वर्ष - 33
अंक - 31
27-07-2024

मोदी सरकार की तानाशाही, उसकी जनविरोधी-मजदूर विरोधी नीतियों, चार लेबर कोड, सामाजिक सुरक्षा पर हमला, न्यूनतम मजदूरी की लूट, महंगाई, निजीकरण और दमनकारी तीन नए क्रिमिनल कोड आदि के खिलाफ और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए 15 दिवसीय देशव्यापी मजदूर प्रतिरोध अभियान की शुरुआत करते हुए 25 जुलाई को ऐक्टू ने भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. मौके पर निर्माण व अन्य असंगठित मजदूरों ने झंडा-बैनर के साथ अपनी मांगों के समर्थन और मोदी सरकार के विरोध में जोरदार नारे बुलंद किए और आक्रोश जताते हुए प्रधानमंत्री का पुतला भी फूंका.

प्रदर्शन का नेतृत्व एआइसीडब्ल्यूएफ के राष्ट्रीय महासचिव एसके शर्मा व ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, संयुक्त जिला सचिव अमर कुमार, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के संयुक्त सचिव चंचल पंडित व असंगठित कामगार महासंघ के राज्य कमिटी सदस्य सिकंदर तांती ने किया.

नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने मजदूर विरोधी लेबर कोड सहित अपनी मजदूर-विरोधी नीतियों को बिना किसी रोक-टोक के लागू करना जारी रखा है. अल्पमत में होने के बावजूद मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा है और वह अहंकार के साथ तीव्र गति से जनविरोधी-मजदूर विरोधी व निजीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाती जा रही है. लेबर कोड को लागू करके मोदी सरकार ने कामकाजी लोगों के जीवन को संकट में डालना जारी रखा है. दूसरी ओर गरीबों, मजदूरों व कमजोर तबकों के हक-अधिकार को कुचलने और देश में पुलिस राज स्थापित करने की नीयत से तीन नए क्रिमिनल कोड कानून लाए गए हैं. इसे लागू कर मौजूदा आपराधिक न्याय प्रणाली को खत्म करने के साथ ही औपनिवेशिक काल से भी बदतर और खतरनाक आपराधिक कानून व्यवस्था लोगों पर थोपी जा रही है. लोगों के मौलिक अधिकारों को दरकिनार किया जा रहा है. यह वैध विरोधों को भी अवैध बना रहे हैं और मजदूरों से उनके विरोध के अधिकार को बेरहमी से छीन रहे हैं. ये कानून सरकार व शासन के खिलाफ असहमति और विरोध को खत्म करने के लिए लाए गए हैं. तीन नए आपराधिक कानूनों और चार श्रम संहिताओं का संयोजन कामगारों के अधिकारों और समग्र रूप से मजदूर वर्ग आंदोलन के लिए घातक है.

मुकेश मुक्त ने बताया कि ऐक्टू के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर भागलपुर में भी 25 जुलाई से 8 अगस्त 2024 तक 15 दिनों का मजदूर प्रतिरोध अभियान चलेगा. 1 अगस्त 2024 को सामाजिक सुरक्षा व न्यूनतम मजदूरी की गारंटी के सवाल पर उपश्रमायुक्त कार्यालय के समक्ष और 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन के दिन जिला मुख्यालय में मजदूरों का प्रदर्शन होगा. मजदूरों से व्यापक सम्पर्क कर चार लेबर कोड और तीन नए क्रिमिनल कोड कानूनों को खत्म करने आदि के सवाल पर हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जाएगा.

विरोध प्रदर्शन में अमित गुप्ता, दीपक कुमार, जनार्दन मंडल, पंकज कुमार, बबलू यादव, मो. रुस्तम, सुखदेव पासवान, धर्मेंद्र दास, राजेश ठाकुर, अमित यादव, आदि शामिल हुए.

– मुकेश मुक्त