संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत 6 फरवरी के देश व्यापी 3 घंटे के चक्का जाम आंदोलन को देश भर में व्यापक समर्थन मिला. 500 से ज्यादा किसान संगठनों के साथ निचले स्तर पर तमाम ट्रेड यूनियनों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी इस चक्का जाम कार्यक्रम को सक्रिय समर्थन दिया.
पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, में इसका व्यापक असर रहा. उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में भाजपा-आरएसएस द्वारा आंदोलन की आड़ में हिंसा फैलाने की आसंकाओं के मद्देनजर चक्का जाम को प्रदर्शनों के माध्यम से ज्ञापन सौंपने में बदल दिया गया था. पूरे देश में आंदोलन शांतिपूर्ण रहा.
अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में देश के 21 राज्यों में किसानों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया.
बिहार में स्कूली बच्चों की परीक्षाओं के मद्देनजर चक्का जाम कार्यक्रम 2 बजे से 3 बजे तक किया गया. इस दौरान लगभग पूरा बिहार जाम रहा. एआइकेएससीसी से जुड़े किसान संगठनों के अलावा बिहार में महागठबंधन के कार्यकर्ता भी किसानों के साथ सड़कों पर उतरे.
किसान आंदोलन पर बर्बर दमन के खिलाफ किसान संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर 6 फरवरी 2021 को राष्ट्रव्यापी चक्का जाम के तहत बिहार के विभिन्न जिला मुख्यालयों, प्रखंड मुख्यालयों, ग्रामीण सड़कों तथा नेशनल हाइवे को जाम किया गया.
चक्का जाम कार्यक्रम में बिहार में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े दर्जनों किसान संगठनों के अलावा महागठबंधन से जुड़ी पार्टियां राष्ट्रीय जनता दल, भाकपा(माले), भाकपा, माकपा, एसयूसीआई, कांग्रेस आदि भी शामिल हुईं.
बिहार में चल रही इंटरमीडिएट परीक्षा को ध्यान में रखते हुए दो पालियों के अंतराल में 2 से 3 बजे के बीच संपूर्ण बिहार में चक्का जाम किया गया जिससे कि परीक्षार्थियों को को कोई परेशानी न हो.
चक्का जाम कार्यक्रम के दौरान किसान आंदोलन पर दमन बंद करने, किसानों व पत्रकारों पर दर्ज किए गए मुकदमों की वापसी तथा उनकी अविलंब रिहाई की मांग के साथ ही कृषि व किसान विरोधी तीन कानूनों व बिजली बिल 2020 की वापसी तथा स्वामीनाथन यायोग के रिपोर्ट के आधार पर एमएसपी तय करने तथा सरकारी स्तर से खरीद की गारंटी करने की मांग भी की गई.
एआईकेएससीसी के बिहार-झारखंड प्रभारी व अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि आज का चक्का जाम पूरी तरह से सफल रहा है. चक्का जाम में बड़ी संख्या में किसानों की भागीदारी हो रही है. यह आंदोलन अब दिल्ली से लेकर पटना तक फैल चुका है. यह देश देख रहा है कि किस प्रकार से तानाशाह मोदी अब किसानों के बाद पत्रकारों को प्रताड़ित कर रही है. सभी गिरफ्तार किसानों की अविलंब रिहाई होनी चाहिए और खोये हुए लोगों की बरामदगी होनी चाहिए.
पटना जिला के फुलवारी शरीफ, पटना सिटी, नौवतपुर (एनएच-94), धनरूआ, फतुहा, संपतचक, मसौढ़ी, पालीगंज, दुल्हिनबाजार विक्रम, बिहटा व दीघा (पेट्रोल पंप के पास) तथा पटना महानगर में डाकबंगला चौराहा को भी जाम किया गया.
पटना सिटी में चक्का जाम का नेतृत्व भाकपा(माले) विधायक दल के नेता का. महबूब आलम, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता उमेश सिंह, राजेन्द्र पटेल, मनोहर लाल तथा शंभूनाथ मेहता कर रहे थे. इस मौके पर का. महबूब आलम ने कहा कि अब किसान आंदोलन पूरे देश में फैल गया है. मोदी सरकार की तानाशाही को पूरा देश देख रहा है और अब किसान आंदोलन के भीतर से मोदी सरकार के इस्तीफे की मांग उठने लगी है.
राजधानी पटना डाकवंगला चौराहे पर बिहार राज्य किसान सभा के नेता अशोक कुमार तथा ललन चौधरी, दाउदनगर (औरंगाबाद) में कामता यादव, नवादा में किशोरी प्रसाद,भोला राम तथा नरेंद्र कुमार ने चक्का जाम का नेतृत्व किया.
पालीगंज में भाकपा(माले) विधायक संदीप सौरभ के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में किसानों ने सड़क पर उतरकर पटना-अरवल सड़क जाम कर दिया.
फुलवारीशरीफ में भाकपा(माले) सहित महागठबंधन के अन्य दलों के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय विधायक का. गोपाल रविदास की अगुआई में चक्का जाम किया. दीघा-दानापुर सड़क पर भी चक्का जाम हुआ.
जहानाबाद में किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, घोसी विधायक रामबली यादव, राजद विधायक सुदय यादव, बोधगया विधायक कुमार सर्वजीत के अलावा अन्य किसान संगठनों के नेता चक्का जाम में शामिल थे.
नालंदा में बिहार शरीफ, इसलामपुर, हिलसा, करायपरसुराय, बेन प्रखंड में सड़क जाम हुआ. बिहारशरीफ में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयुक्त बैनर तले अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से कमरूदीनगंज स्थित भाकपा(माले) जिला कार्यालय से जुलूस निकालकर अस्पताल चौक पर चक्का जाम किया गया. इस मौके पर अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव पालबिहारी लाल की अध्यक्षता में सभा आयोजित हुई जिसे भाकपा(माले) नेता सुनील कुमार, सुभाष शर्मा, राजद नेता पप्पू यादव, दीपक कुमार, भारतीय क्रांतिकारी किसान संघ के नेता राजेंद्र प्रसाद व परमेश्वर प्रसाद, ठेला फुटपाथ वेंडर्स यूनियन के जिला सचिव रामदेव चौधरी, ऐक्टू के नेता मकसूदन शर्मा, रामदास अकेला, रामप्रीत केवट, जयप्रकाश प्रसाद व शाहनवाज हुसैन ने संबोधित किया.
हिलसा में किसान नेता दिनेश कुमार यादव व भाकपा(माले) हिलसा के प्रखंड प्रभारी अरुण कुमार यादव ने संयुक्त नेतृत्व में सिनेमा मोड़ पर चक्का जाम किया गया. इस मौके पर आयोजित सभा को खेत ग्रामीण मजदूर सभा के नेता शिवशंकर प्रसाद, किसान महासभा के नेता मुनीलाल यादव, राजद के प्रखंड अध्यक्ष नवल प्रसाद, माकपा के बिजेंदर राम, कांग्रेस के बिंदेश्वरी मंडल, आदि ने संबोधित किया. इस्लामपुर के मलिकसराय कालीस्थान के समीप इसलामपुर-पटना सड़क पथ पर चक्का जाम किया गया.
सिवान में बदली मोड़ पर ऐपवा नेत्री सोहिला गुप्ता व माया कुशवाहा के नेतृत्व में चक्का जाम किया गया. कार्यक्रम में सुमन कुशवाहा, दीनदयाल बिंद, पवन कुशवाहा, शास्त्री राम, मदन यादव, नंदकिशोर सिंह, बड़े प्रजापति, लालू कमकर, अरुण राम, मनोज राम, सतीश राम, गोपाल जी कुशवाहा आदि उपस्थित रहे. जिले के हर प्रखंड में चका जाम व मार्च किया गया.
भोजपुर जिले में अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा(माले) के संयुक्त बैनर तले आरा के बस पड़ाव, कोइलवर के कायम नगर में आरा-पटना एनएच, संदेश में मुख्य चौक, अगिआंव में आरा-अरवल मुख्य सड़क, गड़हनी व चरपोखरी में आरा-सासाराम मुख्य सड़क, पीरो में लोहिया चौक, सहार में एकवारी व सहार बस स्टैंड, जगदीशपुर में नयका टोला मोड़, बिहिया में नवोदय मोड़ पर और तरारी में तरारी, मोपती बाजार, जेठवार व फतेपुर में चक्का जाम किया गया.
जिले में चक्का जाम का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष व विधायक सुदाम प्रसाद, भाकपा(माले) जिला सचिव जवाहर लाल सिंह, अगिआंव के विधायक मनोज मंजिल, किसान नेता चंद्रदीप सिंह व विनोद कुशवाहा, खेग्रामस नेता कामता प्रसाद, राजद विधायक रामविशुन सिंह लोहिया, भाकपा(माले) केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, राजद जिलाध्यक्ष वीरबल यादव, इंसाफ मंच के राज्य सचिव क्यामुद्दीन अंसारी व आइसा राज्य सचिव शब्बीर कुमार आदि नेताओं ने किया.
समस्तीपुर में भाकपा(माले), भाकपा, काग्रेस, राजद एवं उनके किसान संगठनों के द्वारा चीनी मील चौक से दिन के 2 बजे प्रदर्शन निकाला गया जो शहर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए अनुमंडल कार्यालय के समक्ष पहुंचा. वहां मुख्य सड़क को लगभग एक घंटे तक जाम रखा गया. ताजपुर में अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा(माले) के संयुक्त बैनर तले जुलूस निकालकर गांधी चौक पर नेशनल हाईवे पर चक्का जाम किया गया.
मौके पर किसान नेता ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सभा को भाकपा(माले) प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, शंकर सिंह, बासुदेव राय, राजदेव प्रसाद सिंह, मनोज कुमार सिंह, रतन सिंह, रवींद्र प्रसाद सिंह, प्रभात रंजन गुप्ता, माकपा नेता अरविंद राय, भाकपा के बिंदेश्वर राय, दिनेश सिंह, महावीर सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया.
एनएच को उजियारपुर के सातनपुर में, समस्तीपुर से दरभंगा जाने वाली रोड को कल्याणपुर चौक पर और माहेसिंघिया से बहेरी जाने वाली पथ एवं बिथान से हसनपुर जाने वाली पथ को जाम किया गया.
औरंगाबाद के ओबरा में का. दुखन राम, कांग्रेस नेता इरफान अंसारी, अजय मेहता, राजेस्वर मेहता, उपेन्द्र पासवान, विनोद पासवान, सी पी आई नेता कॉम बृजनंदन प्रजापति, राजद नेता अवधेश यादव ने चक्का जाम का नेतृत्व किया. पूर्व राज्यपाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार व डाॅ. अरविंद शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए.
अरवल में महागठबंधन के सभी पार्टियों के नेताओं ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले भगत सिंह चौक पर चक्का जाम किया तिससे एनएच 110 एवं एनएच 139 पर वाहन चलने बंद हो गए.
मधुबनी में भाकपा(माले), अखिल भारतीय किसान महासभा, किसान संघर्ष समन्वय समिति, राजद, सीपीआई, सीपीएम एवं कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने जिला समाहरणालय के समक्ष मुख्य सड़क को जाम किया. खेग्रामस के जिला सचिव बेचन राम के नेतृत्व में मधुबनी-सीतामढ़ी मुख्य सड़क को बेनीपट्टी के अंबेदकर चौक पर जाम किया गया. भाकपा(माले), भाकपा व अखिल भारतिय किसान महासभा के कार्यकर्ताओं नें जयनगर के देवधा में भगवती चौक पर जयनगर-बासोपट्टी एनएच-104 मुख्य सड़क पर चक्का जाम किया. किसान महासभा के जिला सचिव प्रेम कुमार झा के नेतृत्व में दरभंगा-जयनगर एनएच को कपिलेश्वर स्थान में जाम किया गया. हरलाखी में ऊंमगांव बाजार चौक पर भाकपा(माले) के प्रखंड सचिव मदनचंद्र झा के नेतृत्व में भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम किया.
गया में टिकारी -कुर्था रोड को ग्राम निशुरपुर में एक घंटा तक जाम किया गया.
हाजीपुर नगर के महारानी चौक पर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े किसान नेताओं के नेतृत्व में जाम कर किसान विरोधी तीनों काला कानूनों जो कानून देश में खाद्यान्न संकट पैदा करने वाला है, देश के खेती-किसानी को कारपोरेट गुलामी की ओर ले जाने वाला है. पत्रकारों पर ला दे गए झूठे मुकदमों की वापसी, गिरफ्तार किसान नेताओं व पत्रकारों को रिहा करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने, किसान आंदोलन पर दमन बंद करने आदि मांगों पर हुए चक्का जाम का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष दीनबंधु प्रसाद, सचिव रामबाबू भगत, किसान नेता प्रदीप राय, संजीव कुमार, अमृत गिरी, राजेंद्र पटेल, सत्यनारायण राय, अधिवक्ता मुकेश रंजन, मनोज गुप्ता, कृष्णा भगत आदि नेताओं ने किया. अक्षयवट राय नगर रेलवे स्टेशन के अक्षयवट चौक पर किसान महासभा के जिला अध्यक्ष सुमन कुमार, मोहम्मद खुर्शीद, महताब राय, ज्वाला कुमार, राज नारायण सिंह, अर्जुन सिंह, भाकपा(माले) के जिला सचिव योगेंद्र राय, लालगंज के तीनपुलवा चौक पर किसान नेत्री डाॅ प्रेमा देवी, डाॅ. बी सिंह, त्रिभुवन राय, वैशाली प्रखंड के रहीमपुर में पूर्व मुखिया व किसान महासभा के नेता रामचंद्र राय, पातेपुर के बहुआरा कोठिया पुल पर किसान महासभा के पातेपुर प्रखंड अध्यक्ष राम प्रसिद्ध राय, देव कुमार साहनी, लालदेव राम, भगवानपुर प्रखंड के इमादपुर चौक पर किसान नेता पवन कुमार, शीला देवी, डाॅ. सीताराम भक्त, वीरेंद्र सिंह, मदन महाराज, विजय महाराज, रामजी राम ने चक्का जाम आंदोलन का नेतृत्व किया.
सुपौल में महागठबंधन में शामिल तमाम पार्टियों ने चिलोनी नदी पर जाम किया. सड़क पर बैठे किसानों को अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता अच्छेलाल मेहता, राजद के युवा नेता बसन्त कुमार, माकपा के किसान नेता श्रवण यादव, भाकपा(माले) के जिला सचिव जयनारायण यादव ने संबोधित किया. धरना में राजद के पूर्व प्रत्यासी संतोष सरदार, प्रखंड अध्यक्ष जगदेव राम, कांग्रेस से शत्रुघ्न चौधरी, भाकपा(माले) से दुर्गी सरदार, रामदेव यादव, संतोष मुखिया और माकपा से सदानंद राम आदि दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे. सुपौल शहर में महागठबंधन के द्वारा लोहिया चौक को जाम कर कार्यक्रम को सफल किया गया. कार्यक्रम को राजद के पूर्व विधायक यदुवंश कुमार यादव, राजद नेता प्रो. राजेन्द्र प्रसाद यादव, भाकपा नेता डाॅ. चंदेश्वरी यादव, माकपा नेता भोला यादव व भाकपा(माले) नेता अरविंद कुमार शर्मा व जितेंद्र कुमार चौधरी आदि दर्जनों ने संबोधित किया.
सीतामढ़ी में इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद सिद्दीकी अगुआई में नेशनल हाईवे को एनएच-77 को कांटा चौक के पास जाम किया गया.
पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी के सडकों पर बड़ी संख्या में किसान महासभा व भाकपा(माले) के कार्यकर्ता सड़को पर उतरे. भाकपा(माले) के जिला सचिव प्रभुदेव यादव, रुपलाल शर्मा, विष्णुदेव यादव एवं किसान महासभा के जिला संयोजक शम्भुलाल यादव के नेतृत्व में एनएच-28 को छतौनी चौक के पास जाम रखा गया.
गोपालगंज के भोरे में चौराहे पर किसान सभा व खेग्रामस ने चक्का जाम करने के बाद सभा की. सभा को सम्बोधित करते हुए खेग्रामस राज्य परिषद सदस्य सुबाष पटेल ने कहा कि जो बार्डर हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच होना चाहिए, वह दिल्ली के अगल-बगल बनाया गया. सभा को भाकपा(माले) नेता जितेंद्र पासवान, किसान सभा राज्य परिषद सदस्य राघव प्रसाद, मुखिया कमलेश प्रसाद, धर्मेंद्र चौहान, अर्जुन सिंह, राजद प्रखण्ड अध्यक्ष रविन्द्र राम, श्रीराम कुशवाहा, अजय राम, इंद्रजीत राम, गोविंद शर्मा, बजरंगबली कुशवाहा इत्यादि ने संबोधित किया.
भागलपुर के नौगछिया में एसपी कोठी के सामने एनएच 31 को घंटों जाम किया गया जिसमें भाकपा(माले), राजद, सीपीआई, सीपीआईएम, कांग्रेस के अलावा मजदूर, किसान, छात्रा व महिला संगठनों ने भी अपनी भागीदारी निभाई. चक्का जाम का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष विंदेश्वरी मंडल, इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सहसचिव गौरी शंकर राय, बिहार राज्य किसान सभा के जिला संयोजक निरंजन चौधरी, भाकपा के जिला सहायक मंत्री सीताराम राय, राजद के नवगछिया जिला अध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अरुण यादव, अखिल भारतीय किसान सभा के विमल किशोर पोद्दार, मनोहर मंडल ने संयुक्त रूप से किया. नवादा में एनएच-31 पर चक्का जाम किया गया.
दरभंगा में दरभंगा शहर के अलावा फेकला गांव के पास ग्रामीण सड़क को जाम किया गया. बेगूसराय में किसान महासभा सहित अन्य किसान संगठनो ने बस स्टैंड के सामने एक घंटे तक चक्का जाम किया.
पूर्णिया के रूपौली में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध मार्च किया गया.
दिल्ली बाॅर्डर पर जारी किसान आंदोलन के समर्थन में छह फरवरी को उत्तर प्रदेश में भाकपा(माले), किसान महासभा व खेग्रामस ने जगह-जगह प्रतिवाद किया. इस दिन संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली को छोड़कर शेष भारत में तीन घंटे के चक्का जाम का आह्वान किया था. उत्तर प्रदेश में ज्ञापन देने का कार्यक्रम था.
मथुरा जिले में अखिल भारतीय किसान महासभा एवं अखिल भारतीय किसान सभा मथुरा की बाजना मंडल कमेटियों ने सयुंक्त रूप से बाजना कस्बा तथा जिला मुख्यालय पर जुझारू प्रदर्शन कर कृषि कानूनों की वापसी, एमएसपी पर नया कानून बनाने और किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की तथा दिल्ली बाॅर्डर पर आंदोलनरत किसानों के प्रति एकजुटता व्यक्त की. जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन भेजा गया. उक्त प्रदर्शन में किसान महासभा के राज्य उपाध्यक्ष नत्थीलाल पाठक, राज्य कमेटी सदस्य मनोज वर्मा, जिला मंत्री राकेश चौधरी, जिला अध्यक्ष गेंदालाल महाशय, किसान सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष डाॅ. थान सिंह आदि शामिल रहे.
बनारस में भाकपा(माले) ने प्रर्दशन कर ज्ञापन दिया. प्रतिनिधिमंडल में बीके सिंह, विभा वाही, कृपा वर्मा, नरेंद्र पांडे, राजन, डाॅ. निहार भट्टाचार्य, देवीशंकर सिंह, मिठाई लाल, जगधारी, डाॅ. नूर फातिमा, सुजाता भट्टाचार्य, आरडी सिंह एवं कुसुम वर्मा शामिल रहीं.
चंदौली जिले में चकिया तहसील पर किसान महासभा तथा किसान सभा के नेतृत्व में मार्च करते हुए प्रर्दशन कर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. चकिया के गांधी पार्क में हुई जनसभा को खेग्रामस के राज्य सचिव कामरेड अनिल पासवान ने संबोधित किया.
गाजीपुर जिले में भाकपा(माले), किसान महासभा तथा वामदलों द्वारा संयुक्त प्रर्दशन कर ज्ञापन सौंपा गया. आजमगढ़ जिले में किसान संगठनों ने संयुक्त मार्च निकाला तथा जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया. जिला मुख्यालय पर हुई सभा को किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण ने संबोधित किया.
मऊ जिले में वामदलों ने संयुक्त रूप से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया. बलिया जिले के मनियर कस्बे में भाकपा(माले) तथा किसान महासभा के नेतृत्व में किसान पंचायत हुई जिसे भाकपा(माले) जिला सचिव का. लाल साहब ने संबोधित किया. देवरिया जिला मुख्यालय पर भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य का. रामकिशोर वर्मा व ऐक्टू की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रेमलता पांडे के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया. भाटपार रानी में भाकपा(माले) जिला सचिव का. श्रीराम कुशवाहा के नेतृत्व में प्रदर्शन के बाद सभा की गई.
गोरखपुर जिले में बांसगांव तहसील में भाकपा(माले) राज्य कमेटी सदस्य का. राकेश सिंह के नेतृत्व में धरना देकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया.
सोनभद्र जिले में जिला प्रशासन बेहद लोकतंत्र विरोधी रवैया अपनाया और सुबह से ही भाकपा(माले) जिला कार्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया. इसके बावजूद भाकपा(माले) व किसान महासभा तथा वामदलों के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया. इलाहाबाद जिले के कोरांव तहसील के बरनपुर गांव में किसान पंचायत आयोजित हुई जिसे खेग्रामस के जिला संयोजक पंचमलाल ने संबोधित किया.
जौनपुर जिले में बक्सा प्रखंड में भाकपा(माले) व किसान महासभा के नेतृत्व में धरना देकर ज्ञापन दिया गया. धरना को भाकपा(माले) जिला प्रभारी का. गौरव सिंह तथा किसान महासभा की संयोजक रेनू सिंह ने संबोधित किया. बस्ती जिला मुख्यालय पर इंकलाबी नौजवान सभा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया. प्रर्दशन का नेतृत्व नौजवान सभा के जिला सचिव रामलवट ने किया.
लखनऊ जिला के बीकेटी तहसील पर भाकपा(माले) जिला प्रभारी का. रमेश सिंह सेंगर के नेतृत्व में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया गया. फैजाबाद में वाम दलों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.
सीतापुर जिला मुख्यालय पर किसान महासभा के जिला प्रभारी संतराम तथा भाकपा(माले) जिला सचिव का. अर्जुनलाल के नेतृत्व में प्रर्दशन कर उपजिलाधिकारी सदर के माध्यम से राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया गया.
लखीमपुर-खीरी जिले में किसान महासभा के नेता कमलेश राय के घर पर पुलिस लगा दी गयी थी. उनके घर पर ही पलियाकलां उपजिलाधिकारी ने आकर ज्ञापन लिया.
पीलीभीत के पूरनपुर तहसील में किसान महासभा व अन्य किसान संगठनों द्वारा संयुक्त प्रर्दशन किया गया. जालौन जिले में किसान महासभा व अन्य किसान संगठनों का संयुक्त धरना के जरिए ज्ञापन दिया. अन्य जिलों में भी यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक लागू हुआ.
भिंड जिले में किसान संघर्ष समन्वय समिति की अगुआई में एनएच -92 चक्का पर चक्का जाम किया गया. अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री देवेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में किसान एकत्रित होकर 12 बजे से बजे तक वहां डेरा डाले रखा.
किसान नेता बीके बोहरे, अनिल धनेरिया, नदीम खान, सूरजरेखा त्रिपाठी, नाथूराम बघेल, सूरज सिंह यादव, राजाराम शर्मा, डाॅ. राजोरिया, गुड्डू भदौरिया, विनोद कुमार सुमन, श्री किसान हरसाना, नेकराम, राकेश चौकी, शकील खान, जितेंद्र शर्मा, बालक राम चौधरी, रूप सिंह, जगदीश यादव, लालू सिंह यादव, अंगद सिंह कुशवाहा आदि ने चक्का जाम कार्यक्रम का संचालन किया.
रामगढ़ शहर के सुभाष चौक में भाकपा(माले) के जिला सचिव भुनेश्वर बेदिया एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हीरा गोप, देवकीनंदन बेदिया, विगेंद्र ठाकुर, देवानंद गोप, नरेश बडाईक व लक्ष्मण बेदिया के नेतृत्व में सैकड़ों लोगो ने सुभाष चौक को जाम किया. किसान संघर्ष समन्वय समिति के नेता-कार्यकर्ता प्रयाग महतो, मंगल ओहदार, बीएन ओहदार, बलजीत सिंह बेदी, रमेश यादव भी चक्का जाम में शामिल हुए. गढ़वा में माले कार्यकर्ताओं ने कालीचरण मेहता के नेतृत्व में रंका मोड़ पर चक्का जाम किया.
गिरिडीह में नवादा-गिरिडीह मार्ग पर चक्का जाम किया गया. गांवा-पिहरा मुख्य मार्ग पर गांवा में चक्का जाम किया गया. भाकापा(माले) कार्यकर्ताओं ने जमुआ व बगोदर में चक्का जाम किया. नवाडीह (बगोदर) में ग्रामीण सड़क को जाम किया गया. सरिया व गिरिडीह में चक्का जाम में स्थानीय भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया.का. नौशाद अहमद चांद की अगुवाई में गिरिडीह-टुंडी रोड में चक्का जाम किया गया. भाकपा(माले) कार्यकर्ताओं ने देवरी प्रखंड के चतछो स्थित बजरंग बली चौक पर चक्का जाम किया. बरकट्टा में जीटी रोड जाम किया गया.
धनवार में देवघर-रांची मुख्य मार्ग स्थित गांधी चौक पर चक्का जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से धनवार पूर्व विधायक राजकुमार यादव जी उपस्थित थे. चक्का जाम के दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुवे उन्होंने कहा कि ये तीनों क़ृषि बिल लाकर खेतों की मेड़ तोड़ने का षड्यंत्र है और साथ ही एमएसपी सुनिश्चित करनेवाली मंडियों के धीरे-धीरे खात्मे का भी, भविष्य में किसानों की उपज का उचित दाम भी छिन जाएगा और वो अपनी ही ज़मीन पर मज़दूर बन जाएँगे ! किसान विरोधी तीनों क़ृषि बिल वापस लें नहीं तो पूरे प्रदेश में किसानों का महापंचायत बुलाकर इस आंदोलन को मजबूती देने का काम करेंगे और ज़ब तक ये तीनों क़ृषि बिल भाजपा सरकार वापस नहीं लेगी तब तक हमलोगो का आंदोलन जारी रहेगा. मौके पर कौशल्या दास, क्यूमउद्दीन अंसारी, कैलाश सिंह, संतोष यादव, बालमुकुंद यादव, गोपाल भदानी समेत सैकड़ो कार्यकर्त्ता मौजूद थे.
काले कृषि कानून वापस लो, गिरफ्तार आंदोलनकारियों को रिहा करो, बालू ढुलाई पर रोक लगाकर गरीबों की रोजी-रोटी पर हमला बंद करो, आदि नारों के साथ बेंगाबाद में एनएच-114 को अपराह्न3 बजे तक जाम किया गया. गांडेय में पार्टी कार्यालय से मार्च निकालकर गिरिडीह-जामताड़ा मुख्य मार्ग को जाम किया गया.
कोडरमा (झुमरी तिलैया) में रांची-पटना मुख्य मार्ग स्थित सुभाष चौक के पास चक्क जाम किया गया.
वामपंथी दलों भाकपा(माले), भाकपा व माकपा के साथ मजदूर संगठनों सीटू, ऐक्टू व एटक व छात्र संगठनों ने संयुक्त रूप से किसानों के अखिल भारतीय आह्वान के तहत नेशनल हाईवे 6 पर प्रदर्शन कर चक्का जाम किया. इस दौरान वामपंथी नेताओं ने उपस्थित लोगों के बीच अपनी बातों को रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से निरंकुश हो चुकी है इसीलिए ये संघर्ष और तेज हो रहे हैं. सरकार अभिलंब किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस ले, गिरफ्तार किए गए सभी साथियों को रिहा करें, मजदूर विरोधी चारों कोड बिल वापस लें एवं कृषि उत्पाद का समर्थन मूल्य के संदर्भ में पूरे प्रावधानों के साथ कानून बनाए.
नेताओं ने कहा कि किसान संघर्ष की नई इबारत लिख रहे हैं. उन्होंने कई बार बताया कृषि कानूनों के किसान विरोधी होने की बातें सरकार को बताई है. कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है – यह कहना सरकार के निरंकुशता की निशानी है. किसानों को ही गुमराह होने की बात कहना सरकार के सोची समझी षड्यंत्र का हिस्सा है. सरकार द्वारा फसल बाहर बेचने से टैक्स में छूट की बात बेईमानी है.