वर्ष - 33
अंक - 11
09-03-2024

80 वर्षीय भिनिक राम के कुल छह बेटे हैं. उनमें से तीन – बालकेश्वर उर्फ चीना राम, त्रिलोकी राम और भरत राम – आजीवन कारावास की सजा पानेवालों में शामिल हैं. उन्होंने बताया कि बड़गांव ’70 के दशक से ही भाकपा(माले) के प्रभाव का गांव रहा है. बाघी कांड (जहां एक सामंत का सफाया हुआ था) जब हुआ तो पुलिस ने उनको भी गिरफ्तार किया. बाद मेंं वे छूट गये. भूमिगत काम के दौर में कामरेड जगदीश मास्टर, रामेश्वर यादव उर्फ साधुजी समेत कई पार्टी नेताओं का यहां आना-जाना था. पार्टी बैठकें भी होती थीं.

जब जिले में रणवीर सेना बनी तो यहां के कई राजपूत शोहदे उसके साथ जुड़े. गूड्डू सिंह, लवकुश सिंह और बम सिंह उनके सरगना बने. उस दौरान कई खूनी संघर्ष भी हुए और एक मुठभेड़ के दौरान घंटों गोलीबारी होती रही जिसमें कुछ रणवीर सरगनों के हताहत होने के भी सबूत मिले. लेकिन वे मृतकों व घायलों को छुपा ले गए.

2006-07 में यहां सामंती ताकतों के कब्जे में पड़ी पोखर किनारे की जमीन पर जबरदस्त संघर्ष चला. इस संघर्ष में गांव के बिंद, महादलित और कहार समेत अन्य जातियों के 110 गरीब परिवारों को इस जमीन पर बसाया गया. प्रशासनिक अधिकारियों की टोली जिलाधिकारी और एसपी के नेतृत्व में जब उन्हें उजाड़ने पहुंची तो जबरदस्त जन प्रतिरोध का नजारा उपस्थित हो गया. प्रशासन को मुंह की खानी पड़ी.

भाकपा(माले) की बढ़ती ताकत से घबराये तत्कालीन मुखिया और अपराधी सरगना रिंकू सिंह के गिरोह द्वारा 20 अगस्त 2015 को यहां हुई एक जनसभा के बाद घर लौट रहे पार्टी के जुझारू नेता का. सतीश यादव की दिन-दहाड़े हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड से लोगों का ध्यान भटकाने और अपने गुनाह पर पर्दा डालने के लिए अपराधियों ने जयप्रकाश सिंह नामक एक लंपट के हत्या के मामले में जिसका शव भी बरामद नहीं हुआ, 23 पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं को एक फर्जी मुकदमें में नामजद करा दिया.

का. सतीश यादव की हत्या व अन्य घटनाओं की गरीब जनता में जबरदस्त प्रतिक्रिया तब देखने को मिली जब अगले ही साल होनेवाले पंचायत चुनावों में बड़गांव ही नहीं पड़ोस के पोसवां और करवासी पंचायतों के मुखिया के रूप में भी भाकपा(माले) प्रत्याशियों की जीत हुई.

इस वर्ष जनवरी-फरवरी माह के दौरान शानदार तरीके से बड़गांव और पोसवां पंचायतों में पार्टी के पंचायत सम्मेलन संपन्न हुए थे. नवनिर्वाचित बड़गांव पंचायत कमेटी के तीन सदस्य – का. प्रेम राम, का. नंदकुमार चौधरी और का. प्रभु चौधरी तथा पोसवां पंचायत कमेटी के सचिव का. जयकुमार यादव सामंती ताकतों की साजिश के तहत आज जेल में हैं.

इस न्यायिक जनसंहार के खिलाफ बड़गांव के गरीबों में काफी विक्षोभ है. इस विक्षेभ को संगठित करना और इसे एक राजनीतिक दिशा देते हुए जिले भर के गरीबों को इन पीड़ितों के पक्ष में खड़ा कर देना हमारे समक्ष एक प्रमुख कार्यभार है.