वर्ष - 32
अंक - 35
26-08-2023

बाराचट्टी थाना के सरमां गांव निवासी राजू चौधरी, उम्र 30 वर्ष, पिता दिवंगत लखन चौधरी की मौत मामले में भाकपा(माले) की एक जिला स्तरीय जांच टीम ने विगत 22 अगस्त 2023 को गांव का दौरा कर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और घटना की जानकारी ली. जांच टीम में भाकपा(माले) जिला कमेटी के सदस्य रामलखन प्रसाद, बाराचट्टी विधानसभा प्रभारी पुलेंद्र कुमार, ऐपवा जिला अध्यक्ष शिला वर्मा और छोटू पासवान शामिल थे.

जांच टीम को मृतक राजू चौधरी के बड़े भाई मिथिलेश चौधरी ने बताया कि मेरा भाई विवाहित है और वह फास्ट फूड की दुकान चलाता था. उसके परिवार में पत्नी मीना देवी, तीन बच्चे रौशन (12 वर्ष), रौशनी (10 वर्ष) और साक्षी (8 वर्ष) हैं.

उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को आधी रात को पुलिस मेरे घर पर आई. गेट खोलने में देरी होने पर पुलिस पीछे से घर में घुस गई. पुलिस ने शराब बेचने का आरोप लगाकर मेरे भाई को पकड़ा और हमलोगों के सामने ही बेरहमी से मारने लगी. फिर वह उसे अपने साथ लेकर चली गई.

16 अगस्त को उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया. उसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उसे इलाज के लिए मगध मेडिकल काॅलेज अस्पताल में भर्ती किया गया. वहां इलाज के दौरान ही 18 अगस्त को रात 9 बजे उसने दम तोड़ दिया. मुतक के भाई ने कहा कि उनके भाई के पूरे शरीर पर चोट के निशान थे और जगह-जगह बदन काला पड़ गया था. उन्होंने स्पष्ट कहा – ‘पुलिस की पिटाई से ही मेरे भाई का मौत हो गयी.’

उन्होंने जांच टीम को बताया कि इलाज के दौरान मृतक की पत्नी उसके साथ में थी. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस परिजनों को शव देने में आना कानी कर रही थी और मुआजवा दिलवाकर मामला शांत करने का दवाब बना रही थी.

मृतक के भाई ने बताया कि स्थानीय थाने ने प्राथमिकी के लिए हमलोगों का आवेदन नहीं लिया. उसके बाद शेरघाटी न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष एक वाद प्रेषित किया गया जिसमें थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर कारवाई की मांग की गई है. घटना के खिलाफ आक्रोशित हजारों लोगों ने 19 अगस्त को बाराचट्टी के सोभ में जीटी रोड को 5 घंटे तक जाम कर दिया था.

जांच टीम ने मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी, 20 लाख मुआवजा और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. कहा कि पुलिस द्वारा पूर्व में भी इस तरह की घटनाओं के अनेक उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में लगातार दलितों, महादलितों और गरीबों पर शराब बेचने और सेवन का आरोप लगाकर पुलिसिया दमन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लोगों की जान तक ले ली जा रही है.