वर्ष - 29
अंक - 52
26-12-2020


22 दिसंबर 2020 की देर रात को उत्तर प्रदेश के फूलपुर स्थित इफको खाद कारखाने में हुए अमोनिया गैस रिसाव से दो अधिकारियों की मौत हो गई. उनकी मौत गैस रिसाव को विकराल होने से रोकने के दौरान दम घुट जाने से हुई. करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारी इससे बुरी तरह प्रभावित हुए. यदि रिसाव पर काबू न पाया गया होता तो नजारा कुछ-कुछ भोपाल गैस कांड जैसा हो सकता था. सुरक्षा मानकों के कड़ाई से अनुपालन और ऐसे नाजुक मौकों पर उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई होती, तो ये जानें बचाई जा सकती थीं. इन मौतों के लिए सरकार व प्रबंधन की लापरवाही पूरीतरह से जिम्मेवार है.

भाकपा(माले) ने इन मौतों पर शोक-संवेदना जताते हुए सुरक्षा मानकों को लेकर चिंता प्रकट की है. पार्टी ने कहा है कि फैक्टरी में जानलेवा गैस रिसाव की घटनाएं बार-बार हो रही हैं मगर सरकार को अब भी दुर्घटना के तबाही बनने का इंतजार है.

माले ने गैस रिसाव रोकने में जान गंवाने वाले अधिकारियों के परिवार को योगी सरकार द्वारा घोषित मुआवजा राशि – चार-चार लाख रु. – को हास्यास्पद बताया. इन परिवारों को पर्याप्त मुआवजा राशि देने के अलावा इनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, गैस रिसाव के घायलों को भी आर्थिक सहायता देने, घटना की जवाबदेही तय कर दोषियों को कड़ी सजा देने और पुनरावृत्ति रोकने के लिए उच्च संरक्षा मानकों को अपनाने की मांग की.

योगी सरकार शर्म करो

इस बीच, फूलपुर (प्रयागराज) इफको फैक्टरी में एक्टू से सम्बद्ध ठेका मजदूर यूनियन ने 23 दिसंबर की शाम को शोक सभा आयोजित की, जिसमें मजदूरों ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

शोक सभा में इफको फूलपुर कारखाने में अमोनिया रिसाव में मृतक अधिकारियों की याद में दो मिनट मौन रखा गया. यूनियन के मंत्री कामरेड देवानंद ने कहा कि इफको में अमोनिया रिसाव की यह पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी कई घटनाएं हुई हैं. प्रबंधन के ध्यान नहीं देने के कारण आये दिन मजदूर किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. कल घटित दुर्घटना संवेदनशील कार्यों में लगे कर्मचारियों को बिना सुरक्षा उपकरण मुहैया कराये जबरन काम करवाने का ही परिणाम है. उन्होंने कहा कि अमोनिया रिसाव पर काबू पाने के लिये दो अधिकारियों ने अपनी जान गंवा दी. योगी सरकार द्वारा इन मृतक अधिकारियों के परिजनों को महज चार-चार लाख रुपयों का मुआवजा देना उनके घाव पर नमक छिड़कने जैसा है.

ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एक्टू) के जिला सचिव डाॅ. कमल उसरी ने कहा कि योगी सरकार संवेदनहीन हो गई है. वह अपने अधिकारियों-कर्मचारियों की मौत पर भी संवेदनशीलता का परिचय नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ किसान पूरे देश में लड़ रहा है और किसानों के लिए खाद बनाने वाली फैक्ट्री के मजदूर सरकार की लापरवाही से जान गवां रहे हैं. सभा ने  मृतकों के परिजनों को 1करोड़ रुपए का मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने, सभी घायलों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने व गैस रिसाव के दोषियों को दंडित किए जाने की मांग की.

शोकसभा में राजेश पटेल, अमर सिंह, राजनाथ, लालजी यादव, राजनाथ यादव, फूलचंद्र प्रजापति आदि समेत बडी संख्या में लोग शामिल रहे. इसकी अध्यक्षता यूनियन के उपाध्यक्ष त्रिभुवन नाथ यादव व संचालन मंत्री देवानंद ने की.