मणिपुर के हालात, आसमान छूती महंगाई, बेरोजगारी, गरीबों-मुसहरों पर बढ़ते जुल्म, पुश्तैनी जमीनों से बेदखली, एमएसपी पर किसानों से वादाखिलाफी और भाकपा(माले) नेताओं पर जिले के कई थानों में झूठे मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ भाकपा(माले) ने गाजीपुर में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सरयू पांडे पार्क में 7 अगस्त 2023 से 50 घंटे की भूख हड़ताल शुरु की.
भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी सदस्य ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, ऐपवा जिला अध्यक्ष चन्द्रावती बिंद, रूदल कुशवाहा, रामबदन बिंद, रामायन वनवासी व मुसाफिर वनवासी अन्य कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में भूख हड़ताल पर बैठे. भाकपा(माले) के नेतृत्व में भूख हड़ताल में अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस), ऐपवा व इंनौस के साथियों ने हिस्सा लिया.
दूसरे दिन अनशन स्थल पर हुई सभा को का. ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, भाकपा(माले) जिला सचिव का. शशिकांत कुशवाहा व अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया. अध्यक्षता गुलाब सिंह व संचालन योगेन्द्र भारती ने किया.
प्रशासन ने भूख हड़ताल को पहले नजरअंदाज करने की कोशिश की. दूसरे दिन भी कोई अधिकारी सवालों को सुनने व उस पर बात करने के लिए नहीं आया. आंदोलनकारियों में शासन-प्रशासन की असंवेदनशीलता के खिलाफ आक्रोश बढ़ता गया. घोषणा की गई कि 9 अगस्त को बड़ी संख्या में किसान-मजदूर एकजुट होकर भूख हड़ताल के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे.
ऐतिहासिक ‘भारत छोड़ो दिवस’ और ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के मौके पर 9 अगस्त को अनशन स्थल पर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे. इस मौके पर उन्होंने क्रांतिकारी वीरों और महापुरुषों को याद और नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी और उनके सपनों का भारत बनाने, क्रांतिकारी आंदोलन तेज करने और देश की सत्ता से सांप्रदायिकता को उखाड़ फेंकने की शपथ ली. इसके पहले भाकपा(माले) व संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला.
भूख हड़ताल के समापन के मौके पर तीसरे दिन सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी सदस्य ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि आज देश में एक फासीवादी सरकार चल रही है जो देश के संविधान और लोकतंत्र को कुचल रही है. भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र, देश की धरोहरों और प्राकृतिक संपदाओं – जल, जंगल, जमीन व पहाड़ से लेकर खनिज पदार्थों को कारपोरेट के हाथों धड़ल्ले से बेचने का काम कर रही है. इसका विरोध करने वाले लोगों को जेल भेजा जा रहा है. जब कोई लोकतांत्रिक आंदोलन हो रहा है तो यह सरकार उसे अनसुना करने या पूरी ताकत से कुचल देने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अधिकारी भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रहे हैं. प्रदेश में ध्वस्त कानून-व्यवस्था का विरोध करने पर थाना खानपुर में हमारी पार्टी के नेताओं पर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है. नगसर हाल्ट थाना में गोरख वनवासी और मंगरू कन्नौजिया की बर्बर पिटाई करने वाले थाना प्रभारी के ऊपर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. यह सरकार भू-माफियाओं के बजाय जिले में गरीबों के घरों और बस्तियों के ऊपर बुलडोजर चला रही है. हमारी भूख हड़ताल इसी के खिलाफ है.
उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल पर बैठने और जिले के कोने-कोने से सैकड़ों किसान-मजदूर-छात्र-नौजवानों की गोलबंदी के बाद जिला प्रशासन को होश आया है. हमारी सभी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर हल करने के आश्वासन पर हम भूख हड़ताल समाप्त कर रहे हैं. जिला प्रशासन यदि अपने वायदे से पीछे हटेगा तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा.
सभा में अनशनकारियों के अलावा, प्रमुख रूप से शशिकांत कुशवाहा, योगेन्द्र भारती, राजेश वनवासी, सत्येंद्र प्रजापति, रामप्रवेश कुशवाहा, सदानंद पटेल, रामाशीष बिंद, प्रमोद कुशवाहा, मनोज कुशवाहा, मंजू गोंड, गुलाब सिंह, लालबहादुर बागी, नन्दकिशोर बिंद, सरोज यादव, मंजू गोंड, लालबहादुर बागी आदि मौजूद रहे. अंत मे एसडीएम ने जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराई.