विगत 3 अप्रैल 2023 को बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में यूजीसी के मानदंडों पर पिछले 7 वर्षों से बहाल अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाए जाने के खिलाफ व उनके समायोजन की मांग को लेकर अतिथि सहायक प्राध्यापक ने विधान सभा के समक्ष आक्रोश पूर्ण मार्च किया.
यह मार्च सुबह 11 बजे से गांधी मैदान से शुरू हुआ. ‘अतिथि सहायक प्राध्यापक समायोजन मोर्चा’ के बैनर तले बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अतिथि सहायक प्राध्यापक संघों ने मार्च का समर्थन किया. मार्च में भाकपा(माले) विधायक संदीप सौरभ भी शामिल थे. गांधी मैदान से निकले प्रदर्शन को जेपी चौक पर पुलिस ने रोक दिया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की मांग की. काफी देर तक वहां नोक-झोंक होतीे रही.
संदीप सौरभ ने कहा कि हिंदी विषय में स्थायी नियुक्तियां होते ही विभिन्न विश्वविद्यालयों ने बहुत सालों से कार्यरत् अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाना शुरू कर दिया है. बीआरबीयू, मुजफ्फरपुर में 35 और एलएमएनयू, दरभंगा में 43 अतिथि सहायक प्राध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी गई है. आने वाले दिनों में लगभग 100 से अधिक अतिथि सहायक प्राध्यापकों को हटाये जाने की संभावना है. कई वर्षों से पढ़ा रहे इन अतिथि सहायक प्राध्यापकों को नियमित बहाली में कोई वरीयता नहीं दी गई, जिसके कारण आज उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.
अन्य प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सन् 1972 के बाद से बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में नवीन शैक्षणिक पदों का सृजन नहीं हुआ है, यहां तक कि 2012 में रेशनलाइजेशन के नाम पर स्वीकृत पदों में कमी कर दी गई. अगर सरकार छात्र-शिक्षक अनुपात को ठीक करे तो सभी अतिथि सहायक प्राध्यापकों का समायोजन किया जा सकता है. यूजीसी ने भी यह निर्देश दिया है कि छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करने के लिए विश्वविद्यालय स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत तक अतिथि शिक्षकों को रख सकते हैं. अतिथि सहायक प्राध्यापकों ने कहा कि जिस प्रकार हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अतिथि सहायक प्राध्यापकों का नियमितीकरण किया है, उसी प्रकार का कदम बिहार सरकार को भी उठाना चाहिए.
विधानसभा मार्च में लगभग 1000 अतिथि सहायक प्राध्यापक शामिल थे, जिसमें मोर्चा के संयोजक पीयूष राज, एलएनएमयू, दरभंगा से वहां के अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डाॅ. बच्चा कुमार रजक, महासचिव डाॅ. सुमन कुमार, डाॅ. कौशलेंद्र कुमार, डाॅ. राजेश चौधरी और डाॅ. ज्योत्सना कुमारी; बीआरएबीयू, मुजफ्फरपुर के अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डाॅ. ललित किशोर, डाॅ. नीतीश कुमार, डाॅ. बिरजू कुमार, डाॅ. आमोद प्रबोधी; वीकेएसयू, आरा अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डाॅ. आदित्य कुमार आनंद, केएसडीएस संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के अध्यक्ष डाॅ. मुकेश प्रसाद निराला, डाॅ. प्रमोद कुमार मिश्रा, मुंगेर विश्वविद्यालय अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डाॅ. रणधीर यादवेंदु, टीएमबी विश्वविद्यालय से डाॅ. मनोज कुमार, डाॅ. आलोक कुमारी बी. एन. मंडल यूनिवर्सिटी अतिथि सहायक प्राध्यापक संघ के सचिव डॉ. दीपक कुमार, जेपी विश्वविद्यालय से डाॅ. हरिमोहन एवं डाॅ. अजय कुमार इस मार्च में सम्मिलित हुए. इसके अलावा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पाटलिपुत्र से डाॅ. संजय कुमार यादव, पूर्णिया विश्वविद्यालय पूर्णिया से डाॅ. संतोष संत कुमार भी इस मार्च में शामिल हुए.
बाद में, एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्यमंत्री के सचिव से मुलाकात की और अपनी मांगों से अवगत कराया. प्रदर्शन में भाकपा(माले) विधायक दल के नेता महबूब आलम, मनोज मंजिल और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन झा भी शामिल हुए.