‘जनविरोधी विकास पर विराम लगना ही चाहिए, जनता के आंदोलन से एक छोटी-सी जीत हासिल की गई है!
जोशीमठ की बर्बादी के लिए जिम्मेदार तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना को ब्लैक लिस्ट कर इससे पूरे मुआवजे की वसूली की जानी चाहिए. जोशीमठ शहर को विनाश की ओर तो धकेल ही दिया गया है!
अभी तत्काल प्रभाव से प्रदेश के मुख्यमंत्री को जोशीमठ में डेरा डाल कर सभी प्रभावित परिवारों को समुचित ढंग से सुरक्षित जगहों पर विस्थापित करने को ही प्राथमिकता देना जरूरी है, इसमें किसी भी तरह की कोताही भारी जानमाल के नुकसान को आमंत्रित कर सकती है.’
– राजा बहुगुणा, राज्य सचिव, उत्तराखंड, भाकपा(माले)