वामदलों ने राजधानी रांची में अवस्थित प्रतिष्ठित भारी अभियंत्रण उद्योग निगम (एचईसी) को बचाने के लिए आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय विगत 1 सितंबर 2023 को माकपा राज्य कार्यालय में आयोजित वामदलों की संयुक्त बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता हलधर महतो ने की.
विदित हो कि केंद्रीय भारी अभियंत्रण उद्योग मंत्रालय के मंत्री ने हाल ही में यह कहा है कि केंद्र एचईसी कोई सहायता नहीं करेगा बल्कि एचईसी को स्वयं पूंजी जुटाने का काम करना होगा. वामदलों ने केंद्रीय मंत्री के इस गैर जिम्मेदाराना बयान की कड़ी निंदा की है. एक तरफ मिशन चंद्रयान-3 की सफल लांचिंग जिसमें एचईसी के मजदूरों और इंजीनियरों की भी एक बड़ी भूमिका है, के लिए उन्हें बधाई देने के बजाय इसी केंद्रीय मंत्री ने नासमझी से भरा एक और बयान दे दिया कि चंद्रयान-3 की लांचिंग में एचईसी की कोई भूमिका नहीं है.
वाम दलों ने कहा कि ऐसे नासमझ केंद्रीय मंत्री से क्या उम्मीद रखी जा सकती है कि वे एचईसी के पुनरुद्धार के संबंध में कोई ठोस कदम उठाएंगे.
इस परिस्थिति में वामदलों ने एचईसी को बचाने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों, जन संगठनों, सिविल सोसाइटी और ट्रेड यूनियनो के प्रतिनिधियों को लेकर ‘एचईसी बचाओ मोर्चा’ का गठन करने का निर्णय किया है. इस मोर्चे के बैनर तले हटिया और रांची के नागरिकों का एक जन कंवेंशन आयोजित कर राजभवन पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा और एचईसी को बचाने की मांगों से संबंधित मुद्दों पर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा. वामदलों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि इस राष्ट्रीय धरोहर को बचाने के लिए वे आगे आएं और इस कारखाना का अधिग्रहण कर इसे राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक राजकीय उधम के रूप में चलाएं. इसके लिए राज्य सरकार यदि चाहे तो किसी वस्तु पर अतिरिक्त टैक्स लगा कर एचईसी को तत्काल कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराए. साथ ही, वाम दलों ने यह भी सुझाव दिया कि इस प्लांट की अतिरिक्त जमीन को, जिसपर केंद्र सरकार का भारी अभियंत्रण मंत्रालय कब्जा जमाए बैठा है, लंबी अवधि की लीज पर केंद्रीय प्रतिष्ठानों को देकर भी एक मुश्त राशि मिल सकती है और इस राशि से एचईसी के प्लांट के आधुनिकीकरण का काम पुरा हो सकता है. वाम दलों ने कहा है कि राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से इस बारे में भी वार्ता करनी चाहिए. वामदलों ने केंद्रीय भारी अभियंत्रण मंत्रालय से मांग की है कि वह मजदूरों और अधिकारियों के बकाए वेतन का भूगतान अविलंब करे.
बैठक में माकपा के प्रकाश विप्लव, समीर दास, प्रफुल्ल लिंडा व अमल आजाद, भाकपा के महेंद्र पाठक, पीके पांडे और अजय सिंह, भाकपा(माले) के मनोज भक्त व विनोद लहरी तथा मासस के हलधर महतो और सुशांतो मुखर्जी के अलावा ऐटक के राज्य महासचिव अशोक यादव, हटिया कामगार युनियन के लालदेव सिंह और सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष भवन सिंह शामिल थे.