वर्ष - 33
अंक - 51
14-12-2024

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, रांची में छात्रा के साथ छेड़छाड़ हुई  जो बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स की एक छात्रा के साथ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के प्रयास की आइसा और ऐपवा ने जोरदार विरोध् करते हुए राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर विरोध प्रदर्शन किया.

पीड़िता ने चार अज्ञात युवकों पर उसका मोबाइल फोन छीन लेने, पीछा करने और घटना का विडियो रिकार्ड करने की केशिश करने जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं.

उसने बताया कि जब वह दोपहर के लंच के समय यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर खाना खाने जा रही थी, चार अज्ञात युवकों ने उसको बातें बोली, जबरन हाथ पकड़ कर खींचा और उसका अपहरण कर लेने की धमकी दी. उसने बताया ‘ये लोग नियमित रूप से मेरा और मेरी दोस्तों का पीछा करते थे. इस घटना के बाद मुझे लगने लगा है कि हम न केवल परिसर के बाहर, बल्कि अंदर भी असुरक्षित हैं.

यूनिवर्सिटी के डीन और विभागाध्यक्ष से जब इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने कहा कि ये कैंपस के बाहर का मामला है, हमलोग कुछ नहीं कर सकते हैं. लड़की को ग्रुप में दो-तीन लड़कियों को लेकर जाना चाहिए था.

आइसा व ऐपवा नेताओं ने कहा कि छात्रा ने इस घटना के बाद एफआईआर भी दर्ज कराया है लेकिन अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है. पूरे 24 घंटे बीत जाने तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है. ऐसी घटनायें लगातार हो रही है जो कि अत्यंत निंदनीय है.

घटना की जानकारी मिलते ही आइसा के टीम सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड, रांची पहुंची और उसने पीड़िता से मिलकर घटना की जानकारी ली. पीड़िता को न्याय मिले इसके लिए आइसा के मजबूती से खड़ी है.

इस मामले में सभी आरोपी भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी से जुड़े हुए हैं. एबीवीपी ने आरोपियों के पक्ष में खड़े होकर विरोध प्रदर्शन को बाधा पहुंचने की भी पूरी कोशिश की.

आइसा और ऐपवा नेताओं ने दोषियों को कड़ी से सजा देने, छात्राओं की सुरक्षा की गारंटी करने तथा विश्वविद्यालय में जीएस कैश का निर्माण करने की मांग की है.

कार्यक्रम में बरसी देवी, मंजू देवी, मंगल  दानी, गीता तिर्की, सुष्मा लकड़ा, आईती तिर्की ,शांति सेन, मेवा लकड़ा, नीलिमा कश्यप, नंदिता भट्टाचार्य, संजना मेहता, नौरिन अख्तर, खुशनुमा परवीन, मेहविश शमीम, सृष्टि भट्टाचार्य, सोनाली केवट के साथ ही भाकपा(माले) नेताओं – का. सुवेंदु सेन व मोहन दत्त ने भी शिरकत की.

आइसा-आरवाइए-ऐपवा का राज्यव्यापी प्रतिरोध

इस घटना के विरोध में आइसा, ऐपवा और आरवाइए ने राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया. पलामू छहमुहान चौक पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए आइसा के राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ व राज्य अध्यक्ष तरुण कुमार, पांकी मध्य से जिला पार्षद खुशबू कुमारी, आरवाइए की राष्ट्रीय पार्षद दिव्या भगत आदि नेताओं ने इस घटना को झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल बताया.

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के बाद छात्रा को निलंबित कर दिये जाने से यह साबित होता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस द्वारा आरोपियों को बचाने की पूरी कोशिश चल रही है. केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा यादव भी झारखंड से ही हैं लेकिन वे इस मामले पर चुप हैं क्योकि आरोपी उनकी पार्टी भाजपा से जुड़े हुए हैं. यही भाजपा के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ नारे की हकीकत है. यदि आरोपी को सजा नहीं दी गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.