केन्द्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा में भाकपा(माले) संसदीय दल के नेता का. राजाराम सिंह
इस क्षेत्र में गंभीर संकट के बावजूद, जहां किसान कृषि को लाभदायक बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बजट 2024-25 में कृषि क्षेत्र पर कुल आवंटन घटाकर 3.15% कर दिया गया है. सी2+50% फाॅर्मूले के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है.
हम सिंघू बाॅर्डर पर एक किसान स्मारक बनाने की भी मांग करते हैं.
आर्थिक सर्वेक्षण मानता है कि देश के आधे युवा बेरोजगार हैं. तो फिर स्किल इंडिया योजना से कौन-सा उद्देश्य पूरा हुआ?
और अब 1 करोड़ युवाओं के लिए इंटर्नशिप की घोषणा एक धोखा साबित होने वाली है क्योंकि 500 कंपनियों को ही अंततः इस योजना से धन मुहैया कराया जाएगा और लाभ मिलेगा, जबकि युवा अग्निवीर योजना की तरह अंततः बेरोजगार ही रह जाएंगे.
आम लोग एकत्रित किए गए कुल करों का 60% हिस्सा लेने वाले सबसे बड़े करदाता हैं, लेकिन ये कुछ अति अमीर लोग हैं जिन्हें सभी लाभ और रियायतें मिलती हैं.
बिहार को लंबे समय से प्रतीक्षित विशेष पैकेज नहीं दिया गया है. जब इस राज्य का विभाजन हुआ और झारखंड का गठन हुआ – उस समय बिहार के राजस्व में भारी कमी आई और विशेष दर्जे की मांग उठी.
बिहार को हमेशा बाढ़ का सामना करना पड़ता है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार पानी के मुद्दे का एक महत्वपूर्ण प्रश्न अभी तक हल नहीं हुआ है.
नेपाल में एक ऊंचे बांध के निर्माण का प्रस्ताव किया गया था लेकिन इस संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं किया गया.
राज्य बाढ़ नियंत्रण और शमन उपायों की गंभीर कमी के साथ-साथ घटती सिंचाई प्रणालियों से पीड़ित है. इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए.