बिहार में लागू हो रहे चार सलाना स्नातक कोर्स एवं फीस वृद्धि के खिलाफ विगत 4-5 जुलाई 2023 को आइसा (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) ने राज्यव्यापी दो दिवसीय भूख हड़ताल किया. पटना विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय (गया), वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय (आरा), ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा), बीएन मंडल विश्विद्यालय (मधेपुरा), जेपी विश्वविद्यालय (छपरा), तिलका मांझी विश्वविद्यालय (भागलपुर) आदि सहित राज्य भर में लगभग सभी विश्वविद्यालय मुख्यालयों पर भूख हड़ताल का आयोजन किया गया. इासके अलावे डीके काॅलेज (बक्सर) समेत बेगुसराय, सीवान और बेतिया के कई महाविद्यालय मुख्यालयों के समक्ष भी कार्यक्रम आयोजित हुआ.
भूख हड़ताल में शामिल मगध महिला में मनोविज्ञान की छात्रा रचना कुमारी ने कहा कि तीन साल का ग्रेजुएशन ज्यादा बेहतर है. चार साल का स्नातक होने से छात्र-छात्राओं पर आर्थिक बोझ पड़ेगा. हम जैसी लड़कियां जो गांव से आती हैं, उनकी पहुंच विश्वविद्यालयों तक नहीं हो पाएगी.
पटना काॅलेज की छात्रा प्रज्ञा बताती हैं कि हमलोग घर और बाहर लड़ के काॅलेज तक पहुंचे हैं और नई शिक्षा नीति लागू होने से जो फीस वृद्धि हो रही है, उससे लड़कियों की पढ़ाई छुटने का ज्यादा खतरा पैदा होगा.
वहीं इतिहास में मास्टर कर रहीं कल्पना समाज में लड़कियों की स्थिति की तरफ इशारा करते हुए कहती हैं कि आज भी गांव में लड़कियों को लोग स्नातक तक पढ़ाते हैं ताकि उनकी शादी अच्छी नौकरी वाले लड़के से हो जाए. कई लड़कियों को लोग शादी के बाद इसलिए पढ़ाते हैं क्योंकि स्नातक की पढ़ाई बीच में छोड़ने से डिग्री नहीं मिलती और इसमें लड़कियों को पढ़ने का मौका मिल जाता है. लेकिन अब मल्टीपल इंट्री एक्जिट की व्यवस्था लाई जा रही है जिससे बीच में पढ़ाई छोड़ने पर अलग-अलग सर्टिफिकेट मिलेगा. इससे बीच में पढ़ाई छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ेगी.
आइसा बिहार राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि चार साल का स्नातक कोर्स बिहार के विश्वविद्यालयों से वंचित एवं गरीब तबकों को कैंपस से दूर कर देगा. दलितों व पिछड़ों को कैंपस तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन केंद्र सरकार उनको बाहर कर रही है. बिहार के राज्यपाल भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. निज़ी शिक्षण संस्थानों से इनकी नजदीकी बिहार की शिक्षा व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की मंशा को स्पष्ट दर्शाती है.
बिहार राज्य अध्यक्ष विकास यादव ने कहा कि छात्रों के बीच बहुत चिंता है. तीन साल का स्नातक कोर्स छः सालों में पुरा हो रहा है तो चार साल का स्नातक कोर्स कितने दिनों में पुरा होगा? चार साल के स्नातक कोर्स का अभी तक सिलेबस नहीं बन पाया है. राज्यपाल ने किसी तरह का कोई राय-विचार किए बिना इसे लागू कर दिया है. बिहार सरकार ने इसका विरोध किया है. हम सरकार के इस कदम का स्वागत करते हैं. सरकार इसे वापस करवाने की दिशा में ठोस कदम उठाए एवं बिहार विधानसभा में नई शिक्षा नीति के खिलाफ प्रस्ताव पारित करे.
राज्य भर में चार सालाना स्नातक कोर्स के खिलाफ आइसा का अभियान जारी है. आइसा ने 17 जुलाई 2023 को राजभवन का घेराव करने की घोषणा की है.