विगत 11मार्च 2023 को बाघवल, तालुका – धर्मपुर, जीव वलसाड, गुजरात में भाकपा(माले) तथा ऐक्टू का एक कार्यकर्ता कन्वेंशन आयोजित किया गया.
बैठक में प्रवासी मजदूरों, खासकर बिहारी मजदूरों को लेकर संघ परिवार की घृणित साजिशों के तहत तमिलनाडु समेत देश के अन्य भागों में मेहनतकशों को आपस में लड़ाने की योजना पर रोष व्यक्त किया गया तथा ऐसी साजिशों को सड़क पर उतर कर विरोध करने का संकल्प लिया गया.
बैठक में वलसाड जिले में पार्टी की महाधिवेशन की रोशनी में पार्टी को जन बोल्शेविक पार्टी का रूप देने की योजनाओं पर विचार किया गया तथा सांगठनिक ढांचे को जिला, तालुका, पंचायत तथा वार्ड स्तर पर चुस्त-दुरुस्त करने पर जोर दिया गया.
बैठक में आगामी 12 अप्रैल को पार्टी तथा आदिवासी समाज के दिवंगत नेता कामरेड लक्ष्मण भाई छगन भाई वाडिया की दूसरे स्मृति दिवस पर आदिवासी सम्मेलन के आयोजन पर चर्चा हुई. इस आयोजन में जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के परंपरागत अधिकारों के साथ-साथ गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा दादरा नगर हवेली की 40 जिलों को लेकर प्रस्तावित राज्य ‘भील प्रदेश’ गठन पर भी चर्चा होगी.
सम्मेलन का आयोजन आदिवासी संघर्ष मोर्चा, गुजरात तथा भाकपा(माले) गुजरात संयुक्त रूप से करेगी. सम्मेलन में आदिवासी एकजुटता के लिए अन्य आदिवासी संगठनों के नेताओं को भी आमंत्रित करने की फैसला लिया गया हैं.
भाकपा(माले) की वलसाड जिला सचिव कामरेड कमलेश गुरव की अध्यक्षता में हुई बैठक को भाकपा(माले) के गुजरात राज्य प्रभारी कामरेड रंजन गांगुली, राज्य कार्यालय सचिव कामरेड अमित पाटनवाडिया, धर्मपुर तालुका सचिव कामरेड आनन्द भाई बारात, उमरगांव तालुका सचिव कामरेड हरेश भाई वरली, कामरेड सुरेश गायकवाड़ तथा सेल्फ हेल्प ग्रुप तथा ऐपवा नेत्री कामरेड सुमित्रा बेन केंग आदि नेताओं ने भी संबोधित किया हैं.
विगत 13 मार्च 2023 को डब्ल्यूआरएमयू के कार्यालय में गुजरात राज्य की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, बैंक, एलआइसी, रेलवे तथा विभिन्न असंगठित क्षेत्रों की यूनियनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक हुई.
बैठक में विगत 30 जनवरी को दिल्ली में हुए श्रमिकों के राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा पारित राजनीतिक प्रस्तावों तथा कार्यक्रमों पर व्यापक चर्चाएं हुई.
राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा स्वीकृत 14 सूत्री मांगों की चार्टर को हासिल करने के लिए गुजरात राज्य में कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के आयोजन का निर्णय लिया गया.
1. पहली मई को अहमदाबाद में एक संयुक्त रैली निकाली जाएगी,
2. 13 मई को अहमदाबाद में राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा, जिसमें 1500 लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी,
3. 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन दिवस के मौके पर ‘फासीवाद भारत छोड़ो’ नारे के साथ व्यापक गोलबन्दी वाली रैली निकाली जायेगी.
बैठक में 21 मार्च को डब्ल्यूआरएमयू की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की कार्यक्रम में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व अन्य मजदूर संगठनों द्वारा भाग लेने का फैसला लिया गया.
बैठक में 10 मार्च को सरकारी दमन व धमकियों के बावजूद पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा सफल हड़ताल आयोजित करने का अभिनंदन किया गया.
बैठक में त्रिपुरा में संघ परिवार द्वारा चुनाव बाद आम वामपंथी कार्यकर्ताओ व समर्थकों पर चलाये जा रहे फासीवादी हमलों और आगजनी की घटनाओं की तीव्र निंदा की गई.
बैठक में ऐक्टू द्वारा संचालित प्रवासी मजदूर एकजुटता सप्ताह पर भी चर्चा हुई, प्रवासी मजदूरों को सुरक्षा, सम्मान व जीवन निर्वाह योग्य वेतन को सुनिश्चित करने के लिए एक अलग केंद्रीय कानून बनाने की मांग को समर्थन किया गया तथा फासीवादी तत्वों द्वारा भाषा व राज्यों की आधार पर मेहनतकशों को आपस में लड़ाने की नीति की निंदा की गई. ऐक्टू की तरफ से बैठक में ऐक्टू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड रंजन गांगुली व ऐक्टू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों का. अमित पाटनवाडिया तथा का. दशरथ सिंहाली ने हिस्सा लिया.
– रंजन गांगुली