वर्ष - 33
अंक - 8
20-02-2024

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र नगर मजिस्ट्रेट को दिया गया. धरने का नेतृत्व का. फूलमती ने किया.

चंदौली में बिछिया धरना स्थल से जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च कर राष्ट्रपति महोदय को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। मार्च के दौरान हुई सभा को संबोधित करते हुए एपवा राज्य काउंसिल सदस्य तथा जिला अध्यक्ष मुन्नी गोंड ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी इस देश की महिलाओं को न्याय, बराबरी और लोकतांत्रिक जीवन जीने का अधिकार नहीं है. ऐपवा जिला काउंसिल सदस्य पार्वती बनवासी ने कहा कि जाति, धर्म, और लैंगिक आधार पर भेदभावपूर्ण समाज में महिलाओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। 

मार्च तथा मार्च के दौरान श्याम देवी राय,सरिता देवी,मंशा कुमारी, चंद्रावती देवी, उमरावती देवी,मंजू देवी, तीजिया देवी,पुष्पा देवी, बाड़ी देवी, किरन देवी,मंजू वनवासी,सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल रहीं। 

बलिया के मनियर में ऐपवा ने अवैध रुप से बन रही कच्ची शराब के खिलाफ मनियर थाना मार्च कर योगी सरकार में दारू क्यों? ज़बाब दो! का नारा बुलंद किया। सैकड़ों महिलाओं ने ऐपवा जिला संयोजक रेखा पासवान के नेतृत्व में थाने पर प्रदर्शन के बाद ब्लाक मुख्यालय जाकर राष्ट्रपति को संबोधित 12 सूत्री मांग पत्र सौंपा।

लखनऊ के सरोजिनी नगर में मीना सिंह के नेतृत्व में महिलाओं ने मार्च निकाला और तहसील परिसर में सभा करने के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपजिला अधिकारी को सौंपा. गोरखपुर में नगर निगम से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक जलूस निकाल राज्यपाल महोदय को संबोधित 9 सूत्री मांग पत्र सौंपा। बाद में आयोजित सभा को ऐपवा जिला अध्यक्ष मनोरम चौहान, जिला सचिव जगदम्बा और आरवाइए की जिला संयोजक राधा गौड़ ने संबोधित किया. 

झारखंड में ऐपवा ने रांची में राजभवन के समक्ष प्रदर्शन आयोजित कर रसोई गैस का कीमत 500 रूपये प्रति सिलेंडर करने, 2024 के लोकसभा चुनाव में महिला आरक्षण कानून लागू करने तथा बिलकिस बानो, महिला पहलवानों और बनारस विश्वविद्यालय के छात्राओं के बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की.

ऐपवा ने झारखंड के सभी प्रखंडों में डिग्री कॉलेज एवं नर्सिंग कॉलेज की स्थापना करने, सभी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, महिला समूह को माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा ऋण देने पर प्रतिबंध लगाने और समूह की महिलाओं को सीधे बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराने, आउटसोर्सिंग बंद करने व सभी विभागों के खाली पड़े पदों पर नियमित बहाली करने, देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड स्थित बंद पड़े एकमात्र प्रोजेक्ट हाई स्कूल को छात्राओं की पढ़ाई के लिए अविलंब चालू करने, तथा झारखंड में महिला आयोग का गठन करने की मांग की.

ऐपवा राज्य सचिव गीता मंडल ने कहा कि जब से मोदी सत्ता में आए हैं रसोई गैस का दाम लगातार बढ़ रहा है. बेरोजगारी चरम सीमा पार कर चुकी है। रसोईया व आशाकर्मी, आदि को नाममात्र का वेतन दिया जा रहा है। लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने पर सरकार लाठियां बरसाती है. देश का संविधान व लोकतंत्र खतरे में है. विपक्ष मुक्त संसद बनने की पूरी तैयारी चल रही है। 

उन्होंने कहा कि फासीवाद को मिटाने में महिलाओं की अहम भूमिका होगी। देश भर की महिलाएं एकजुट होकर 2024 के चुनाव में मोदी सरकार को उखाड़ फेकेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बाईज्जत रिहा करने की मांग की.

बिहार में ऐपवा ने विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन आयोजित किया जिसमें 5 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल हुईं। यह प्रदर्शन महिला आरक्षण कानून को 2024 के चुनाव में लागू करने, शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार की गारंटी, बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 3000 रु. करने, रसोई गैस की कीमत 450 रुपए करने आदि 11 सूत्री मांगों पर आयोजित था।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस देश में राम राज्य की बात करते हैं और बृजभूषण शरण सिंह और कुणाल पांडेय जैसे बलात्कारियों को बचाने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं और गरीबों का नाम लेकर सभी योजनाएं, नीतियां और कानून पूंजीपति वर्ग और समाज के उच्च तबके के मुठ्ठी भर ब्राह्मणवादी-पुरुषवादी मानसिकता के लोगों के फायदे के लिए बना रही है। दूसरी तरफ बिहार में खरीद-फरोख्त कर सरकार बनाने के जरिए धर्मनिरपेक्ष व सद्भावपूर्ण माहौल को  खत्म करने की कोशिश हो रही है। ऐपवा गांव-गांव में महिला पंचायत बुलाएगी जहां मोदी शासन के 10 वर्षों में महिलाओं से किए गए छल पर बात होगी।

सभा को  प्रो. भारती एस कुमार, सरोज चौबे, शशि यादव, रीता वर्णवाल, इंदू सिंह, शबनम खातुन, रेणु देवी, मालती राम, रानी प्रसाद, शोभा मंडल, संगीता सिंह, डा. प्रेमा देवी, साधना शर्मा, शनीचरी देवी, माधुरी गुप्ता, लीला वर्मा, विभा देवी, अनुराधा देवी, डा.मीरा दत्त, संध्या  पाल, वंदना सिंह मीरा देवी समेत कई महिलाओं ने संबोधित किया।

सभा की अध्यक्षता ऐपवा की राज्य अध्यक्ष सोहिला गुप्ता और संचालन राज्य सचिव अनीता सिन्हा ने किया। 

छत्तीसगढ़ के भिलाई में बैठक आयोजित कर महिला आंदोलन को मजबूत करने में शामिल रही महिलाओं को याद किया गया. भैरव बस्ती, शारदापारा, मे हुई इस बैठक में मंहगाई के खिलाफ तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए लड़ाई को आगे बढ़ाने का आह्वान किया गया तथा भाजपा-मोदी के विध्वंसकारी, महिला विरोधी और फासीवादी सरकार के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया गया. 

बैठक में मांग किया गया कि भाजपा अपने चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना के तहत तमाम विवाहित महिलाओं को 1000/-महिना दिया जाए. हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगलों की कटाई पर रोक लगाई जाए और आदिवासियों के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाये. भैरव बस्ती में घर-घर में नल से शुद्घ पेयजल दिया जाए. बैठक में मीना कोशले, लोकेश्वरी कोसरे, चंद्रिका मिरी, सुनिता महिंलाग, तजनीन बाई टंडन, मंजू कुर्रे, राम बाई मरकाम, सावित्री महिंलाग, नीरा डहारिया, दुकाला साहू, गौरी देशलहरा, सुनेती कुर्रे, भूमिका सारथी, प्रवीण कौशिक, ऐक्टू से अशोक मिरी,भाकपा माले से बृजेन्द्र तिवारी आदि लोगों ने हिस्सा लिया.

अगले दिन 13 पफरवरी 2024 को ऐपवा के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा राष्ट्रपति महोदया के नाम दुर्ग के जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया. प्रतिनिधिमंडल में सावित्री महिंलाग, नीरा डहारिया, तजनीन बाई टंडन, मंजू कुर्रे, उषा देवागंन, रामबाई मरकाम, दुर्गा जांगड़े, कांति बंजारे, मीना कोसरे, बृजेन्द्र तिवारी आदि लोग शामिल थे.

राजस्थान के उदयपुर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने ऐपवा के बैनर तले अपनी मांगों को बुलंद किया और कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति के नाम अपनी 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया.

इससे पूर्व एक सभा आयोजित की गई जिसे सम्बोधित करते हुए ऐपवा की राज्य सचिव प्रो. फरहत बानू ने कहा कि देश में महिलाओं के ऊपर अत्याचार काफी बढ़ गया है. महंगाई, बेरोजगारी, पढ़ाई, इलाज जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा है। प्रो. सुधा चौधरी ने कहा कि धर्म, पूंजी, सत्ता और सामंती तत्वों का गठजोड़  संस्कृति-संस्कारों के नाम पर महिलाओं की बढ़ती राजनैतिक चेतना का हर तरह से दमन कर रही है। आज महिलाओं को अपने अधिकार के लिए लड़ने की जरूरत है. ऐपवा की ज़िलाध्यक्ष नजमा ने कहा कि रसोई गैस की बढ़ती कीमत से महिलाओं की घर चलाने में भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. भाजपा सरकार निजीकरण करने पर उतारू है जिससे किसी को भी नौकरी नहीं मिल रही. पढ़-लिख कर भी महिलाएं व नौजवान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.

अजमेर में का. भंवरी बाई के नेतृत्व में बैठक आयोजित कर ऐपवा की स्थापना से लेकर आज तक उसकी भूमिका पर रोशनी डाली गई. जयपुर के सोडाला क्षेत्रा में का. मंजूलता, उषा व का. केसर  के नेतृत्व में बैठक की गई.

देश के अन्य राज्यों में भी ऐपवा स्थापना दिवस के मौके पर विविध कार्यक्रम आयोजित हुए.