भाकपा(माले) महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और आद्री, पटना के निदेशक प्रोफेसर प्रभात पी घोष के निधन पर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने ट्वीट कर अपने शोक संदेश में कहा है कि आद्री को एक प्रतिष्ठित शोध संस्थान बनाने और संवारने में बिहार के बड़े विद्वान व लेखक अरविंद एन दास और अर्थशास्त्री शैवाल गुप्ता के साथ-साथ प्रोफेसर पीपी घोष अपने महान योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे. शोक की इस घड़ी में उनके सभी प्रियजनों और करीबियों के प्रति गहरी संवेदनाएं!
पोलित ब्यूरो सदस्य व खेग्रामस महासचिव धीरेन्द्र झा ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने कहा कि बिहार को उसके ऐतिहासिक पिछड़ेपन से निकालने के उपायों के अकादमिक कार्य में उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. बिहार में भूमि के सवालों पर उनकी खास दिलचस्पी थी. उनका मानना था कि भूमि प्रश्नों को हल किए बिना बिहार को गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकालना संभव नहीं है. उन्होंने बदले समय में हाउसिंग के अधिकार को मजबूती देने पर बल दिया था. इस दौर में उनका निधन पूरे बिहार के लिए एक अपूरणीय क्षति है.