उत्तर प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर 23 सितंबर को दसियों हजार ग्रामीण गरीबों ने प्रदर्शन कर मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपए मजदूरी देने, माइक्रो फाइनेंस के कर्ज माफ करने, बिजली बिल माफ करने व 300 यूनिट बिजली फ्री देने, राष्ट्रीय सहारा में जमा गरीबों का पैसा वापस करने व बुलडोजर राज पर पूर्णतः रोक लगाने की मांग की.
अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 20 जिलों में 10 जिला मुख्यालयों, आठ तहसील मुख्यालयों, 6 प्रखंड मुख्यालयों (ब्लॉकों) व 1 ग्राम पंचायत सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन कर अधिकारियों को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा. 23 अगस्त के ब्लॉक मुख्यालयों पर प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में राज्य परिषद की बैठक में जिला मुख्यालयों पर प्रभावशाली मार्च व प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी.
गाजीपुर में 23 सितंबर कार्यक्रम के लिए अगस्त से ही तैयारी शुरू कर दी गई थी. 28 अगस्त को जमानिया तहसील पर 2000 की संख्या में ग्रामीण गरीबों के प्रभावी मार्च व सभा में ही जिला मुख्यालय पर चलने का आह्वान कर दिया गया था. इसके लिए जमानिया-भदौरा में 88 गांवों में ग्राम बैठक की गई, जिसमें 300 से लेकर 50 ग्रामीणों की उपस्थिति रही. बीस हजार पर्चा बांट कर व चौपहिया गाड़ी से प्रचार किया गया. परिणामस्वरूप 23 सितंबर को 123 ट्रैक्टरों, 80 टेंपो, मोटरसाइकिलों व साइकिलों से लगभग 5000 ग्रामीण गरीब गाजीपुर जिला मुख्यालय पहुंचे. जुलूस निकालकर सभा की गई. प्रदर्शन की वजह से पूरे जिला मुख्यालय पर अफरा-तफरी मची रही.
वक्ताओं ने उपरोक्त मांगों के अलावा सभी गरीबों को आवास एवं आवास के लिए जमीन देने की भी मांग की. प्रदर्शन एवं सभा में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश किसान महासभा के राज्य सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, भाकपा(माले) के जिला सचिव शशिकांत कुशवाहा, खेग्रामस जिला सचिव नंदकिशोर बिंद, राष्ट्रीय पार्षद योगेंद्र भारती, चंद्रावती, हंसा, राजेश वनवासी, सुधाकर बिंद, मंजू गोड़, अभिनायक, उर्मिला, अनित्य, पन्नू यादव आदि ने नेतृत्व किया.
चंदौली में 1000 ग्रामीण गरीबों ने खेग्रामस राज्य सह सचिव अनिल पासवान, जिला सचिव रामायण राम, राम दुलारे बिंद आदि के नेतृत्व में 5 किलोमीटर तक मार्च कर जिला मुख्यालय पर प्रभावशाली प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा.
बलिया के सिकंदरपुर में खेग्रामस के सम्मानित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी के नेतृत्व में तहसील पर 500 ग्रामीणों की भागीदारी के साथ प्रभावशाली व आक्रामक मार्च किया गया और सभा के बाद ज्ञापन दिया.
मिर्जापुर में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जीरा भारती और भाकपा(माले) राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में 400 लोगों ने रेलवे स्टेशन से जुलूस निकालकर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. हालांकि उसी दिन मिर्जापुर में मुख्यमंत्री का दिनभर का कार्यक्रम होने के चलते जिला प्रशासन ने जगह-जगह ग्रामीणों को जिला मुख्यालय पहुंचने पर रोक लगाई तथा दो ट्रैक्टर व एक मैजिक को अंततः आने नहीं दिया. फिर भी ग्रामीण गरीबों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर ज्ञापन देने व बात सुनने के लिए प्रशासन को मजबूर किया.
गोरखपुर में भी 300 ग्रामीण गरीब झंडा, बैनर, फेस्टून के साथ नगर निगम पार्क में एकत्रित हुए और वहां से खेग्रामस राज्य सचिव राजेश साहनी, भाकपा(माले) जिला सचिव राकेश सिंह, खेग्रामस जिला सचिव विनोद भारद्वाज, जिला अध्यक्ष श्यामाचरण और राष्ट्रीय पार्षद मनोरमा चौहान के नेतृत्व में कचहरी चौराहा और गोलघर होते हुए जिला मुख्यालय पर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंपा गया.
सीतापुर में जिला पंचायत सदस्य अर्जुन लाल के नेतृत्व में 400 ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर, धरना देकर ज्ञापन सौंपा. पीलीभीत के पूरनपुर तहसील पर 400 ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर खेग्रामस राष्ट्रीय पार्षद सईद खान व किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष अफरोज आलम के नेतृत्व में सभा कर ज्ञापन सौंपा.
महाराजगंज में निचलौल तहसील पर खेग्रामस राष्ट्रीय पार्षद हरीश जायसवाल व भाकपा(माले) जिला सचिव संजय निषाद के नेतृत्व में 200 ग्रामीणों ने प्रभावशाली मार्च व सभा कर ज्ञापन सौंपा.
देवरिया के भाटपार रानी तहसील पर खेग्रामस जिला संयोजक पूनम यादव और राष्ट्रीय पार्षद श्रीराम कुशवाहा के नेतृत्व में 250 ग्रामीण गरीबों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा.
अयोध्या जिले में भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य व मजदूर नेता राम भरोस के नेतृत्व में मया ब्लॉक में धरना-प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीओ, पंचायत को सौंपा गया. धरने की अध्यक्षता लक्ष्मण और सभा का संचालन राधेश्याम ने किया.
बनारस जिला में खेग्रामस व किसान महासभा के नेतृत्व में ने शास्त्री घाट पर धरना-प्रदर्शन कर कमिश्नरेट उपनिरीक्षक के माध्यम से राष्ट्रपति व जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन दिया गया. धरना स्थल पर हुई सभा की अध्यक्षता का. रानी बनवासी और संचालन का. आरडी सिंह विप्लवी ने किया. सभा को किसान महासभा की नेता का. कृपा वर्मा, का. अमरनाथ, का. मिठाई लाल, का. सचाऊ, का. हौसला राजभर और का. लालजी पटेल ने संबोधित किया.
आजमगढ़, मऊ व कुशीनगर जिला मुख्यालयों पर भी प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया. लखीमपुर के गोला तहसील मुख्यालय पर कार्यक्रम हुआ.
सोनभद्र के दुद्धी, रॉबर्ट्सगंज व घोरावल में ग्रामीण गरीबों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा, जहां राष्ट्रीय पार्षद शंकर कोल, पार्टी के जिला सचिव सुरेश कोल व बाबूलाल भारती उपस्थित थे. रायबरेली में पांच ब्लाकों व एक पंचायत सचिवालय पर ग्रामीण गरीबों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपा.
जालौन जिले में उरई जिला कलेक्ट्रेट में खेग्रामस व किसान महासभा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया. वहां हुई सभा को किसान महासभा के राष्ट्रीय पार्षद व भाकपा(माले) के जिला सचिव राजीव कुशवाहा, ऐक्टू के राष्ट्रीय पार्षद रामसिंह चौधरी, शिववीर सिंह, कांशीराम, हरिशंकर यादव आदि ने संबोधित किया.
हरदोई जिले की मल्लावां तहसील पर किसान महासभा के जिला संयोजक ओमप्रकाश कनौजिया के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया.
भदोही जिले में उक्त कार्यक्रम 21 सितंबर को किया गया. कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने भागेदारी की. वहां हुई सभा को खेग्रामस राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अनिल पासवान और राष्ट्रीय पार्षद बनारसी ने संबोधित किया.
हर जगह उक्त मुद्दों के अलावा ज्ञापन में सीतापुर के भाकपा(माले) जिला सचिव व खेग्रामस नेता अर्जुन लाल को प्रशासन द्वारा जिला बदर करने के आदेश को निरस्त करने और लखीमपुर खीरी के किसान नेता रामदरस को रिहा करने की मांग भी की गई.
इस प्रकार पूरे प्रदेश में 27 स्थानों पर ग्रामीण गरीबों ने प्रदर्शन किया, जिसमें लगभग 10,000 ग्रामीण गरीबों ने भाग लिया. उनके उत्साह को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि ग्रामीण गरीबों के रोजगार, कर्ज माफी, बिजली बिल माफी, वास-आवास के लिए जमीन के साथ-साथ बुलडोजर राज से निजात पाने की छटपटाहट दिख रही है.
अब पहली अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के 53 ब्लॉक के 500 ग्राम पंचायत सचिवालय पर प्रदर्शन कर ग्रामीण गरीबों के रोजमर्रा सवालों को स्थानीय पंचायतकर्मियों के समक्ष प्रस्तुत कर हल के लिए संघर्ष करने का लक्ष्य लिया गया है.
– राजेश सहनी, राज्य सचिव, उत्तर प्रदेश, खेग्रामस