वर्ष - 28
अंक - 30
13-07-2019

रांची में विगत 9 जुलाई को वाम दलों ने विभिन्न जनमुद्दों को लेकर शहीद चैक से राजभवन तक प्रतिवाद मार्च निकाला. झमाझम हो रही बारिश के बीच सैकड़ों लोग शहीद चैक पर जमा हुए और कंधें पर लाल झंडा उठाए राजभवन की ओर चल पड़े. इस दौरान राज्य की रघुबर सरकार की नाकामियों के खिलाफ जोरदार नारे गूंजते रहे.

प्रतिवाद मार्च का नेतृत्व भाकपा(माले)के राज्य सचिव का. जनार्दन प्रसाद, माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी, मासस के नेता मिथिलेश सिंह और भाकपा के राज्य सचिव भुनेश्वर मेहता ने किया. राजभवन पहुंचकर माकपा नेता प्रकाश बिप्लव की अध्यक्षता में एक जनसभा आयोजित हुई. भुनेश्वर केवट (भाकपा-माले), सुखनाथ (माकपा, केडी सिंह (भाकपा), महेंदर पाठक, सुशांतो (मासस) इस जनसभा को संबोधित करनेवालों में प्रमुख थे. सभा में सैकड़ों वामपंथी कार्यकर्ता मौजूद थे.

वाम दलों ने राजभवन के अधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन दिया जिसमें माॅब लिंचिंग की घटनाओं पर रोक लगाने, हत्यारों का संरक्षण देना बंद करने, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 6 माह के अन्दर इन घटनाओं का निष्पादन कर दोषियों को सजा देने, घटनाओं की रोकथाम के लिए उपयुक्त व्यवस्था कायम करने, पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा व आश्रित को नौकरी देने की मांग प्रमुखता से शामिल थी.

वाम दलों ने रघुबर राज में भूख से मरनेवालों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए इसे झूठलाने की कोशिशें करने के बजाय हर जरूरतमंद को राशन कार्ड और पर्याप्त राशन व अन्य जरूरी सामग्री सस्ते दरों पर मुहैया करने, राशन के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म करने व भूख से होनेवाली मौतों के लिए जिला उपायुक्त को जिम्मेदार ठहराने की मांग की.

जबरिया भूमि लूट पर रोक लगाने, तीन फसली खेती और जंगल की जमीनों के अधिग्रहण पर रोक लगाने, ग्राम सभा की अनुमति के बिना भूमि अधिग्रहण की अनुमति न देने तथा विस्थापित किसानों को 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुरूप मुआवजा देने की भी मांग की गई..

राज्य में वर्षा के अभाव में अकाल की स्थिति को देखते हुए फसल बीमा का पैसा सीधा किसानों को देने, हर किसान को सस्ते खाद-बीज की आपूर्ति की गारंटी करने, वनाधिकार कानून की सख्ती से लागू करने, वन भूमि पर निवास कर रहे ग्रामीणों को खेती और आवास का अधिकार देने, भूमि बैंक बनाने की आड़ में कारपोरेटों को सरकारी भूमि लुटाना बंद करने और हर गरीब को खेती व आवासीय जमीन मुहैया कराने की भी मांग हुई.

वाम दलों ने बकोरिया, गोला, बड़कागांव, साईको पुलिस गोलीकांडों के कसूरवारों को दंडित करने, पीड़ित परिवारों को न्याय, परिजनों को उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी देने, श्रम कानूनों में संशोधन बंद करने और निर्माण मजदूरों समेत सभी असंगठित मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी देने और मंहगाई के अनुसार उसमें बढ़ोत्तरी करने की मांग भी की.

ज्ञापन में मनरेगा-आवास योजना-सामाजिक सुरक्षा पेंसन व अन्य सामाजिक कल्याण की योजनाओं में कमीशनखोरी बंद कर इन योजनाओं का लाभ हर उपयुक्त व्यक्ति को मुहैया कराने, 10 हजार बंद किये गए स्कूलों को तत्काल 13 - 19 जुलाई 2019 खोलने, शिक्षा व्यवस्था में मुकम्मल सुधार करने, रसोइया समेत हर मानदेयकर्मी को सरकारी नौकरी का दर्जा देने, जल सहिया को मानदेय मुहैया कराने, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को चुस्त-दुरुस्त व व्यापक बनाने की मांग भी शामिल थी.

वाम दलों ने पत्थलगढ़ी समेत तमाम जन आन्दोलनों को दबाने के लिए किये जा रहे फर्जी मुकदमों पर रोक लगाने व जनविरोधी कानूनों को रद्द करने की भी मांग की.