नई दिल्ली 22 फरवरी 2022.
यूक्रेन की सीमाओं पर रूस द्वारा किया जा रहा सैन्य आक्रामकता का प्रदर्शन भारी चिन्ता का विषय है. वर्तमान संकट का हल यूक्रेनी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से परस्पर बातचीत के द्वारा किया जाना चाहिए.
इस टकराव के समाधान की दिशा में रूस को यूक्रेन की सीमाओं से अपनी सेनायें तत्काल वापस बुला लेनी चाहिए और रूस एवं अमेरिका व नाटो को यूक्रेन में कोई भी हस्तक्षेप तत्काल बंद कर तनाव को कम करने लिये मिन्स्क—2 समझौते के आधार पर कूटनीतिक समाधान निकालना चाहिए.
हम अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को लेकर फैलाये जा रहे युद्धोन्माद की कड़ी भर्त्सना करते हैं. नाटो देशों को पूर्वी यूरोप में पैर पसारने के प्रयासों पर रोक लगानी चाहिए. अमेरिका व ब्रिटेन भले ही नाटो को एक सुरक्षात्मक गठबंधन बताते रहें, सच तो यह है कि अफगानिस्तान, यूगोस्लाविया और लीबिया में पिछले वर्षों में, या उसके पहले ईराक पर युद्ध थोपने में, उनकी कारगुजारियां निस्संदेह साम्राज्यवादी हितों को साधने वाली रही हैं.
हम रूस व यूरोप में चल रहे युद्ध विरोधी आन्दोलनों के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर करते हुए वहां चल रहे नये हथियार नियंत्रण समझौतों और उस महाद्वीप में आणविक निशस्त्रीकरण की सभी कोशिशों का समर्थन करते हैं.
— भाकपा(माले) केन्द्रीय कमेटी