इजरायली कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में आम नागरिकों के विरुद्ध बढ़ी इजरायली आक्रामकता गम्भीर चिन्ता का विषय है. फिलिस्तीन द्वारा अब तक अपनायी गई शांतिपूर्ण व लोकप्रिय प्रतिरोध की नीति से हटते हुए हमास ने अचानक आक्रामक रुख अपनाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के समर्थन से जोश में आकर इजरायल ने फिलिस्तीन पर घातक हमले शुरू कर दिये हैं. इस टकराव की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए भारत को वहां सैन्य हमलों को जल्द से जल्द समाप्त कराने की कोशिश करनी चाहिए. एक सम्प्रभु देश के फिलिस्तीनियों के अधिकार को हासिल करने की दिशा में भारत को राजनीतिक समाधान निकालने में मदद करनी चाहिए. हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र संघ से अपील करते हैं कि वे इजरायल और हमास को नियंत्रित कर संकटग्रस्त फिलिस्तीनियों और आम इजरायली जनता के जानमाल की क्षति को रोकें.
मोदी ने इसे आतंकवादी हमला कहते हुए इजरायल के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है. भाजपा भारत में आतंकवादी हमलों और हमास की वर्तमान आक्रामकता को समतुल्य बताने की झूठी कोशिश कर रही है. मोदी सरकार और भाजपा फिर से फिलिस्तीन पर कब्जा और फिलिस्तीनियों के विरुद्ध इजरायल के अपराधों से आंखें मूंद कर इस घटनाक्रम का इस्तेमाल मुस्लिम विरोधी नफरत फैलाने में करना चाहती है.
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2023.
— भाकपा माले केन्द्रीय कमेटी.