वर्ष - 32
अंक - 35
26-08-2023

विगत 20 अगस्त 2023 को पटना स्थित भाकपा(माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम के आवास में आइलाज के सदस्यों की एक बिहार राज्यस्तरीय बैठक हुई, जिसमें राज्य के दर्जनों जिलों के अधिवक्ताओं की भागीदारी हुई. बैठक में आइलाज के राष्ट्रीय महासचिव क्लिफ्टन डी’ रोजारियो भी उपस्थित रहे.

बैठक को संबोधित करते हुए क्लिफ्टन डी’ रोजारियो ने कहा कि विगत 3 वर्षों में आइलाज देश भर में वकीलों की प्रमुख आवाज बनकर उभरा है, जो वकीलों और कानूनी बिरादरी के अन्य लोगों के सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए लड़ रहा है, साथ ही संविधान की हिफाजत के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि देश की कानूनी संरचना को सबसे भयावह झटका मानसून सत्र के आखिरी दिन लगा, जब गृह मंत्री ने मौजूदा भारतीय दंड संहिता-1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता-1974 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 को बदलने के लिए तीन विधेयक पेश किये; जिनके नाम भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक है. इसके जरिए न्यायपालिका पर पूरी तरह से राज्य का नियंत्रण हो जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार ने इस बिल के जरिये देशद्रोह कानून को खत्म कर दिया है, पर हकीकत में अब उससे भी खतरनाक प्रावधान जोड़कर सरकार की नीतियों की आलोचना व विरोध करने पर भी आतंकवादी होने का दायरा बढ़ा दिया गया है जो उपनिवेशवादी कानून से भी खराब है. ऐसे दौर में ’आइलाज’ स्वतंत्रता संग्राम में वकीलों की भूमिका से प्रेरणा लेते हुए कानूनी पेशेवरों का एक ऐसा संगठन है जो किसी भी किस्म के भेदभाव, दमन और शोषण से मुक्त भारत के लिए प्रतिबद्ध है.

बैठक में मौजूद भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो सदस्य का. अमर ने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि मोदी सरकार द्वारा देश के संविधान, सामाजिक न्याय, नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार पर एक साथ हमला किया जा रहा है. कानूनी बिरादरी की विभिन धाराओं और प्रगतिशील और लोकतांत्रिक मूल्यों में यकीन करने वाले वकीलों की संगठित करने का यह प्रयास स्वागत योग्य है.

समापन वक्तव्य देते हुए भाकपा(माले) विधायक दल के नेता का. महबूब आलम ने कहा कि आज सभी के हक की आवाज उठाने वाले आइलाज जैसे वकीलों के संगठन की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है.

बैठक में आइलाज की 37 सदस्यीय राज्य संयोजन समिति बनाई गई. संयोजन समिति में भोजपुर से अमित कुमार बंटी, बृंदा यादव व कामेश्वर सिंह, गया से विनोद प्रसाद और जगदीश प्रसाद यादव, नालंदा से कृष्णा प्रसाद, अनिल पटेल, सरफराज खान व जयंत आनंद, बक्सर से अजय कुमार, नवादा से सुरेंद्र प्रसाद, अरवल से पप्पू कुमार व अख्तर शिरानी, वैशाली से रफी आलम, बेतिया से प्रमोद कुमार प्रसाद, गोपालगंज से अरफान अली व अजातशत्रु, सिवान से सुदामा ठाकुर व अभय कुमार पांडेय, खगड़िया से प्रणेश कुमार, औरंगाबाद से नंदकुमार सिंह व सत्येंद्र नारायण सिंह, पटना से मंजू शर्मा, पूजा आर्या, राजाराम राय, जावेद अहमद, हिमांशु शेखर व मनमोहन, दरभंगा से मिथिलेश्वर सिंह, शिवदयाल यादव, गुलाम अंसारी व संजीव कुमार, मोतिहारी से रंजन कुमार व कुंदन कुमार सिंह और मुजफ्फरपुर से ललितेश्वर मिश्र, मुकेश पासवानव अशोक कुमार सिंह चुने गए. संयोजन समिति ने मंजू शर्मा को राज्य संयोजन समिति का संयोजक चुना.