1 जुलाई 2024 को भाकपा(माले) ने मोदी सरकार के तीन नए आपराधिक कानूनों (क्रिमिनल कोड) और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बुल्डोजर राज के खिलाफ उत्तर प्रदेश में विरोध दिवस मनाया. उस दिन राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन कर आयोजित हुए और जिलाधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया.
लखनऊ, बनारस, अयोध्या, गोरखपुर, बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, चंदौली, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, देवरिया, महाराजगंज, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, जालौन, गोंडा, बस्ती, मथुरा सहित कई जिलों में आयोजित विरोध् कार्यक्रमों के जरिए यह मांग की गई कि केंद्र सरकार तीन आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाए और उन्हें उचित परीक्षण और विचार-विमर्श के लिए संसद में फिर से पेश करे. यह भी मांग की गई कि उत्तर प्रदेश में गरीबों के घरों पर बुल्डोजर चलना बंद हो, उनकी बेदखली रोकी जाए और दमनकारी बुल्डोजर राज पर रोक लगे. गरीबों की बस्तियों का नियमितीकरण किया जाए. अकबरनगर (लखनऊ) के विस्थापितों को पर्याप्त क्षतिपूर्ति के साथ निःशुल्क मकान व नागरिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएं.
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि नए कानूनों में नागरिक स्वतंत्रता और अधिकारों को अपराध की श्रेणी में लाकर कई कठोर प्रावधान किए गए हैं. इन कानूनों के माध्यम से लाए गए बदलाव लोकतंत्र को खोखला करने और देश को एक फासीवादी राज्य में बदलने के लिए सरकार को पर्याप्त शक्ति प्रदान करते हैं.
वक्ताओं ने कहा कि नए कानून में क्रूर यूएपीए कानून से ‘आतंकवादी कृत्य’ की विस्तारित परिभाषा ली गयी है. कुख्यात राजद्रोह कानून (आईपीसी की धारा 124 ए) को नए नामकरण के साथ कायम रखा गया है और भूख हड़ताल को अपराध बना दिया गया है. पुलिस को अनियंत्रित शक्तियां दे दी गयी हैं, जिसका मानवाधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. पुलिस अभिरक्षा की अवधि को वर्तमान 15 दिन से बढ़ा कर 60 या 90 दिन (अपराध की प्रकृति के अनुसार) कर दिया गया है. मॉब लिंचिंग को लेकर आधे-अधूरे कदम उठाए गए हैं और धर्म को भीड़ हिंसा के कारणों के तौर पर शामिल नहीं किया गया है. कुल मिलाकर नए कानून औपनिवेशिक काल के कानूनों से भी ज्यादा दमनकारी हैं और इन्हें जल्दबाजी में पारित किया गया, जब 146 विपक्षी सांसद सदन से निलंबित थे.
कहा कि सुंदरीकरण और रिवर फ्रंट बनाने के नाम पर लखनऊ के अकबरनगर में कुकरैल नदी किनारे दशकों से बसे गरीब परिवारों के आशियाने पर मुख्यमंत्री योगी का भीषण बुल्डोजर अभियान चला. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा के विरुद्ध चुनाव नतीजे आने के बाद बुल्डोजर अभियान कमजोर होने के बजाय और तेज हो गया. अकबरनगर में बारह सौ से ज्यादा घरों को जमींदोज कर दिया गया. जानलेवा गर्मी और लू के मौसम में हजारों लोग, बाल-बच्चे खुले आसमान के नीचे आ गए. उनके जमे-जमाये आजीविका के साधन भी छीन गए. कोई मुआवजा भी नहीं मिला. अकबरनगर के बाद अब अबरारनगर, खुर्रमनगर, हैदर कैनाल मलिन बस्ती सहित लखनऊ की दूसरी गरीब बस्तियों पर बुल्डोजर चलाने की तैयारी है. अन्य जिलों में भी गरीबों-किसानों-छोटे कारोबारियों की बेदखली हो रही है.