राजस्थान के उदयपुर में विगत 23 अप्रैल 2021 को विभिन्न जनसंगठनों एवं नागरिकों ने ऑनलाइन लाईन बैठक कर जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण और नागरिकों इसके चलते सामने आ रही समस्याओं तथा इससे प्रभावित लेागों को विभिन्न तरह से मदद पहुंचाने में नागरिक समूहों की संभावित भूमिका और जिला प्रशासन को पीड़ितों द्वारा कोविड जनित कठिनाइयों पर सलाह देने आदि पर चर्चा की. चर्चा में यह निष्कर्ष निकाला गया कि कुछ समस्याएं कोविड संक्रमण और इलाज आदि के पहलुओं पर ऐसी हैं जिनमें प्रशासन और सरकार के स्तर ध्यान दिलाकर सुधार हेतु सुझाव देकर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने की मांग करनी चाहिए और अपने स्तर से एक हेल्पलाईन प्रारंभ कर पीड़ित व्यक्तियों को राहत पहुंचानी चाहिए. बैठक में आयें सुझावों और मांगो का छह सूत्री ज्ञापन मुख्यमंत्री व जिला कलक्टर, उदयपुर को ई मेल के जरिए भिजवाया गया.
चर्चा में ऐक्टू के राज्य सचिव सौरभ नरूका, सीटू के जिला सचिव एडवोकेट राजेश सिंघवी, एटक के वरिष्ठ पदाधिकारी हिम्मत छांगवाल, किसान महासभा के डाॅ. चंद्रदेव ओला, किसान फेडरेशन की राज्य उपाध्यक्ष लीला शर्मा, पीयूसीएल के अश्विन पालीवाल, मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं ऐपवा नेता रिंकु परिहार एवं कई अन्य जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बैठक का संयोजन ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष शंकरलाल चौधरी ने किया.
25 अप्रैल 2021 को शहर के लोकतांत्रिक, न्याय पसंद और जनपक्षीय नागरिकों के द्वारा उदयपुर में कोविड महामारी की बिगड़ती स्थितियों और अस्पतालों मे ऑक्सीजन बेड-आइसीयू-वेंटिलेटर-रेमडेसीविर आदि की कमी को दूर करने की मांग के साथ सोशल मीडिया पर प्रदर्शन किया.
इस प्रदर्शन में ऐक्टू के राज्य अध्यक्ष शंकरलाल चौधरी, सीटू के जिला अध्यक्ष राजेश सिंघवी, एटक के हिम्मत छांगवाल, किसान महासभा के चंद्रदेव ओला, एआइसीटीयू की लीला शर्मा, ऐपवा की नगमा, पीयूसीएल के अश्विन पालीवाल, सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता पीआर सालवी, मानवअधिकार कार्यकर्ता रिंकू परिहार, ऐक्टू के सौरभ नरुका, आरती शर्मा, रजिया बानो, रुकसाना, रिहाना, तस्लीम, शकीला आदि के अलावा शहर के नागरिकों ने भी भागीदारी कर कोविड पीड़ितों व उनके परिजनों की परेशानियों को भ्सामूहिक रूप से आवाज दी.