वर्ष - 33
अंक - 11
09-03-2024

बिहार महिला आंदोलन और स्कीम वर्कर्स-आशा, रसोइया और आंगनबाड़ी संघर्षों की चर्चित नेत्री शशि यादव बिहार विधान परिषद् 2024 की द्विवार्षिक चुनाव में भाकपा(माले) की ओर से महागठबंधन की प्रत्याशी घोषित की गई हैं. वे विधान परिषद् में जाने वाली पार्टी का पहली प्रतिनिधि होंगी.

का. शशि किसी परिचय के मोहताज नहीं. वे बिहार के लोकतांत्रिक आंदोलन में हमेशा दिखने वाली नेता हैं. मूलतः मुंगेर के रहने वाले जमशेदपुर में एक टेल्को मजदूर पिता की संतान कॉ. शशि यादव बिहार में क्रांतिकारी महिला आंदोलन की एक सशक्त चेहरा रही हैं. उनकी मां भी महिला आंदोलन की कार्यकर्ता रही हैं. जमशेदपुर में छात्रा-जीवन के दौरान ही ऑल बिहार स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एबीएसयू, आगे चलकर आइसा) से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करनेवाली शशि यादव ने बिहार की ग्रामीण महिलाओं से लेकर कामकाजी महिलाओं के कई जुझारू आंदोलनों का नेतृत्व करने के जरिए अपनी अलग पहचान बनायी है. मंडल कमीशन के चरम सामाजिक उथल-पुथल के दौर में उन्होंने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए पार्टी के भीतर ही छात्र आंदोलन के सहयोद्धा का. धीरेंद्र झा से शादी की. दोनों की इकलौत संतान एक बेटी है. मायका व ससुराल का पूरा परिवार पिछले कई दशकों से भाकपा(माले) से जुड़ा रहा है.

वे 1997 से लेकर 2023 तक लगातार ऐपवा की बिहार राज्य सचिव रहीं. इस दौरान उन्होंने पार्टी की ओर से मिली हरेक जवाबदेहियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया. 1998 में पहली बार उन्होंने दरभंगा लोकसभा से भाकपा-माले के उम्मीदवार के बतौर चुनाव लड़ा.1999 में बाढ़ लोकसभा, 2000 में हिलसा विधानसभा, 2005 के दोनों विधानसभा चुनावों में मसौढ़ी, 2009 में नालंदा लोकसभा, 2010 में हिलसा विधानसभा और 2020 में महागठबंधन के प्रत्याशी के बतौर उन्होंने दीघा विधानसभा से चुनाव लड़ा. दीघा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार को काफी कड़ी टक्कर दी थी.

का. शशि यादव के नेतृत्व में राज्य में आशा कार्यकर्ताओं की सबसे सफल व चर्चित हड़ताल हुई. सरकार को आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 2500 रु. तक करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालिया आंगनबाड़ी कर्मियों के आंदोलन में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वे ममता कार्यकर्ताओं को संगठित करने का काम भी बखूबी कर रही हैं.

2013 में संपन्न रांची महाधिवेशन में वे पार्टी की केंद्रीय कमिटी की सदस्य चुनी गईं और विगत साल 2023 में संपन्न 11 वें महाधिवेशन में वे पोलित ब्यूरो की सदस्य चुनी गईं. विगत साल ही उनके नेतृत्व में स्कीक वर्करों का राष्ट्रीय सम्मेलन भी पटना में ही संगठित किया गया. उस सम्मेलन से का. शशि यादव ऑल इंडिया स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव चुनी गईं. वे पिछले कई वर्षों से भाकपा(माले) की राज्य स्थायी समिति की भी सदस्य हैं और आशा कर्मियों के राज्य संगठन की अध्यक्ष हैं.