विगत 9 अगस्त 2019 को अपने 13 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आइसा ने समस्तीपुर में अपना बिहार राज्य सम्मेलन आयोजित किया. इस अवसर पर बीआरबी कालेज परिसर से एक रैली निकाली गई जिसमें फेस्टून, झंडे और बैनर लिए व आक्रोशपूर्ण नारे लगाते हुए सैकड़ों छात्र शरीक हुए. शहीदे आजम भगत सिंह और डा. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करते हुए यह रैली शहर के कई चौक-चौराहों व बाजार से गुजरते हुए विधि महाविद्यालय पहुंची. वहां खुले सत्र के आयोजन के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई.
आइसा के संस्थापक महासचिव का. धीरेन्द्र झा ने सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि दिल्ली-पटना की सरकारें शिक्षा को बर्बाद करने पर तुली हैं. भाजपा सरकार शिक्षा के निजीकरण व भगवाकरण को तेज कर रही है. कई गुना फीस वृद्धि कर रही है जिससे आम छात्र शिक्षा से बंचित हो जायेंगे. सम्मेलन के मुख्य वक्ता अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव का. राजाराम सिंह ने कहा कि शिक्षा और खेती को बर्बाद करने वाली केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी करना होगा. आइसा के राष्ट्रीय महासचिव का. संदीप सौरभ ने कहा कि शिक्षा के निजीकरण, भगवाकरण, एवं फीस वृद्धि के खिलाफ व्यापक छात्रों को संगठन से जोड़कर आइसा देशव्यापी आंदोलन खड़ा करेगा. समस्तीपुर कालेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा. प्रभात कुमार ने कहा कि काॅलेज में शिक्षक समेत अन्य कर्मियों का पद खाली पड़ा है. साजिश के तहत मानदेय पर कुछ बहाली की जा रही है जो न्यायोचित नहीं है. आइसा को इसके खिलाफ संघर्ष की अगुवाई करनी चाहिए. सम्मेलन के इस खुले सत्र को इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, इनौस के राज्य अध्यक्ष अजीत कुशवाहा, किसान महासभा के राज्य नेता राजेन्द्र पटेल, माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, आदि समेत कई छात्र-युवा नेताओं ने संबोधित किया. इस सत्र की अध्यक्षता आइसा राज्य अध्यक्ष का. मुख्तार व संचालन राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन ने किया.
उसी दिन शाम से का. संदीप चौधरी, मोख्तार, पूनम कुमारी, प्रीति कुमारी, बाबू साहब, काज़िम इरफानी और विकेश कुमार की अध्यक्षता में सम्मेलन का प्रतिनिधि सत्र भी शुरू हो गया. सबसे पहले निवर्तमान राज्य सचिव का. शिवप्रकाश रंजन ने कामकाज की रिपोर्ट पेश की. प्रतिनिधियों ने अपने सवालों-सुझावों और इसके बाद आइसा राज्य सचिव व अध्यक्ष ने अपने स्पष्टीकरणों से इसे समृद्ध किया. प्रतिनिधियों ने करतल घ्वनि से इसे पारित किया. सम्मेलन में पर्यवेक्षक के बतौर मौजूद आइसा के राष्ट्रीय महासचिव का. संदीप सौरभ की देख रेख में 95 सदस्यीय राज्य परिषद व 47 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी व 15 पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। का. सबीर कुमार आइसा के नए राज्य अध्यक्ष के रूप में चुने गए जबकि का. मोख्तार पुनः राज्य अध्यक्ष बने. का. संदीप कुमार चौधरी, वतन कुमार, काजिम इरफानी, विकास यादव, प्रियंका प्रियदर्शनी, पूनम कुमारी, विकेश कुमार, आकाश कश्यप, चंद्रभूषण, सुनील कुमार, रामजी यादव, रंजन कुमार आइसा के नए राज्य पद धारकों की सूची में शामिल हैं.
का. मोख्तार ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में एलएनएमयू समेत अन्य विश्वविद्यालयों में छात्रओं का फीस वृद्धि, सीट कटौती, शिक्षा के निजीकरण व भगवाकरण के खिलाफ छात्र आंदोलन तेज करने की घोषणा की। नये सचिव का. सबीर कुमार ने व्यापक छात्रों को आइसा से जोड़ते हुए संगठन का विस्तार करने तथा अन्य बिेरादराना संगठनों को साथ लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने की घोषणा की. भाकपा(माले) जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने आइसा को शिक्षा, प्रगति औा जनवाद के रास्ते आगे बढ़ाते रहने का आह्वान किया. का. सुरेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा सम्मेलन में सहयोग देनेवाले नागरिकों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन तथा आइसा का झंडा-बैनर फाड़ने एवं कार्यकर्ताओं पर हमला करनेवाले एबीवीपी गुंडों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने के साथ सम्मेलन का समापन हुआ.