विगत 28-29 सितंबर 2022 को आशाओं की लंबित मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता और पीएचसी में बीसीएम की घूसखोरी के खिलाफ बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ आहूत राज्यव्यापी आंदोलन के तहत राज्य के कटिहार, खगड़िया, मुंगेर, रोहतास, गोपालगंज, जहानाबाद, कैमूर, मुजफ्फरपुर आदि समेत कई जिलों के 150 से ज्यादा पीएचसी पर धरना-प्रदर्शन किया गया और मांगों से सम्बंधित मांगपत्र चिकित्सा प्रभारी को सौंपा गया. पूरे राज्य में बड़ी संख्या में आशाओं ने इस आंदोलन में शिरकत किया.
आशा आंदोलन की नेता शशि यादव ने कहा कि आशा नेताओं ने राज्य के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से मिलकर ज्ञापन दिया है और मांग की है कि महागठबंधन के चुनावी घोषणापत्र को यथाशीघ्र लागू किया जाए. सरकार की उदासीनता और आशाओं के साथ उम्र की विसंगतियों को दूर करने को लेकर अधिकारियों के जरिये पैसे वसूली अभियान के खिलाफ आक्रोशित आशाओं ने आंदोलन के जरिये सरकार पर दबाव बनाया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री ने मासिक मानदेय को प्रोत्साहन राशि कर दिया जिसे बदलकर मानदेय करने की मांग हर आशा की है. जीने लायक मासिक मानदेय की घोषणा सरकार को जल्द करना चाहिए. सरकार अगर आशाओं-आशा फैसिलिटेटर की मांगों को पूरा नही करती है तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे.