वर्ष - 32
अंक - 25
17-06-2023

सूरजमुखी के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर जीटी रोड पर धरना दे रहे किसानों और सरकार के बीच आखिरकार 13 जून 2023 की रात में सहमति बन ही गई. समझौते की घोषणा होते ही सभी किसानों ने धरनास्थल से हटना शुरू कर दिया  और लगभग 32 घण्टे से जाम एनएच 44 खुलने लग गया.

विदित हो कि विगत 6 जून 2023 को हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के आसपास के जिलों में सूरजमुखी उगाने वाले किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की मांग करने पर किये गए लाठीचार्ज और किसान नेताओं की गिरफ्तारी के मुद्दे पर पीपली (कुरुक्षेत्र) में एक विशाल महापंचायत आयोजित किया था. इस विशाल महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान व अन्य प्रदेशों से भारी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया था. इसके बाद किसानों ने 12 जून 2023 को नेशनल हाईवे पर अनिश्चितकालीन धरने का आयोजन शुरू किया था.

उल्लेखनीय है कि केंद्र व राज्य सरकार एक तरफ तो दावा करती रही है कि एमएसपी है और रहेगा; वहीं दूसरी तरफ जो भी फसल मंडी में आती है, उसे खरीदा नहीं जाता. सरकार कहती है जो फसल का जो भाव मिल रहा है उसी में बेच दो. सरकार 1000 रूपये प्रति क्विंटल भावांतर देगी. प्राईवेट खरीद का रेट 4000 रूपये है, जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य 6400 रूपये है. भावांतर मिल भी जाए तो किसान को 1400 रूपये प्रति क्विंटल का घाटा उठाना पड़ता है.

सरकार के द्वारा करवाई जा रही इस खुली लूट के खिलाफ आवाज उठाने पर किसानों पर पुलिस ने दमन किया. इसके विरोध में यह महापंचायत व धरना आयोजित हुआ. महापंचायत व धरना में हरियाणा, पंजाब व अन्य जगहों से एसकेएम (संयुक्त किसान मोर्चा) के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए.

धरना के आह्वान से पहले महापंचायत के आयोजकों ने कई बार सरकार से वार्ता कर किसानों की शर्तों पर चर्चा हुई. वार्ता टूटने के बाद धरना का निर्णय लिया गया.

अंततः 13 जून 2023 को सरकार द्वारा किसानों की मांगें मान ली गईं. कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा और पुलिस अधीक्षक सुरेंदर भोरिया ने स्वयं धरनास्थल पर पहुंच  कर किसानों के बीच इसकी घोषणा की.

पीपली (कुरुक्षेत्र) में किसानों की वार्ता कमेटी व सरकार के बीच यह समझौता हुआ कि हरियाणा सरकार एमएसपी पर सूरजमुखी की खरीद शुरु करेगी या भावांतर के तहत पूरा दाम देगी. गिरफ्तार किए गए किसानों को कानूनी प्रक्रिया पूरा करके तुरत रिहा कर दिया जायेगा. इसके बाद ही 12 जून से राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैठे किसानों ने धरना उठाया.

एमएसपी के मुद्दे पर देश भर के सभी किसान संगठनं के नेताओं और सभी किसानों ने एकजुट होकर हरियाणा सरकार से लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की. अखिल भारतीय किसान महासभा ने किसानों को जीत की बधाई देते हुए कहा है कि किसानों की संगठित शक्ति को विकसित करना और निरंतर मजबूत करना आज की बड़ी जरूरत है. किसान महासभा अम्बाला, शाहबाद, कुरुक्षेत्र व करनाल के सभी संग्रामी किसानों का दिली मुबारकबाद देता है.

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