आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर विगत 3 जून 2023 को भाकपा(माले) ने भोजपुर (बिहार) में जिला स्तरीय कार्यकर्ता कन्वेंशन का आयोजन किया. आरा के नागरी प्रचारिणी सभागार में आयोजित इस कन्वेंशन में जिले के सैकड़ों नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए. कन्वेंशन की शुरुआत बालासोर (ओडिसा) ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों की याद में दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि के साथ हुई.
भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन में भाजपा को दलित राष्ट्रपति की याद नही आई. जबकि संसद बनता ही हैं रास्ट्रपति को मिला कर. लोकतंत्र के मंदिर में राजतंत्र के प्रतीक सेंगोल का क्या काम? जब भारत आजाद हुआ तो उसका प्रतीक संविधान था. जो सभी सम्प्रदाय, जाति, धर्म, भाषा के लोगों की बात करता है. इसलिए हमारा प्रतीक सेंगोल नहीं, संविधान होगा. नरेन्द्र मोदी राम मंदिर का शिलान्यास करते हैं और संसद का भी, यानी राम मंदिर और संसद में कोई अंतर नही. वेे संसद को राम मंदिर बना देना चाहते हैं. देश के प्रधानमंत्री अब हिन्दू सम्राट बन गए हैं और संघ-भाजपा वाले मनुस्मृति को संविधान बनाना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह को जेल भेजने के बजाए उन्हीं महिलाओं को सड़क पर घसीट कर थाने ले जाया जा रहा है. यह सवाल केवल कुछ पहलवानों का नहीं है, बल्कि पूरे देश का सवाल है. इसलिए बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार करना ही होगा.
उन्होंने कहा कि आज देश मे जो चल रहा है वह हिन्दू राष्ट्र का ट्रेलर हैं. डाॅ. अंबेडकर ने पहले ही कहा था कि किसी भी तरह से अगर देश हिन्दू राष्ट्र बन जाता है तो ये सबसे बड़ा खतरा होगा.
उन्होंने कहा कि आनेवाला 2024 का लोकसभा चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है. वह यह तय करने वाला चुनाव है कि देश मे लोकतंत्र रहेगा या नही, संविधान से देश चलेगा या मनुस्मृति से? यह चुनाव तय करेगा कि हमारी बेटियों का सम्मान रहेगा कि नहीं? इसलिए हमें जनता को भाजपा के खिलाफ आक्रामक बनाना होगा. गांव-गांव में साम्प्रदायिक ताकतों को भगाना होगा, गरीबों व महिलाओं के सवालों पर बड़ी एकता बनानी होगी और उन्मादियों की बोलती बंद कर देनी होगी.
उन्होंने कहा कि इस चुनाव को निर्णायक बना देना है तो हमें भाजपाईयों को चुप करा देना होगा. उन्हें कहना होगा कि धर्म अपने पास रखो, हमें शिक्षा व रोजगार दो, खेती के लिए पानी दो, हमे इन्ही मांगों पर लड़ना होगा.
राज्य सचिव कुणाल ने कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने बिहार को साम्प्रदायिक माहौल में ढकेल दिया है. जगह-जगह अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ी जा रही है. इसके खिलाफ हमें गांव-गांव में प्रतिरोध करना होगा. उन्होंने भाकपा(माले) को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने, जनांदोलनों का ज्वार खड़ा कर देने और राजनीतिक प्रचार तेज करने की अपील की.
आरा के पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि भाजपा 9 साल से आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रही है. शिक्षा के पाठ्यक्रम से भगतसिंह और आजादी के दीवानों को हटा रही है. गरीबों की आवास योजना को खत्म कर रही है. वह दो भारत बनाना चाहती है – गरीबों के लिए अलग, अमीरों के लिए अलग. इसलिए इस चुनाव में उसको हर हाल में परास्त करना होगा.
कन्वेंशन को सम्बोधित करते हुए राजू यादव ने कहा कि देश में महंगाई चरम पर है. भोजन पर टैक्स लग रहा है. नौजवानों को रोजगार नही मिल रहा है. भोजपुर में गरीबों को फर्जी बिजली बिल भेजकर उनके बिजली कनेक्शन को काट दिया जा रहा है, जबकि यहां के सासंद खुद केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री हैं. तरारी के विधायक सुदामा प्रसाद, इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी, ऐपवा जिला सचिव इंदू सिंह, आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार और आरवाइए राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, पूर्व विधायक चंद्रदीप सिंह समेत अन्य नेताओं ने भी कार्यकर्ता कन्वेंशन को संबोधित किया.
जगह-जगह पर स्वागत किया गया
भाकपा(माले) के जिला स्तरीय कार्यकर्त्ता कन्वेंशन में आ रहे भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य की सैकडों मोटरसाइकिलों व विभिन्न वाहनों के साथ आगवानी की गई. सकड्डी, गिद्धा व कायमनगर सहित कई जगहों पर जनता ने फूल-माला पहना कर जोरदार नारों के साथ उनका स्वागत किया.
कार्यकर्ता कन्वेंशन में भाकपा(माले) पोलित ब्यूरो के वरिष्ठ सदस्य का. स्वदेश भट्टाचार्य, केंद्रीय कमिटी सदस्य, व समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर, वरिष्ठ महिला नेत्री मीरा देवी, केंद्रीय कमिटी सदस्य व अगिआंव विधायक मनोज मंजिल आदि भी मौजूद थे. इसका संचालन जिला सचिव जवाहरलाल सिंह ने किया.
– चन्दन कुमार