अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) का चौथा दिल्ली राज्य सम्मेलन 22 सितंबर को का. हरिकिशन सिंह सुरजीत भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. राज्य सम्मेलन के खुले सत्र में पत्रकार नेहा दीक्षित, पत्रकार निधि सुरेश और ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव कामरेड मीना तिवारी ने दिल्ली भर से आई महिलाओं को संबोधित किया. सम्मेलन में ऐपवा, दिल्ली की तरफ से उन महिला कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया गया जिन्होंने मोदी सरकार की क्रूर कार्रवाई का साहसपूर्वक सामना किया है. सम्मानित होने वालों में जेएनयू में सफाई कर्मचारियों की नेता उर्मिला, सीएए-एनआरसी आंदोलन में जेल गईं नताशा नारवाल, सफुरा जर्गर, देवांगना व गुलफिशां (ये अभी भी जेल में बंद हैं) और बुल्डोजर आतंक से लड़नेवाली घोबी घाट (जामिया) की कई महिलाओं के नाम शामिल हैं.
सम्मेलन के खुले सत्रा को संबोधित करते हुए ऐपवा महासचिव का. मीना तिवारी ने कहा कि भाजपा आरएसएस की विचारधारा से संचालित होती है जिसमें महिलाओं के प्रति हर तरह की हिंसा व क्रूरता का महिमामंडन किया जाता है. भाजपा राज में कठुआ और हाथरस बलात्कार कांडों से लेकर बिल्किस बानो और आइआइटी, बीएचयू की छात्रा के साथ रेप के दोषियों के बचाव में भाजपा का निर्लज्ज आचरण के पीछे यही विचारधारा है.
नेहा दीक्षित ने कामगार महिलाओं की बेहद कमजोर आर्थिक स्थिति व उससे पैदा हुई असुरक्षा पर विस्तार से चर्चा करते हुए हुए कहा कि इस वजह से भी वे अपने पर होनेवाले यौन उत्पीड़न का पुरजोर प्रतिरोध नहीं कर पातीं.
निधि सुरेश ने कहा महिलाओं पर होने वाले अत्याचार की घटनाओं पर मिडीया के रूख पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि ऐसी हर किसी घटना पर कुछ दिनों के शोर-शराबे के बाद एक चुप्पी-सी छा जाती है. पीडितायें या उनके परिजन किन हालातों में हैं, आगे चलकर इसकी कोई खबर नहीं दिखती है, कोई फॉलो-अप नहीं होता.
सम्मलेन में यौन हिंसा के खिलाफ दिल्ली से चले प्रमुख आंदोलनों में ऐपवा की भागीदारी पर विस्तार से चर्चा हुई.
महिला पहलवानों के साथ हुई यौन हिंसा की घटना को लेकर चले लंबे आंदोलन में ऐपवा की अच्छी भागीदारी रही. इसके साथ ही मणिपुर, मुजफ्फरपुर, उत्तराखंड और आरजी कार अस्पताल (कोलकाता) में हुई यौन हिंसा और हत्या के खिलाफ चले आंदोलनो में भी ऐपवा ने बढ़-चढ़कर पहल ली थी. ऐपवा ने इजरायल द्वारा फिलिस्तीन में जारी जनसंहार के खिलाफ दिल्ली की सड़कों पर आवाज उठाते हुए इसका पुरजोर विरोध किया. आरजी कार अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के खिलाफ आंदोलन में कोलकाता के बाद दिल्ली ही प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा. यहां दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा हुई हड़ताल को पूरा समर्थन देते हुए ऐपवा नेताओं-कार्यकर्ताओं लगातार प्रदर्शनों में भागीदारी की.
सम्मेलन ने आने वाले दिनों में महिलाओं के सवाल समेत विभिन्न लोकतांत्रिक सवालों को लेकर ऐपवा की गतिविधि तेज करने और क्रांतिकारी महिला संगठन का निर्माण करने के लक्ष्य को पूरा करने की ओर मजबूती से कदम बढ़ाने का संकल्प जाहिर किया.
ऐपवा, दिल्ली के इस राज्य सम्मेलन में दिल्ली के विभिन्न इलाकों और क्षेत्रों से महिलाओं ने भागीदारी की. सम्मेलन के जरिए 43 सदस्यों का एक कार्यकारी परिषद बनाया गया, जिसमें 15 सदस्यों की पदाधिकारी टीम चुनी गई. कामरेड श्वेता को अध्यक्ष, और कामरेड श्रेया को सचिव के रूप में चुना गया. कामरेड मीरा, सोनी, शकुंतला, शबनम, माला, सुनीता और राशिदा को उपाध्यक्ष चुना गया. कामरेड सरस्वती, पूजा, प्रचेत्ता, सना, रिया और नीतू को सह सचिव चुना गया. समापन महिला मुक्ति के लिए क्रांतिकारी संघर्ष को आगे बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता के उद्घोष के साथ हुआ.
– श्वेता