संघर्षरत पहलवानों के साथ एकजुटता में पहली राष्ट्रीय महिला पंचायत आयोजित करने के लिए विगत 14 जून 2023 को दिल्ली में सैकड़ों महिलाएं एकत्रित हुईं. दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित इस कामयाब महिला पंचायत में तमाम महिला संगठनों समेत हरियाणा और राजस्थान से महिलाओं ने भारी संख्या में हिस्सेदारी की. ऐपवा के बैनर तले दिल्ली के खोड़ा, कोंडली, नजफगढ़ जैसे विभिन्न इलाकों से महिलाओं ने भागीदारी की और आज की इस महिला पंचायत में ऐपवा नेता का. श्वेता राज ने महिला पंचायत को संबोधित भी किया.
पंचायत से बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी, यौन उत्पीड़न के इन मामलों में कार्रवाई करने में उनकी घोर विफलता के लिए खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का इस्तीफा, प्राथमिकी दर्ज करने और पाॅक्सो, पोश व आइपीसीके प्रावधानों का पालन करने में विफल रहने वाले पुलिस अधिकारियों पर आइपीसी की धारा 166. के तहत अभियोजन, उत्तरजीवियों, गवाहों और उनके परिवारों को डराने-धमकाने की व्यापक रिपोर्टिंग को देखते हुए संघर्षरत पहलवानों के इन मामलों की सर्वाेच्च न्यायालय की निगरानी में जांच करने, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ न्याय के लिए संघर्ष कर रही महिला खिलाड़ियों के अन्य सभी मामलों में कार्रवाई, जिसमें हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ 2017 से यौन उत्पीड़न का मामला लंबित है तथा रेसलर फाउंडेशन ऑफ इंडिया की नई अध्यक्ष एक महिला को बनाने, जैसा कि गृह मंत्री ने पहले वादा किया था, की मांग उठी.
महिला पंचायत ने देश में आधे से अधिक खेल संघों में पोश अधिनियम को लागू करने में आपराधिक विफलता के लिए खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी तय करने की मांग करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री सहित मंत्रियों का मंत्रिमंडल, जो गंभीर आपराधिक उल्लंघनों के मामले में मूक गवाह के रूप में खड़ा रहने तथा महिलाओं, बच्चों और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए बने वैधानिक निकायों – राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की गगनभेदी चुप्पी की कड़ी निंदा की.
राष्ट्रीय महिला पंचायत में साक्षी मलिक की मां सुधेश मलिक सहित हरियाणा की कई महिला खिलाड़ियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. राष्ट्रीय महिला पंचायत में राजस्थान और दिल्ली की महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लेकर पहलवानों के संघर्ष के साथ एकजुटता प्रकट की और अपने भावपूर्ण वक्तव्यों से उनका हौसला बढ़ाया. इस कठिन लड़ाई में एकजुटता प्रकट करने के लिए पूनम मुत्तरेजा, नीरज मलिक, स्वाति जोशी, भाषा सिंह, निवेदिता मेनन और आरफा खानम आदि अन्य लोगों के साथ जोया हसन, उमा चक्रवर्ती, मृदुला मुखर्जी, सैयदा हमीद, रजनी पालीवाल, नंदिता नारायण, बीना पल्लीकल, अभिसामी ज्योति, अंजलि भारद्वाज, टीके राजलक्ष्मी, पामेला फिलिपोस, पूर्वा भारद्वाज जैसी प्रमुख महिला बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं की भागीदारी भी देखी गई.
महिला पंचायत ने यह आह्वान किया कि जब तक इस मामले में न्याय नहीं मिलता है और बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होती है, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. पंचायत में शामिल विभिन्न महिला संगठनों व कार्यकर्ताओं ने यह भी आह्वान किया कि अगर सरकार संघर्षरत पहलवानों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही तो 16 जून 2023 को एक राष्ट्रीय विरोध के मनाया जायेगा.
राष्ट्रीय महिला पंचायत का आयोजन अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (ऐडवा), अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (ऐपवा), अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन (एआईएमएसएस), एक्ट नाउ फाॅर हार्मनी एंड डेमोक्रेसी (अनहद), संघर्षरत महिलाओं के लिए केंद्र (सीएसडब्ल्यू), भारतीय ईसाई महिला आंदोलन (आइसीडब्ल्यूएम), दिल्ली, भारतीय महिलाओं का राष्ट्रीय संघ (एनएफटी), पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल), प्रगति महिला संगठन, पुरोगामी महिला संगठन, सहेली और वाईडब्ल्यूसीए ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से किया था.