8 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने झारखंड के गिरिडीह, बगोदर, गढ़वा, रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो, रांची, बुंडू समेत विभिन्न जिलों में कार्यक्रम आयोजित किया.
जयंती चौधरी, कौशल्या दास, सबिता सिंह, पूनम महतो, सरिता महतो, सरिता साव, शोभा देवी, पिंकी भारती, नीता बेदिया, झूमा घोषाल, कांति देवी, सुषमा मेहता, तारामणि साहू, ऐती तिर्की, शांति सेन, कंचन उरांव, मेवा लकड़ा, गीता तिर्की, नंदिता भट्टाचार्य, सहित कई नेत्रियों के नेतृत्व में पूरे झारखंड में इन कार्यक्रमों को सफल बनाया गया.
इस मौके पर महिला आयोग को सक्रिय करने, प्रशासनिक विभाग में लैंगिक संवेदनशीलता पर प्रशिक्षण देने, हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर सुविधा व सेवाएं प्रदान करने, मानव तस्करी एवं पलायन पर प्रतिबंध लगाने व पीड़ितों के लिए पुनर्वास, महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 के अनुसार घरेलू हिंसा की रिपोर्ट को सीडीपीओ सहित प्राधिकारियों की अनुमति की जरूरत को खत्म करने, कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के अनुसार हर सरकारी एवं निजी विभाग, शैक्षणिक, राजनैतिक दल या समूह, सामाजिक, आर्थिक ,गैर सरकारी संगठनों अथवा अन्य संस्थाओं में महिला शिकायत प्रकोष्ठ अनिवार्य हो और सरकारी रिपोर्ट सही तथ्यों के साथ जारी हो. राज्य में कम से कम 50% विधायक महिला हों. पार्टियों के हर स्तर के समितियों और नेतृत्व में कम से कम 50% महिलाएं हों.
महिलाओं को सम्मानजनक मजदूरी मिले एवं कार्यक्षेत्र में बराबरी का अधिकार मिले, असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को मातृत्व अवकाश, सम्मानजनक मातृत्व लाभ, कार्यस्थल पर पालना की व्यवस्था सहित सम्पूर्ण मातृत्व अधिकार मिले. महिलाओं को रोजगार के अवसर मिले, उनको माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की कर्ज के दलदल से बचाने हेतु महिलाओं को जीरो परसेंट ब्याज पर लोन दे और छात्राओं को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा को दी जाए.
उत्तर प्रदेश में भी ऐपवा ने पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया, मऊ, आदि जिलों में कार्यक्रम किये. इस मौके पर महिलाओं ने प्रदेश में बढ़ती हिंसा के खिलाफ आक्रोश प्रदर्शित करते हुए अधिकारियों को मुख्यमंत्री को संबोधित 6 सूत्री मांग पत्र दिए.
ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संविधान से नहीं बल्कि बुल्डोजर से प्रदेश को चला रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट से फटकार पड़ने के बावजूद भी अपने नफरती बुल्डोजर से महिलाओं के अधिकारों पर हमला कर रहे हैं.
ऐपवा की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़े बताते हैं कि महिला अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश शर्मनाक ढंग से पहले नंबर पर है. उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ बलात्कार, हत्या और अपहरण की शर्मनाक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों को न्याय नहीं मिल रहा है और कई मामलों में तो सरकार ही बलात्कारियों-अपराधियों का संरक्षण करती नजर आई हैं.