बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (ऐक्टू-गोप गुट) के बैनर तले कोरोना वारियर्स और घर-घर की स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशाओं ने विगत 22-23 सितंबर, 2020 को दोदिवसीय राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया और 200 से अधिक सीएचसी व पीएचसी तथा सिविल सर्जन कार्यालयों पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन व धरना कार्यक्रम आयोजित कर सरकार से 1000 रु. प्रति माह मासिक मानदेय देने, पूर्व के समझौते का क्रियान्वयन, कोरोना भत्ता देने और बकाया भुगतान की मांग की. हजारों आशा कर्मियों ने इसमें उत्साहपूर्ण भागीदारी की.
पहले दिन पटना सहित राज्य के रोहतास, कैमूर, अरवल, जहानाबाद, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, मधेपुरा, सुपौल, भागलपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, गोपालगंज, सिवान, मुंगेर आदि जिलों के 200 से भी ज्यादा पीएचसी-सीएचसी पर आशाओं ने प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.
मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी में बिहार राज्य आशा संघ के बैनर तले अपनी सात सूत्राी मांगों को लेकर आशा ने सीएचसी के समक्ष प्रदर्शन किया और सीएचसी प्रभारी, स्वास्थ्य प्रबंधक व बीसीएम को कार्यालय में करीब दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा. संघ की जिला सचिव अनिता शर्मा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से मिलकर सात सूत्री मांगों का ज्ञापन दिया. मौके पर प्रखंड अध्यक्ष शीला शर्मा, सचिव सुनीता कुमारी, अंचला कुमारी, वंदना कुमारी समेत कई आशा मौजूद थीं.
मोतीपुर पीएचसी में भी आंदोलकारी आशा ने चिकित्सा पदाधिकारी और बीसीएम को बंधक बना लिया और सरकार व अस्पताल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. धरना-प्रदर्शन को सीमा शाही, आशा सिंह, विभा देवी, जानकी देवी, बिंदु देवी आदि ने संबोधित किया. साहेबगंज सीएचसी में अनिता देवी, प्रमिला देवी, ललिता देवी, उर्मिला देवी, नीलू देवी, सतिा देवी सहित अन्य आशा धरना पर बैठीं. कुढ़नी पीएचसी में प्रखंड अध्यक्ष साधना तिवारी, पवित्री देवी, राजुकुमारी देवी, चंदा देवी, पुष्पा देवी, रेखा देवी, आशा देवी आदि के नेतृत्व में धरना दिया गया. जिले के मोतीपुर व गायघाट में भी पीएचसी के समक्ष आशा के प्रदर्शन हुए.
खगड़िया जिले के चौथम सीएचसी पर संघ की अध्यक्ष शबनम कुमारी के नेतृत्व धरना दिया गया. धरना के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी प्रभारी को अपना ज्ञापन दिया. मौके पर आशा कार्यकर्ता शीला झा, सुनीता देवी, पिंकी कुमारी, वीणा कुमारी, हीरा कुमारी, संगीता कुमारी और आशा फैसिलेटर रंजु कुमारी व इंदु कुमारी मौजूद थीं.
मुंगेर जिला के अनुमंडलीय अस्पताल तारापुर में संघ की प्रखंड अध्यक्ष पूनम कुमारी के नेतृत्व में प्रदर्शन व सभा हुई. जिले के धरहरा, संग्रामपुर व बरियारपुर में भी पीएचसी पर आशा के प्रदर्शन हुए.
रोहतास जिले के चेनारी, दावथ, काराकाट, रोहतास, चैनपुर, अकोढ़ी गोला व तिलौथू आदि विभिन्न पीएचसी पर आशा कर्मियों के प्रदर्शन हुए. पश्चिम चंपारण के बैरिया पीएचसी में धरना व प्रदर्शन किया गया. कैमूर जिले के रामपुर, मोहनिया, चांद, दुर्गावती व रामगढ़वा, गोपालगंज जिले के कुचायकोट, विजयीपुर व सिंघवलिया, पूर्वी चंपारण के चिरैया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रदर्शन हुए. समस्तीपुर में भी प्रदर्शन हुए.
पटना जिले के नौबतपुर, भागलपुर के बिहपुर, मधेपुरा के कुमारखंड, अरवल जिले के कुर्था व अरवल तथा नालंदा जिले के इस्लामपुर में पीएचसी पर आशा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर सात सूत्राी मांग पत्र दिया. सुपौल, खगड़िया व जहानाबाद जिलों में भी विभिन्न पीएचसी पर आशा कार्यकर्ता प्रदर्शन में उतरीं. विदित हो कि जनवरी 2019 में बिहार सरकार ने हड़ताली आशाओं से 1000 रु. मासिक मानदेय लागू करने सहित कुल 13 मांगों पर 4 चक्र में वार्ता करने के बाद एक समझौता किया था. लेकिन 21 माह बीत जाने के बाद भी उस समझौते को लागू नहीं किया गया. मानदेय का भुगतान शुरू करने के अलावा समझौते के अन्य बिंदुओं की भी सरकार ने घोर अवहेलना की. कोरोना काल में कई आशाओं की मौत हुई है, लेकिन सरकार ने घोषित विशेष कोरोना भत्ता का लाभ उनके परिजनों को नहीं दियाकेन्द्र-राज्य सरकारों ने जो विश्वासघात किया है उसके खिलाफ आशा कार्यकर्ता ‘बदला लो-बदल डालो’ नारे के तहत आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू-भाजपा के खिलाफ अभियान चलाएंगी.
23 सितम्बर 2020 को आशा कार्यकर्ताओं ने बिहार के विभिन्न जिलों में सिविल सर्जन कार्यालयों पर घेराव व प्रदर्शन किया. मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, खगड़िया, पटना, सिवान, पचंपारण, कैमूर, सीतामढ़ी, रोहतास, मुंगेर, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद आदि जिलों में हुए कार्यक्रमों में आशा कार्यकर्ता भारी तादाद में शामिल हुईं.