मजदूर मुक्ति मोर्चा, पंजाब और भाकपा(माले) की मानसा जिला इकाई ने श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष तेज करने के संकल्प और हजारों महिलाओं और श्रमिकों की भागीदारी के साथ विगत 28 अगस्त 2023 को स्थानीय रेलवे गोदाम में एक विशाल ललकार रैली का आयोजन किया. रैली के बाद डिप्टी कमिश्नर दफ्तर, मानसा में जोरदार प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया गया और 1000 रु. प्रतिमाह देने के वायदे को पूरा करने की मांग पर हजारों महिलाओं के व्यक्तिगत आवेदनों को जमा किया गया.
इस मजदूर ललकार रैली को संबोधित करते हुए मजदूर मुक्ति मोर्चा, पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष गोबिंद सिंह छाजली, प्रदेश सचिव गुरप्रीत सिंह रुडेके और प्रदेश उपाध्यक्ष विजय कुमार भीखी ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के झूठे वायदे की तरह पंजाब की आम आदमी पार्टी का चुनाव के दौरान हर महिला के खाते में हर महीने 1000 रुपये डालने का वादा भी चुनावी जुमला साबित हो रहा है. यहीं नहीं, पंजाब की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान के सुरक्षा न लेने और बाढ़ पीड़ितों को बकरियों-मुर्गियों तक के नुकसान का मुआवजा देने जैसी बातें भी मजाक बनकर रह गई हैं. हकीकत यह है कि बाढ़ से प्रभावित भूमिहीन मजदूरों के पास फिलहाल सिर पर छत नहीं है और वे तिरपाल पर दिन गुजारने को मजबूर हैं.
तीनों वक्ताओं ने मांग की कि बाढ़ से प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए और हम उसी तर्ज पर ढहे मकान के लिए मजदूरों को पांच लाख रु., क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत के लिए तीन लाख रु. और प्रति दुधारू पशु के नुकसान पर एक लाख रु. के तत्काल मुआवजे की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि यह गारंटी दी जाए कि बेरोजगार श्रमिकों के परिवारों को 20 हजार रुपये गुजारा भत्ता दिया जाएगा. इसके अलावा मनरेगा कानून के तहत 200 दिन का काम, 700 रुपये प्रतिदिन मजदूरी और 6 घंटे काम का दिन, महिला मजदूरों को माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के ऋण और आरएसजी फाउंडेशन की धोखाधड़ी की शिकार सैकड़ों लड़कियों को ट्टण न्याय के साथ कंपनी के मालिकों की गिरफ्तारी की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई गई.
भाकपा(माले) के राज्य प्रभारी कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा ने ललकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार का वार्षिक बजट 2 लाख करोड़ रुपए के करीब है. पंजाब में अगर राज्य सरकार महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह और काम मांग रहे मजदूरों को राज्य की ओर से 50 दिन अतिरिक्त मजदूरी देने की गारंटी करे तो राज्य को मात्र 15 हजार करोड़ रूपये ही खर्च करना पड़ेगा. उन्होंने राज्य की मान सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर महिलाओं, मजदूरों, गरीबों, किसानों व नौजवानों से किए वायदे लागू नहीं किए तो उसके खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा. उन्होंने केंद्र सरकार और राज्यपाल द्वारा राज्य की चुनी हुई सरकार को गिराने के षड्यंत्रों के खिलाफ केंद्र सरकार को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्री पुरोहित पंजाब का संवैधानिक प्रतिनिधित्व करने के बजाय भाजपा के एजेंट की तरह राज्य सरकार को धमका रहे हैं. उन्होंने देश के संघीय ढांचे पर केंद्र इस हमले के खिलाफ मिलकर आवाज उठाने का आह्वान किया.
भाकपा(माले) केंद्रीय समिति के सदस्य और एंटी-ड्रग एक्शन कमेटी के संयोजक कामरेड राजविंदर सिंह राणा ने कहा कि निश्चित रूप से, पंजाब की सरकार जनता के हितों की रक्षा के लिए राज्य में नशे के काले कारोबार को रोकने व बाढ़ की रोकथाम में विफल रही है, नशा विरोधी अभियान शुरू करने वाले परविंदर सिंह झोटे को झूठे मामले में पिछले डेढ़ महीने से जेल में बंद कर दिया गया है. उनकी रिहाई के लिए एक बड़ा सामाजिक आंदोलन खड़ा हो गया है, लेकिन सरकार उन्हें रिहा करने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए पंजाब की जनता धीरे-धीरे मान सरकार के खिलाफ बड़ा संघर्ष शुरू करने की ओर बढ़ रही है.
रैली में प्रगतिशील महिला सभा की राष्ट्रीय पार्षद जसबीर कौर नत्त ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली मोदी सरकार के कार्यकाल में बेटियों के खिलाफ सबसे ज्यादा हिंसा उनके नेताओं और गिरोहों ने की है. यूपी से लेकर मणिपुर तक इसके सैकड़ों उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि हमें मजबूत आंदोलन खड़ा कर अपने हितों की रक्षा के लिए लड़ना होगा. इनके अलावा रैली व सभा में पहुंचे प्रमुख नेताओं में पार्टी की केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के सदस्य कामरेड नछत्तर सिंह खीवा, पार्टी के राज्य प्रवक्ता कामरेड सुखदर्शन नत्त, दुग्ध उत्पादक यूनियन के अध्यक्ष सतपाल शर्मा व आरवाईए के राजदीप शामिल थे.
कामरेड तरसेम सिंह खालसा, बिंदर कौर, उदत भगत राम, बलविंदर घरांगना, दर्शन दानेवालिया, गुरसेवक मान, भोला सिंह गुरदी, कृष्णा कौर मानसा, कामरेड छाजू सिंह दयालपुर, भोला सिंह बहादुरपुर, गगन खरक सिंह वाला, धर्मपाल नीटा, स्वर्ण सिंह जंगियाना, हरमेश सिंह भम्मे, सोहन सिंह उभा, शिंदरपाल कौर घैनवाल, रघुबीर सिंह भीखी, मलकीत सिंह समाओं, कुलवंत सिंह छाजली, यादविंदर सिंह भीखी, संदीप कौर समाऊं, बिकर सिंह मोहरसिंह वाला ने भी रैली को संबोधित किया.
विरादराना संगठनों के रूप में, पंजाब किसान यूनियन के नेता हरजिंदर सिंह मानसा, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सुखजीत सिंह रामानंदी, रिवोल्यूशनरी यूथ सभा के बिंदर अलख, दुग्ध उत्पादक यूनियन के सचिव संजीव ख्याला ने भी श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष के लिए अपने दृढ़ समर्थन की घोषणा की. पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद प्रदर्शनकारी उपायुक्त कार्यालय के एन गेट तक पहुंच गये. वहां हजारों महिलाओं द्वारा मुख्यमंत्री के नाम 1000 रुपये प्रति माह बैंक खाते में डालने की मांग को लेकर लिखे गए हजारों आवेदन एकत्रित कर उपायुक्त, मानसा को दिया गया और उसे मुख्यमंत्री भगवंत मान तक पहुंचाने के लिए कहा गया. बड़ी संख्या में आए इन आवेदनों और मजदूर मोर्चा द्वारा दिए गए मांग पत्र को उपायुक्त, मानसा ने मंच पर पहुंचकर प्राप्त किया और जिला प्रशासन ने इस सामग्री को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री को भेजने का आश्वासन दिया.
– विजय कुमार भिखी