पुश्तों से घर बनाकर रह रहे हैं. दलितों, आदिवासियों, भूमिहीनों, पिछड़ों को कृषि व अन्य उपयोग के लिए नजूल भूमि दी गई है. यदि यह विधेयक कानून बना  तो इन सभी की बेदखली की जाएगी. बड़ी संख्या में गरीब परिवार बेघर होकर सड़कों पर आ जाएंगे. प्रदेश में बेसहारा, बेघरों की तादाद बढ़ेगी. यदि सरकार गरीबों को आवास नहीं दे सकती, तो कम-से-कम उन्हें नजूल भूमि से बेदखल तो न करे जहां वे किसी तरह गुजारा कर रहे हैं.

यह विधेयक पूरे प्रदेश में लखनऊ के ध्वस्त अकबरनगर जैसे कई अकबरनगर पैदा करेगा, जहां योगी का विनाशकारी बुलडोजर गरीबों पर गरजेगा और उनका आवास व अजीविका छिनेगा. भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव परिणाम से कुछ भी सकारात्मक ग्रहण नहीं किया है. उक्त विधेयक नजूल भूमि के सार्वजनिक उपयोग की आड़ में कारपोरेट के फायदे के लिए बना है. इसका विरोध किया जाएगा.

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